क्या आर्टिफिशियल स्वीटनर दिमाग के लिए ठीक नहीं हैं? डॉक्टर्स का कहना है कि ज़्यादा आर्टिफिशियल स्वीटनर खाने से दिमाग कमज़ोर हो सकता है।
अपनी स्किन के हिसाब से करें देखभाल: एक्सपर्ट्स बता रहे हैं कि अलग-अलग स्किन के लिए अलग-अलग तरीके अपनाने चाहिए।
विस्तार से:
- हेल्थ एक्सपर्ट्स हमें बता रहे हैं कि आर्टिफिशियल स्वीटनर, जिन्हें हम ‘शुगर सेफ’ समझकर ज़्यादा इस्तेमाल करते हैं, वे हमारे दिमाग के लिए बुरे हो सकते हैं। इससे हमारी सोचने-समझने की शक्ति कम हो सकती है।
- हार्ट और दिमाग के डॉक्टर्स इस बारे में काफी समय से रिसर्च कर रहे हैं। नए रिसर्च के मुताबिक, हमें आर्टिफिशियल स्वीटनर की एक ‘सेफ लिमिट’ तय करनी चाहिए और नेचुरल स्वीटनर का इस्तेमाल करना चाहिए।
- लाइफस्टाइल सेक्शन में, स्किन स्पेशलिस्ट बताते हैं कि ड्राई, ऑयली, सेंसिटिव और नॉर्मल स्किन के लिए अलग-अलग रूटीन और प्रोडक्ट इस्तेमाल करने चाहिए। इससे हमारी स्किन हमेशा सुरक्षित रहेगी।
- बारिश के बाद मौसम बदल रहा है, इसलिए हमें अपनी नींद, पानी पीने की मात्रा, खानपान और एक्सरसाइज पर ध्यान देना चाहिए।
आगे क्या हो सकता है:
उम्मीद है कि आने वाले समय में सरकार और मेडिकल संस्थाएं आर्टिफिशियल स्वीटनर के बारे में नई सलाह जारी करेंगी। साथ ही, स्किनकेयर में ‘पर्सनलाइजेशन’ का चलन बढ़ सकता है, जिसमें हर व्यक्ति अपनी स्किन के हिसाब से प्रोडक्ट चुनेगा।
इस खबर का मतलब है कि हमें अपनी सेहत के बारे में ज़्यादा सावधान रहना चाहिए। हमें यह जानना चाहिए कि हम क्या खा रहे हैं और अपनी स्किन की देखभाल कैसे कर रहे हैं।