संचार मंत्री ने बताया कि 3,000 से ज़्यादा सलाह-मशवरों के बाद तैयार किया गया, बिना किसी दबाव वाला AI सुरक्षा ढांचा 28 सितंबर तक आ जाएगा। DPDP एक्ट के प्रशासनिक नियम भी 28 सितंबर तक लाने की योजना है।
डिटेल में:
- भारत सरकार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के इस्तेमाल को लेकर एक नया ढांचा लेकर आई है। इसका मकसद है कि AI का इस्तेमाल सुरक्षित तरीके से हो और लोगों को इससे कोई नुकसान न हो। ये ढांचा 28 सितंबर, 2025 को जारी किया गया।
- इस नए ढांचे में AI सुरक्षा, डीपफेक और लोगों की सुरक्षा से जुड़े नियमों को साफ किया गया है। डीपफेक का मतलब है, ऐसी नकली वीडियो या ऑडियो, जो AI की मदद से बनाई जाती हैं और जिनसे किसी को भी धोखा दिया जा सकता है। सरकार चाहती है कि AI का इस्तेमाल करने वाले सभी लोग इन नियमों को मानें, ताकि किसी को भी कोई परेशानी न हो।
- संचार मंत्री ने बताया कि इस ढांचे को बनाने से पहले 3,000 से ज़्यादा लोगों से सलाह ली गई थी। ये ढांचा ऐसा है कि इस पर किसी का दबाव नहीं है और इसमें जो भी कमियाँ होंगी, उन्हें समय के साथ ठीक किया जाएगा। सरकार चाहती है कि इनोवेशन (innovation) और नियमों के बीच तालमेल बना रहे, ताकि AI का विकास भी होता रहे और लोगों को इससे कोई नुकसान भी न हो।
- इसके अलावा, सरकार डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (DPDP) एक्ट के प्रशासनिक नियम भी 28 सितंबर तक जारी करने की योजना बना रही है। इससे डेटा प्रोसेसिंग, सहमति और नियमों को लागू करने में और ज़्यादा क्लैरिटी (clarity) आएगी। डेटा प्रोसेसिंग का मतलब है, लोगों के डेटा (data) को इकट्ठा करना, उसे इस्तेमाल करना और उसे सुरक्षित रखना। सरकार चाहती है कि लोगों के डेटा (data) को सुरक्षित रखा जाए और उसका गलत इस्तेमाल न हो।
- मीडिया रिपोर्ट्स में ये भी कहा गया है कि AI सुरक्षा ढांचा लोगों को AI से होने वाले नुकसान से बचाने पर ध्यान देगा और इंडस्ट्री (industry) से लगातार बातचीत करके इसे अपडेट (update) किया जाएगा। सरकार चाहती है कि AI का इस्तेमाल करने वाले सभी लोग मिलकर काम करें, ताकि AI का इस्तेमाल सुरक्षित तरीके से हो और लोगों को इससे ज़्यादा से ज़्यादा फायदा हो।
- आजकल, टेक सेक्टर में जनरेटिव AI, सुरक्षा और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर धोखाधड़ी रोकने जैसे मुद्दों पर काफी बातें हो रही हैं। जनरेटिव AI का मतलब है, AI की मदद से नए आइडिया (idea) और कॉन्टेंट (content) बनाना। सरकार चाहती है कि जनरेटिव AI का इस्तेमाल सही तरीके से हो और इससे किसी को कोई नुकसान न हो। इन सब बातों से ये पता चलता है कि AI गवर्नेंस कितना ज़रूरी है।
- उम्मीद है कि इस ढांचे के आने के बाद, इंडस्ट्री और एजुकेशन सेक्टर से मिले फीडबैक के आधार पर नियमों को और बेहतर किया जाएगा। साथ ही, DPDP को सही तरीके से लागू करने के लिए एक प्लान भी बनाया जाएगा। सरकार चाहती है कि AI का इस्तेमाल करने वाले सभी लोग मिलकर काम करें, ताकि AI का इस्तेमाल सुरक्षित तरीके से हो और लोगों को इससे ज़्यादा से ज़्यादा फायदा हो।
आगे की बात:
उम्मीद है कि इस ढांचे के आने के बाद, इंडस्ट्री और एजुकेशन सेक्टर से मिले फीडबैक के आधार पर नियमों को और बेहतर किया जाएगा। साथ ही, DPDP को सही तरीके से लागू करने के लिए एक प्लान भी बनाया जाएगा।
