बिहार में चुनावी माहौल गरमा गया है। अमित शाह ने साफ़ कर दिया है कि एनडीए में सीटों का बंटवारा दुर्गा पूजा के बाद होगा। इसके अलावा, 11,000 से ज़्यादा सरकारी नौकरियां निकलने वाली हैं, जिस पर युवाओं की नज़र है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस बार चुनाव में नौकरी और शहरों की हालत सबसे बड़े मुद्दे होंगे। उम्मीदवार का चुनाव करते वक़्त यह भी ध्यान रखा जाएगा कि समाज में किस जाति या समुदाय का कितना वोट है।
मुख्य खबर:
- बिहार में होने वाले विधानसभा चुनावों की सुगबुगाहट तेज़ हो गई है। गृह मंत्री अमित शाह ने इशारा किया है कि एनडीए में कौन सी पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी, इसका फ़ैसला दुर्गा पूजा के बाद हो जाएगा।
- पार्टी के कार्यकर्ताओं में काफ़ी जोश है और बैठकों में इस बात पर ज़ोर दिया जा रहा है कि चुनाव कैसे जीता जाए। उम्मीदवार कौन होंगे और चुनाव प्रचार कब शुरू होगा, इस पर भी बात हो रही है।
- राज्य सरकार भी युवाओं को नौकरी देने के लिए तैयार है। शहरी विकास से जुड़े विभागों में 11,000 से ज़्यादा लोगों को भर्ती किया जाएगा। इससे शहरों में काम करने की क्षमता बढ़ेगी।
- राजनीति के जानकारों का कहना है कि इस बार चुनाव में नौकरी और शहरों की हालत जैसे मुद्दे अहम रहेंगे। पार्टियों का गठबंधन और उम्मीदवारों का चुनाव इस बात पर निर्भर करेगा कि समाज में किसका कितना दबदबा है।
आगे क्या होगा:
चुनाव आयोग जल्द ही चुनावों की तारीखों का एलान कर सकता है। उससे पहले, एनडीए को अपनी सीटों का फ़ॉर्मूला तय करना है और सरकार को भर्तियों का काम शुरू करना है। आने वाले कुछ हफ़्तों में सब कुछ साफ़ हो जाएगा।
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