केंद्र सरकार ने एक बड़े फैसले में समुद्री और जहाज निर्माण सेक्टर को फिर से खड़ा करने के लिए लगभग ₹69,725 करोड़ के पैकेज को हरी झंडी दिखा दी है। उम्मीद है कि इससे लगभग 30 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। दूसरी तरफ, लद्दाख में कुछ दिनों पहले हुई हिंसा के बाद हालात अब काबू में बताए जा रहे हैं। इसके साथ ही, सीडीएस जनरल अनिल चौहान का कार्यकाल बढ़ा दिया गया है, ताकि सैन्य सुधारों को आगे बढ़ाया जा सके।
मुख्य खबर:
- सरकार ने जहाज निर्माण और समुद्री सेक्टर को आगे बढ़ाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने ₹69,725 करोड़ के पैकेज को मंज़ूरी दी है। सरकार का कहना है कि इससे देश में रोजगार बढ़ेगा और हम आत्मनिर्भर बनेंगे।
- सरकार का मानना है कि इस फैसले से कई फायदे होंगे। तटीय इलाकों में नए इंडस्ट्रियल क्लस्टर बनेंगे, शिपयार्ड को आधुनिक बनाया जाएगा, और सप्लाई-चेन बेहतर होगी। अनुमान है कि इससे सीधे और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 30 लाख नौकरियां पैदा होंगी। सरकार का कहना है कि इस निवेश से भारत दुनिया के समुद्री व्यापार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा पाएगा और अपनी रक्षा जरूरतों को भी पूरा कर सकेगा।
- हालांकि, लद्दाख में कुछ दिन पहले प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई थी, जिसमें चार लोगों की जान चली गई और कई घायल हो गए थे। इसके बाद प्रशासन ने कर्फ्यू लगा दिया था। केंद्र सरकार का कहना है कि अब स्थिति नियंत्रण में है। गृह मंत्रालय ने कहा है कि इस घटना को भड़काने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, लेह-लद्दाख में शांति बनाए रखने और बातचीत करने की अपील भी की गई है।
- रक्षा मामलों में, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान का कार्यकाल आठ महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि थिएटराइजेशन जैसे जरूरी सैन्य सुधारों को पूरा किया जा सके।
- जानकारों का मानना है कि जहाज निर्माण पैकेज से रक्षा और नौसेना के प्रोजेक्ट्स में देश में ही सामान बनाने को बढ़ावा मिलेगा। मेक इन इंडिया के तहत एक्सपोर्ट करने की क्षमता भी बढ़ेगी। इसके अलावा, तटीय राज्यों में इन्फ्रास्ट्रक्चर और रोजगार बढ़ने से अर्थव्यवस्था को भी फायदा होगा।
आगे की राह:
सरकार जल्द ही प्रोजेक्ट्स को लागू करने के लिए एक प्लान और समय सीमा तय कर सकती है। साथ ही, लद्दाख में शांति बहाल करने और दोषियों को पकड़ने पर भी ध्यान दिया जाएगा।
