परिचय
पटना में, गुलज़ारबाग इलाक़े के पास, एक ऐसा स्थान है जो इतिहास, रहस्य और आस्था का संगम है - अगम कुआँ। ये कोई साधारण कुआँ नहीं है; ये मौर्य सम्राट अशोक के समय का माना जाता है और इसके साथ कई कहानियाँ और मान्यताएँ जुड़ी हुई हैं। कुएँ के ठीक बगल में शीतला देवी का मंदिर है, जहाँ लोग बीमारियों से छुटकारा पाने और अपनी मनोकामनाएँ पूरी करने के लिए आते हैं। ये जगह इतिहास प्रेमियों, धार्मिक यात्रियों और फ़ोटोग्राफ़रों को अपनी ओर खींचती है।
इतिहास और किंवदंतियाँ
अगम कुआँ का इतिहास सदियों पुराना है। कुछ लोगों का मानना है कि इसे सम्राट अशोक ने बनवाया था। 19वीं सदी में जब इतिहासकार पाटलिपुत्र के खंडहरों का अध्ययन कर रहे थे, तब उन्होंने इस कुएँ को अशोक के यातना कूप से जोड़ा था, जिसे अशोक का नरक भी कहा जाता था। कहा जाता है कि अशोक अपने दुश्मनों को इस कुएँ में डालकर मार डालते थे। हालाँकि, इस बात का कोई ठोस पुरातात्विक प्रमाण नहीं मिला है।
एक और कहानी जैन धर्म से जुड़ी है। कहा जाता है कि राजा चंद्र ने साधु सुदर्शन को इस कुएँ में फेंक दिया था, लेकिन वे चमत्कारिक ढंग से कमल के फूल पर बैठे हुए पाए गए। इस घटना ने इस जगह की आध्यात्मिक महत्ता को और बढ़ा दिया।
क्या-क्या देखें
- अगम कुआँ: ये कुआँ लगभग 105 फीट गहरा है और इसका व्यास 15 फीट है। कुएँ का ऊपरी भाग ईंटों से बना है, जबकि निचले भाग में लकड़ी के छल्ले लगे हुए हैं।
- आठ मेहराबी झरोखे: कुएँ के चारों ओर आठ सुंदर मेहराबी खिड़कियाँ बनी हुई हैं, जो इसकी सुंदरता को और बढ़ाती हैं। ये झरोखे फ़ोटोग्राफ़ी के लिए बेहतरीन दृश्य प्रस्तुत करते हैं।
- शीतला देवी मंदिर: कुएँ के पास ही शीतला देवी का मंदिर है। यहाँ सप्तमातृकाओं की मूर्तियाँ स्थापित हैं। लोग मानते हैं कि शीतला देवी चेचक और चिकनपॉक्स जैसी बीमारियों से बचाती हैं।
- मूर्तियाँ: इस परिसर में प्राचीन और मध्यकालीन मूर्तियों के अवशेष भी मिलते हैं। हालाँकि, यहाँ कभी यक्ष की एक प्रतिमा भी हुआ करती थी, जो अब उपलब्ध नहीं है।
घूमने का अनुभव
अगम कुआँ एक ऐसी जगह है जहाँ इतिहास और आस्था आपस में मिलते हैं। एक तरफ, यहाँ सम्राट अशोक की कहानियाँ हैं, तो दूसरी तरफ शीतला देवी के मंदिर में भक्तों की श्रद्धा है। लोग कुएँ में सिक्के और फूल डालते हैं, और यहाँ के पानी को पवित्र मानते हैं। कुएँ के चारों ओर बनी मेहराबें फ़ोटोग्राफ़ी के लिए शानदार फ्रेम बनाती हैं। यहाँ घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक होता है, जब मौसम सुहावना रहता है।
कैसे पहुँचे
- हवाई मार्ग: सबसे नज़दीकी हवाई अड्डा जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (PAT) है, जो अगम कुआँ से लगभग 12-12.5 किलोमीटर दूर है। टैक्सी से यहाँ पहुँचने में लगभग 10-12 मिनट लगते हैं।
- रेल मार्ग: सबसे नज़दीकी स्टेशन गुलजारबाग (GZH) है। ये स्टेशन पटना के सभी प्रमुख स्टेशनों से जुड़ा हुआ है, जैसे कि पटना जंक्शन, राजेंद्र नगर टर्मिनल, दानापुर और पटना साहिब।
- सड़क मार्ग: अगम कुआँ रणिपुर/गुलजारबाग क्षेत्र के पास स्थित है। यहाँ टैक्सी, ऑटो या लोकल बस से आसानी से पहुँचा जा सकता है।
कहाँ ठहरें
अगर आप यहाँ रुकना चाहते हैं, तो बिहार स्टेट टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन का होटल कौटिल्य विहार एक अच्छा विकल्प है। इसके अलावा, शहर में कई निजी होटल भी उपलब्ध हैं, जैसे कि होटल चाणक्य, द पनाचे और गार्गी ग्रैंड। ये होटल अलग-अलग बजट और सुविधाओं के साथ उपलब्ध हैं।
संस्कृति
अगम कुआँ और शीतला देवी मंदिर में सिक्के और फूल चढ़ाने की परंपरा यहाँ की संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। मंदिर में होने वाली धार्मिक गतिविधियाँ और भक्तों की भीड़ यहाँ की संस्कृति को करीब से जानने का अवसर प्रदान करती हैं।
निष्कर्ष
अगम कुआँ एक ऐसी जगह है जहाँ इतिहास, आस्था और रहस्य आपस में जुड़े हुए हैं। ये एक ऐसा स्थान है जो आपको अतीत में ले जाता है, शांति प्रदान करता है और आपकी फ़ोटोग्राफ़ी की इच्छा को भी पूरा करता है। अगर आप पटना घूमने जा रहे हैं, तो अगम कुआँ ज़रूर जाएँ।

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