आइजोल में कई क्षेत्रों की परियोजनाओं का लोकार्पण; ₹8,070 करोड़ की बैराबी-सैरांग रेल लाइन से पहली बार मिजोरम राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से जुड़ा। प्रधानमंत्री ने सैरांग-दिल्ली राजधानी सहित तीन नई ट्रेनों को दिखाई हरी झंडी; 45 कि.मी. आइजोल बाईपास व अन्य सड़कों का शिलान्यास किया गया। कार्यक्रम सुबह 10 बजे के आसपास निर्धारित था; खराब मौसम की स्थिति में स्थल बदलने की संभावना थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने तीन दिवसीय बहु-राज्यीय दौरे की शुरुआत आज, 13 सितंबर 2025 को मिजोरम की राजधानी आइजोल से की। उन्होंने यहां ₹9000 करोड़ से ज़्यादा की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया।
आइजोल में प्रधानमंत्री का कार्यक्रम सुबह लगभग 10 बजे शुरू हुआ। सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए थे और मौसम को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रम स्थल को बदलने की संभावना भी थी। यह आयोजन राज्य की कनेक्टिविटी, ऊर्जा, खेल और शिक्षा जैसे कई क्षेत्रों में विकास को गति देने के लिए एक बड़ी पहल का हिस्सा है।
रेल कनेक्टिविटी की बात करें तो प्रधानमंत्री ने बैराबी-सैरांग नई रेल लाइन का उद्घाटन किया। इस परियोजना की लागत ₹8,070 करोड़ से ज़्यादा है और यह मिजोरम की राजधानी को पहली बार राष्ट्रीय रेलवे नेटवर्क से जोड़ती है। लगभग 51.38 कि.मी. लंबी यह ब्रॉड-गेज लाइन मुश्किल भौगोलिक परिस्थितियों में बनाई गई है। इसमें 45 सुरंगें, 55 बड़े और 88 छोटे पुल शामिल हैं, जो इंजीनियरिंग का एक शानदार नमूना है। सैरांग स्टेशन आइजोल से लगभग 22 कि.मी. दूर है, जिससे राजधानी और पूर्वोत्तर के बड़े शहरों के बीच यात्रा आसान हो जाएगी।
प्रधानमंत्री ने सैरांग (आइजोल)-दिल्ली (आनंद विहार टर्मिनल) राजधानी एक्सप्रेस, सैरांग-गुवाहाटी एक्सप्रेस और सैरांग-कोलकाता एक्सप्रेस को भी हरी झंडी दिखाई। इन ट्रेनों से पूर्वोत्तर के लोगों के लिए तेज़, सुरक्षित और किफ़ायती यात्रा का विकल्प मिलेगा। इन नई ट्रेनों से अस्पतालों, विश्वविद्यालयों और बाज़ारों तक पहुंच आसान होगी। इससे क्षेत्रीय शिक्षा, सांस्कृतिक और आर्थिक संबंध भी मज़बूत होंगे और पर्यटन के नए अवसर पैदा होंगे।
सड़क बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में, 45 कि.मी. लंबे आइजोल बाईपास रोड सहित कई परियोजनाओं की नींव रखी गई। इसका उद्देश्य शहर में भीड़ कम करना और लुंगलई, सियाहा, लॉन्गतलाई, लेंगपुई हवाई अड्डे और सैरांग रेलवे स्टेशन तक बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित करना है। PM-DevINE के तहत लगभग ₹500 करोड़ की लागत से बनने वाला यह बाईपास दक्षिणी ज़िलों से आइजोल पहुंचने का समय लगभग 1.5 घंटे तक कम कर देगा। इसके अलावा, थेंजावल-सियलसुक और खनकॉन-रोंगुरा सड़कें NESIDS (Roads) के अंतर्गत कृषि-व्यवसायों और बाज़ार पहुंच को बढ़ावा देंगी। लॉन्गतलाई-सियाहा मार्ग पर चहिमतुइपुई नदी पर पुल का शिलान्यास भी किया गया, जो हर मौसम में आवाजाही को आसान बनाएगा और यात्रा का समय लगभग दो घंटे कम कर देगा। साथ ही, यह कलादान मल्टी-मोडल ट्रांज़िट के तहत सीमा पार व्यापार को भी बढ़ावा देगा।
ऊर्जा और खेल के क्षेत्र में, आइजोल के मुअलखांग में 30 TMTPA क्षमता का LPG बॉटलिंग प्लांट स्थापित करने की नींव रखी गई। इससे मिजोरम और पड़ोसी राज्यों में ईंधन की सप्लाई ठीक रहेगी और स्थानीय लोगों के लिए रोज़गार के अवसर भी पैदा होंगे। तुइकुआल में खेलो इंडिया मल्टीपरपज़ इंडोर हॉल की नींव रखी गई, जो युवाओं को आधुनिक खेल सुविधाएं देगा और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए प्रतिभाओं को तैयार करेगा।
शिक्षा के क्षेत्र में, मामित आकांक्षी ज़िले के कावर्थाह में PMJVK के तहत रेज़िडेंशियल स्कूल और त्लंगनुआम में एकलव्य मॉडल रेज़िडेंशियल स्कूल का उद्घाटन किया गया। इससे स्कूलों में बच्चों का नामांकन बढ़ेगा, स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की संख्या कम होगी और जनजातीय युवाओं को अच्छी शिक्षा मिल सकेगी।
कार्यक्रम के अनुसार, प्रधानमंत्री सुबह 9 बजे लेंगपुई हवाईअड्डे पहुंचे, फिर हेलिकॉप्टर से थुआम्पुई हेलीपैड गए और 10 बजे लम्मुआल मैदान में जनसभा को संबोधित किया। हालांकि, खराब मौसम की वजह से कार्यक्रम स्थल को बदलने की संभावना भी थी। राज्य भर में सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए थे ताकि कार्यक्रम ठीक से हो सके।
पूर्वोत्तर अब प्रगति के लिए इंतज़ार कर रहा कोई सीमावर्ती क्षेत्र नहीं है, बल्कि यह भारत के विकास की कहानी का एक अहम हिस्सा है। - पीएमओ इंडिया
यह रेल लाइन परियोजना चुनौतीपूर्ण पहाड़ी इलाके में बनाई गई है। इसमें 45 सुरंगें, 55 बड़े पुल और 88 छोटे पुल हैं। - बैराबी-सैरांग पर पीआईबी का बयान
इस बेहतर कनेक्टिविटी से अस्पतालों, विश्वविद्यालयों और बाज़ारों तक पहुंच बेहतर होगी... और इससे क्षेत्र में पर्यटन को भी काफ़ी बढ़ावा मिलेगा। - आधिकारिक बयान
51 कि.मी. में 45 सुरंगें, 55 पुल। - अश्विनी वैष्णव ने परियोजना के बारे में कहा
पृष्ठभूमि:
यह कार्यक्रम 13-15 सितंबर के बीच प्रधानमंत्री के पांच राज्यों - मिजोरम, मणिपुर, असम, पश्चिम बंगाल और बिहार - के दौरे का हिस्सा है। इस दौरान कुल ₹71,000 करोड़ से ज़्यादा की परियोजनाओं का उद्घाटन/शिलान्यास किया जाना है। बैराबी-सैरांग रेल लाइन 'एक्ट ईस्ट' नीति के तहत पूर्वोत्तर को राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से सीधे जोड़ने का एक ऐतिहासिक कदम है। इससे मिजोरम को देश के बाकी हिस्सों से सीधा संपर्क मिलेगा। सैरांग स्टेशन के शुरू होने से मालगाड़ियों की आवाजाही भी जल्द शुरू हो जाएगी, जिससे ज़रूरी सामान की सप्लाई सस्ती और समय पर हो सकेगी।
अतिरिक्त जानकारी:
पीआईबी के अनुसार, सैरांग से मालगाड़ी सेवा कार्यक्रम के तुरंत बाद शुरू करने की योजना है। इससे उर्वरकों, खाद्यान्न और ज़रूरी सामान की सप्लाई चेन मज़बूत होगी। आइजोल बाईपास के बनने से दक्षिणी ज़िलों से राजधानी तक पहुंचने में लगने वाला समय 1.5 घंटे तक कम हो जाएगा, जबकि चहिमतुइपुई पुल से यात्रा के समय में लगभग दो घंटे की कटौती होगी।


