कैबिनेट से मिली बड़ी मंजूरी से जहाजरानी में निवेश बढ़ेगा और रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
जीएसटी की दरों में बदलाव को ‘बचत उत्सव’ के तौर पर दिखाया जा रहा है और राज्यों में व्यापारियों से बातचीत चल रही है। भारत और अमेरिका के बीच व्यापार के मामलों में भी कुछ प्रगति हुई है।
जीएसटी की दरों में बदलाव को ‘बचत उत्सव’ के तौर पर दिखाया जा रहा है और राज्यों में व्यापारियों से बातचीत चल रही है। भारत और अमेरिका के बीच व्यापार के मामलों में भी कुछ प्रगति हुई है।
मुख्य खबर:
- केंद्र सरकार का 69,725 करोड़ रुपये का जहाजरानी पैकेज देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा कदम है। इससे देश में उत्पादन बढ़ेगा, सामानों की ढुलाई आसान होगी और निर्यात के अवसर भी बढ़ेंगे
- व्यापार जगत में जीएसटी को लेकर चर्चा चल रही है। राज्यों में जीएसटी की दरों में बदलाव को ‘बचत उत्सव’ के तौर पर प्रचारित किया जा रहा है, जिससे त्योहारों के दौरान मांग बढ़े और लोग आसानी से टैक्स भर सकें।
- भारत और अमेरिका के बीच व्यापार से जुड़े कुछ मसलों पर अच्छी खबर है। खासकर ऊर्जा खरीदने और टैरिफ विवादों को लेकर बातचीत में प्रगति हुई है। यह भारत और अमेरिका के बीच मजबूत आर्थिक साझेदारी का संकेत है।
- उद्योग जगत में रक्षा, विमानन और समुद्री सप्लाई चेन को देश में ही बनाने पर जोर दिया जा रहा है। एलएंडटी और बीईएल जैसी कंपनियां मिलकर आधुनिक हथियार और उपकरण बनाने पर काम कर रही हैं।
- किसानों की शिकायत है कि कपास की फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से कम दाम पर बिक रही है। इसलिए, सरकार से मांग की जा रही है कि वह इसमें दखल दे ताकि किसानों की आय बनी रहे और कीमतों में स्थिरता आए।
- देश में बड़े ट्रेड-शो और प्रदर्शनियां हो रही हैं, जिनमें निवेशक और विदेशी प्रतिनिधिमंडल आ रहे हैं। इससे कंपनियों के बीच संपर्क बढ़ रहा है और ऑर्डर मिलने की उम्मीद भी बढ़ रही है।
आगे की राह:
कैबिनेट के फैसले और जीएसटी में बदलाव का असर अब जमीन पर दिखना बाकी है। त्योहारों के सीजन में मांग और आपूर्ति कैसी रहती है और कोर सेक्टर के आंकड़े क्या बताते हैं, ये सब मिलकर तय करेंगे कि देश की अर्थव्यवस्था किस दिशा में जा रही है।

