कंज्यूरिंग यूनिवर्स की नई फिल्म आ गई है! द कंज्यूरिंग: लास्ट राइट्स एक एटमॉस्फेरिक हॉरर फिल्म है जो वॉरेन्स के आखिरी केस की कहानी कहती है। फिल्म में डर के साथ-साथ पारिवारिक भावनाओं को भी बखूबी दिखाया गया है। हालाँकि ये पूरी तरह से परफेक्ट नहीं है, पर ये फिल्म आपको डराने में ज़रूर कामयाब होती है। ये फिल्म उन लोगों को ज़रूर पसंद आएगी जो कंज्यूरिंग सीरीज़ के फैन हैं, हालाँकि कुछ सीन आपको पहले जैसे लग सकते हैं।
एक झलक
फिल्म 5 सितंबर 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज़ हो चुकी है। इसे माइकल चावेस ने बनाया है। फिल्म में पैट्रिक विल्सन, वीरा फ़ार्मिगा, मिया टॉमलिनसन और बेन हार्डी जैसे कलाकार हैं। ये कंज्यूरिंग यूनिवर्स की नौवीं फिल्म है और ये Smurl haunting केस पर आधारित है। अगर आप कंज्यूरिंग सीरीज़ पसंद करते हैं या आपको क्लासिक हॉरर फिल्में पसंद हैं, तो ये फिल्म आपके लिए ही है।
कहानी क्या है?
फिल्म की कहानी एड और लोरेन वॉरेन के आखिरी केस के बारे में है। उन्हें पेनसिल्वेनिया के स्मर्ल परिवार के साथ अजीब और डरावनी घटनाओं का सामना करना पड़ता है। अब जूडी वॉरेन बड़ी हो गई है और टोनी स्पेरा के साथ मिलकर कहानी को इमोशनल टच देती है, जिससे सब कुछ और भी पर्सनल लगने लगता है। फिल्म धीरे-धीरे आगे बढ़ती है, लेकिन बीच-बीच में डरावने सीन्स आते रहते हैं जो आपको सीट से उछलने पर मजबूर कर देंगे।कलाकारों का जादू
वीरा फ़ार्मिगा और पैट्रिक विल्सन की केमिस्ट्री इस फिल्म की जान है। फ़ार्मिगा ने अपनी भूमिका को बहुत ही संवेदनशीलता से निभाया है, वहीं विल्सन ने अपनी भूमिका को गंभीरता से निभाया है। मिया टॉमलिनसन (जूडी) और बेन हार्डी (टोनी स्पेरा) ने भी अच्छा काम किया है, जिससे फिल्म और भी दिलचस्प लगती है। स्टीव कौल्टर (फादर गॉर्डन) और शैनन कूक (ड्रू) जैसे सपोर्टिंग कलाकारों ने भी कहानी को दमदार बनाने में मदद की है।
डायरेक्शन और कहानी
माइकल चावेस ने फिल्म को बहुत ही अच्छे तरीके से डायरेक्ट किया है। उन्होंने डर, माहौल और साउंड पर खास ध्यान दिया है। इयान गोल्डबर्ग, रिचर्ड नैंग और डेविड लेज़ली जॉनसन-मैगोल्ड्रिक की लिखी कहानी में जांच, पारिवारिक भावनाएं और केस-फाइल स्ट्रक्चर को अच्छे से बैलेंस किया गया है। डायलॉग्स छोटे और सटीक हैं। हाँ, कुछ जगहों पर कहानी थोड़ी जानी-पहचानी लग सकती है, लेकिन आखिर तक ये आपको बांधे रखती है।
म्यूजिक और टेक्निक
बेंजामिन वाल्फ़िश का म्यूजिक फिल्म में डर और रोमांच भर देता है। सिनेमैटोग्राफी (इलाई बॉर्न) ने अंधेरे और तंग जगहों का इस्तेमाल करके डर का माहौल बनाया है। एडिटिंग (एलिएट ग्रीनबर्ग, ग्रेगरी प्लॉटकिन) कमाल की है, खासकर डरावने सीन्स में। VFX सुपरवाइजर स्कॉट एडलस्टीन की टीम ने डिजिटल और असली इफेक्ट्स को मिलाकर जो डरावने दृश्य बनाए हैं, वो देखने लायक हैं।
खास बातें और कमज़ोरियाँ
इस फिल्म की सबसे अच्छी बात है वीरा फ़ार्मिगा और पैट्रिक विल्सन की केमिस्ट्री। कुछ डरावने सीन्स भी कमाल के हैं। अगर आप कंज्यूरिंग सीरीज़ के फैन हैं, तो आपको पुराने किरदारों की झलकियाँ देखकर बहुत मज़ा आएगा। कमजोरियों की बात करें तो, कुछ जगहों पर कहानी थोड़ी घिसी-पिटी लगती है और फिल्म थोड़ी लंबी भी लगती है। लेकिन आखिर में, फिल्म आपको एक अच्छा अनुभव देती है।
आखिरी फैसला
कुल मिलाकर, द कंज्यूरिंग: लास्ट राइट्स एक अच्छी हॉरर फिल्म है जिसमें डर, भावनाएं और तकनीक का सही मिश्रण है। अगर आप कंज्यूरिंग यूनिवर्स और केस-फाइल हॉरर पसंद करते हैं, तो ये फिल्म आपको ज़रूर पसंद आएगी। लेकिन अगर आप कुछ नया देखना चाहते हैं, तो ये फिल्म आपको थोड़ी औसत लग सकती है। मेरी राय में, ये फिल्म 5 में से 3.5 स्टार डिज़र्व करती है। कंज्यूरिंग फैंस के लिए ये एक मस्ट-वॉच है, और बाकी लोगों के लिए ये एक अच्छा वीकेंड वॉच हो सकती है।

