वक्फ संशोधन कानून को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड अपनी रणनीति बनाएगा। इस बीच, देश में कई और राजनीतिक मुद्दे भी चर्चा में हैं। तालिबान की प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों को लेकर हुए विवाद पर सरकार के 'कोई भूमिका नहीं' कहने से भी सियासी माहौल गर्म है।
मुख्य खबर:
वक्फ संशोधन कानून पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) की एक ज़रूरी मीटिंग आज दिल्ली में होने वाली है। इसमें आगे क्या करना है और कानूनी तौर पर कैसे आगे बढ़ना है, इस पर गहराई से बात होगी। यह मीटिंग इसलिए ज़रूरी है क्योंकि इससे जुड़े मुद्दे समाज, धर्म और संपत्ति के प्रबंधन से जुड़े हैं। इस मीटिंग में जो भी बातें होंगी, उसका असर समुदाय और कानून बनाने वालों पर पड़ेगा। यहां तक कि इसकी गूंज संसद और राज्य स्तर तक सुनाई दे सकती है।
इस बीच, तालिबान की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों के न होने पर काफी हंगामा हुआ है। सरकार ने इस पर कहा है कि उसकी कोई भूमिका नहीं है, जिससे राजनीतिक माहौल और गरमा गया है। अब सवाल उठ रहे हैं कि प्रेस की आज़ादी कितनी है, सबको प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए या नहीं और कूटनीति के क्या नियम होने चाहिए। मीटिंग के बाद क्या नतीजा निकलता है और सरकार का क्या रुख रहता है, इस पर सबकी निगाहें टिकी हैं। टकराव होगा या बातचीत, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन इसका असर कानून बनाने की प्रक्रिया पर ज़रूर पड़ेगा।
आगे क्या होगा:
AIMPLB की मीटिंग के बाद जो प्रस्ताव आएगा और कानूनी रणनीति बनेगी, उससे तस्वीर साफ होगी। सरकार के जवाब के बाद विपक्ष और सरकार के बीच इस मुद्दे पर बहस और तेज़ हो सकती है।
