सरकार ने शिक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को बढ़ावा देने के लिए कमर कस ली है। 2025-26 के बजट में इसके लिए पूरे 500 करोड़ रुपये का भारी-भरकम बजट रखा गया है। इसका मकसद क्या है? स्कूलों और कॉलेजों में AI से जुड़े नए-नए टूल्स को इस्तेमाल करना, शिक्षकों को AI की मदद से बेहतर तरीके से पढ़ाना और शिक्षा के क्षेत्र में रिसर्च और नए आइडिया को बढ़ावा देना।
क्या है सरकार की योजना?
सरकार देश में AI के लिए खास सेंटर बनाने जा रही है। ये सेंटर शिक्षा में AI को इस्तेमाल करने के तरीके खोजेंगे और बताएंगे। इसके लिए 500 करोड़ रुपये दिए गए हैं। यह सब 'भारतAI मिशन' के साथ मिलकर किया जा रहा है। इस मिशन का लक्ष्य है कि AI की मदद से लोगों को नई चीजें सीखने और शिक्षा को बेहतर बनाने में मदद मिले। साथ ही, सरकार GPU-कंप्यूटिंग जैसी चीजों को भी बढ़ावा दे रही है, ताकि AI के लिए जरूरी तकनीक आसानी से मिल सके।
क्यों जरूरी है ये सब?
सरकार चाहती है कि शिक्षा में AI का इस्तेमाल करके सभी को बराबरी का मौका मिले और लोगों को नई चीजें सीखने में मदद मिले। AI की मदद से पढ़ाई के तरीके, टेस्ट और सीखने के अलग-अलग रास्तों को बेहतर बनाया जा सकता है। इससे हर बच्चा अपनी जरूरत के हिसाब से सीख पाएगा।
विशेषज्ञों की राय
जानकारों का कहना है कि सरकार को GPU जैसी चीजों को आसानी से उपलब्ध कराने, शिक्षकों को AI की ट्रेनिंग देने और डेटा को सुरक्षित रखने के नियमों पर ध्यान देना चाहिए। तभी AI का असली फायदा स्कूलों और कॉलेजों तक पहुंच पाएगा और लोगों को नौकरी मिलने में आसानी होगी।
आगे क्या होगा?
आने वाले महीनों में सरकार बताएगी कि ये सेंटर कैसे काम करेंगे, कौन-कौन कंपनियां और कॉलेज इसमें साथ मिलकर काम करेंगे और AI को शिक्षा में इस्तेमाल करने के लिए क्या नए तरीके अपनाए जाएंगे। इससे पता चलेगा कि सरकार शिक्षा में AI को लेकर कितनी गंभीर है और वह इसे कैसे आगे बढ़ाना चाहती है।
यह खबर क्यों जरूरी है?
2025-26 के बजट में शिक्षा के लिए AI सेंटर को 500 करोड़ रुपये दिए गए हैं। 'भारतAI मिशन' और नई कंप्यूटिंग तकनीक की मदद से शिक्षा में नए आइडिया, शिक्षकों की ट्रेनिंग और लोगों को नई चीजें सीखने में मदद मिलेगी।
