इस बार का 'हार्वेस्ट मून' अक्टूबर में सामान्य से थोड़ा देर से दिखाई देगा। भारत में इसे 6 और 7 अक्टूबर को देखने का बेहतरीन मौका मिलेगा। सबसे अच्छा नज़ारा देखने के लिए आसमान साफ़ होना चाहिए और पूर्वी दिशा में कोई रुकावट नहीं होनी चाहिए।
मुख्य खबर:
वैज्ञानिकों का कहना है कि 2025 का 'हार्वेस्ट मून' एक खास वजह से अक्टूबर में थोड़ा देर से दिखाई देगा। ऐसा संयोग 1970 से 2050 के बीच केवल 18 बार ही होगा। भारत में 6 और 7 अक्टूबर को ज़्यादातर जगहों पर मौसम साफ़ रहने की उम्मीद है, जिससे इसे आसानी से देखा जा सकेगा। जिन जगहों पर रोशनी कम होगी, वहाँ नज़ारा और भी शानदार होगा।
'हार्वेस्ट मून', शरद ऋतु के आसपास दिखने वाला पूर्णिमा का चाँद होता है। पुराने समय में किसानों के लिए इसका बहुत महत्व था, क्योंकि इसकी रोशनी में वे देर रात तक अपनी फसल काट सकते थे।
खगोल विज्ञान में दिलचस्पी रखने वालों के लिए एक और अच्छी खबर है। आज शाम को शनि ग्रह और चंद्रमा एक दूसरे के करीब दिखाई देंगे। अगर आसमान साफ़ रहा, तो शहरों में भी इसे देखा जा सकता है।
'हार्वेस्ट मून' को अच्छे से देखने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है:
- किसी ऐसी जगह पर जाएँ जहाँ पूर्वी दिशा में कोई इमारत या पेड़ न हो।
- ध्यान रखें कि उस दिन बादल न हों।
- चाँद निकलने का समय पता कर लें, ताकि आप सही समय पर नज़ारा देख सकें।
इस तरह की खगोलीय घटनाएँ विज्ञान के बारे में जानने और समझने में लोगों की रुचि बढ़ाती हैं। खासकर जब इन्हें देखना इतना आसान हो।
निष्कर्ष:
अगर मौसम ने साथ दिया, तो सोमवार और मंगलवार की शाम को भारत में 'हार्वेस्ट मून' का अद्भुत नज़ारा देखने को मिलेगा। ऐसा मौका फिर 2028 से पहले नहीं आएगा।
