PM-SETU: युवाओं को वैश्विक स्किल मांग से जोड़ने की बड़ी पहल

हमारे प्रधानमंत्री का कहना है कि PM-SETU योजना हमारे देश के युवाओं को दुनिया भर में ज़रूरी स्किल्स सिखाएगी, जिससे उन्हें ज़्यादा नौकरियाँ मिलेंगी। इस योजना का लक्ष्य है कि युवाओं को बेहतर ट्रेनिंग दी जाए, उनकी स्किल्स को बढ़ाया जाए, और उन्हें इंडस्ट्री की ज़रूरतों के हिसाब से तैयार किया जाए ताकि वे नौकरी पाने के काबिल बन सकें।

मुख्य खबर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार की PM-SETU योजना हमारे देश के युवाओं के लिए एक पुल की तरह काम करेगी, जो उन्हें दुनिया में बदलती स्किल्स की माँगों से जोड़ेगी। इससे वे दुनिया भर में नौकरी पाने के लिए बेहतर तरीके से मुकाबला कर पाएँगे।

प्रधानमंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि यह योजना इस तरह से बनाई गई है कि युवाओं को इंडस्ट्री की ज़रूरतों के हिसाब से कोर्स कराए जाएँगे, उन्हें नौकरी के दौरान ट्रेनिंग दी जाएगी, और उन्हें विदेशों में भी काम करने के मौके मिलेंगे। इस योजना का मकसद है कि पढ़ाई और नौकरी के बीच जो अंतर है, उसे कम किया जाए। युवाओं को नई और पुरानी, दोनों तरह की स्किल्स सिखाई जाएँगी।

सरकार का कहना है कि इससे हमारे देश में सामान बनाने वाली और सर्विस देने वाली कंपनियों को तो कुशल लोग मिलेंगे ही, साथ ही दुनिया भर में जो सामान और सेवाएं सप्लाई की जाती हैं, उसमें भी हमारे देश के युवाओं की भागीदारी बढ़ेगी।

अगर हम थोड़ा पीछे देखें, तो COVID-19 के बाद दुनिया की अर्थव्यवस्था में डिजिटल, ग्रीन और आधुनिक तरीके से सामान बनाने की स्किल्स की माँग बहुत तेज़ी से बढ़ी है। PM-SETU जैसी योजनाएँ इसी माँग को पूरा करने के लिए युवाओं को तैयार कर रही हैं।

केंद्र सरकार का यह भी कहना है कि स्किल्स पर ध्यान देने से ज़्यादा नौकरियाँ पैदा होंगी, हमारे देश से ज़्यादा सामान बाहर भेजा जाएगा, और काम करने की क्षमता भी बढ़ेगी। इस योजना में युवाओं को इंडस्ट्री से जुड़ी ट्रेनिंग दी जाएगी, उन्हें सर्टिफिकेट दिए जाएँगे, और उन्हें विदेशों में नौकरी खोजने में भी मदद की जाएगी ताकि ज़्यादा से ज़्यादा युवाओं को नौकरियाँ मिल सकें।

अगर हम इस योजना के असर की बात करें, तो यह एक बड़ा कदम है क्योंकि आज के समय में नई तकनीकें, जैसे कि एआई, ऑटोमेशन और डिजिटल सेवाएँ, तेज़ी से बढ़ रही हैं, और हमें अपने युवाओं को इन तकनीकों के लिए तैयार करना होगा। इंडस्ट्री और कॉलेजों को मिलकर काम करना होगा, कोर्सों को अपडेट करना होगा, और विदेशों में नौकरी खोजने के लिए बेहतर सिस्टम बनाने होंगे। अगर यह सब ठीक से किया गया, तो छोटी कंपनियों से लेकर बड़ी कंपनियों तक, सभी को कुशल लोग मिल पाएँगे।

आगे की राह

आने वाले हफ़्तों में, यह बताया जाएगा कि इस योजना को कैसे लागू किया जाएगा, कौन-कौन सी इंडस्ट्री इसमें साथ देंगी, और किन सेक्टरों पर ध्यान दिया जाएगा। इससे हमें यह पता चलेगा कि कितने युवाओं को फ़ायदा होगा और ट्रेनिंग कैसी होगी।

Raviopedia

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