प्रस्ताव 50-43 के वोट से फिर फेल; उड़ानों में लेट-लतीफ़ी, कर्मचारियों की तनख्वाह का कोई ठिकाना नहीं; जनता दोनों पार्टियों से खफ़ा।
ताज़ा खबर:
अमेरिकी सीनेट ने एक ज़रूरी बिल को मंज़ूरी नहीं दी, जो सरकार को थोड़ी देर के लिए चलाने के लिए ज़रूरी था। हाउस में तो ये पास हो गया था, लेकिन सीनेट में 60 वोट चाहिए थे, जबकि मिले सिर्फ़ 50-43। इसलिए, कामकाज ठप होने का ये तीसरा हफ़्ता है और सरकारी काम और भी ज़्यादा अटक गए हैं।
खबरों के मुताबिक, कुछ डेमोक्रेट और एक इंडिपेंडेंट सीनेटर रिपब्लिकन के साथ दिखे, यानी उन्होंने बिल के ख़िलाफ़ वोट किया। वहीं, एक डेमोक्रेटिक सीनेटर ग़ायब थे। इस वजह से ज़रूरी वोट नहीं मिल पाए और मामला जस का तस बना रहा।
इस शटडाउन की वजह से हज़ारों सरकारी कर्मचारियों पर असर पड़ा है। कई दफ़्तरों में काम बंद हो गया है और तनख्वाह मिलने में भी परेशानी हो रही है, जिससे लोगों के घर के बजट और आस-पास के बाज़ारों पर असर पड़ रहा है।
हवाई जहाजों के उड़ने में भी देरी हो रही है, क्योंकि एयर ट्रैफिक कंट्रोलर कम हैं। बोस्टन से ह्यूस्टन तक की उड़ानें लेट हो रही हैं, जिससे घूमने-फिरने वालों और टूरिज्म इंडस्ट्री को काफ़ी परेशानी हो रही है।
कुछ सामाजिक संस्थाएँ सरकारी कर्मचारियों की मदद के लिए आगे आई हैं और खाने-पीने का सामान दे रही हैं। वहीं, ताज़ा सर्वे में पता चला है कि लोग राष्ट्रपति और कांग्रेस दोनों से नाराज़ हैं, जिससे पता चलता है कि लोगों का राजनीति से भरोसा उठ रहा है।
व्हाइट हाउस ने कुछ चीज़ों में पैसे की कटौती की है, जैसे कि इन्फ्रास्ट्रक्चर और क्लीन एनर्जी। इससे विपक्ष और भी ज़्यादा गुस्सा है। उनका कहना है कि ये फ़ैसले उन राज्यों पर ज़्यादा असर डालेंगे जहाँ विपक्ष की सरकार है।
जानकारों का मानना है कि अगर दोनों पार्टियाँ मिलकर कोई हल नहीं निकालती हैं, तो ये शटडाउन नवंबर तक खिंच सकता है। इससे आर्थिक अनिश्चितता बनी रहेगी और बाज़ारों में भी उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।
आगे की बात:
अगर आने वाले दिनों में बातचीत शुरू होने की कोई खबर नहीं आती है, तो डर है कि ये शटडाउन नवंबर तक चल सकता है। ऐसा तभी होगा जब दोनों पार्टियाँ थोड़ा झुकें और बीच का कोई रास्ता निकालें।
