16 अक्टूबर को वर्ल्ड स्पाइन डे पर डॉक्टर्स ने बताया कि ग़लत तरीके से बैठना और बहुत ज़्यादा स्क्रीन पर वक़्त बिताना पीठ दर्द की बड़ी वजहें हैं। इसके साथ ही, खान-पान, एंटीबायोटिक दवाइयों के असर और ज़रूरी पोषक तत्वों को लेकर भी कुछ नई बातें सामने आई हैं।
मेन खबर:
वर्ल्ड स्पाइन डे पर एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है कि ग़लत पॉस्चर, ज़्यादा देर तक बैठे रहना और मोबाइल-लैपटॉप का बढ़ता इस्तेमाल 20 से 30 साल की उम्र में भी गर्दन और पीठ की गंभीर समस्याएँ पैदा कर रहा है। इसे सही तरीके से बैठने, लगातार एक्टिव रहने और एर्गोनॉमिक चीज़ों का इस्तेमाल करके ठीक किया जा सकता है।
लाइफस्टाइल से जुड़ी रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि ओस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियाँ बिना किसी लक्षण के हमारी आज़ादी छीन लेती हैं। इसलिए ज़रूरी है कि वक़्त रहते जाँच कराएँ, अच्छा खाना खाएँ और एक्सरसाइज़ करें।
मैग्नीशियम जैसे ज़रूरी तत्वों पर ध्यान देना बहुत ज़रूरी है, क्योंकि ये दिल की सेहत और मांसपेशियों के काम करने के लिए बहुत ज़रूरी होते हैं। इसलिए, खाने में इनका सही मात्रा में होना ज़रूरी है।
खाने-पीने की आदतों पर आई रिपोर्टों में यह बताया गया है कि ज़्यादा प्रोसेस्ड फ़ूड और बहुत ज़्यादा मीठा खाने से पाचन से जुड़ी समस्याएँ होती हैं और इससे डायबिटीज का ख़तरा भी बढ़ जाता है। इसलिए, हमें सोच-समझकर खाना चाहिए।
आगे की राह:
आने वाले महीनों में शहरों के दफ़्तरों और घरों में एर्गोनॉमिक तरीके से काम करने की जगह बनाने, स्क्रीन पर वक़्त कम करने और सही खाना खाने पर ध्यान दिया जाएगा। इससे उम्मीद है कि लोगों की स्पाइन हेल्थ और मेटाबॉलिक हेल्थ बेहतर होगी।
