सितंबर में कुछ चीजों पर टैक्स कम होने के बाद, अक्टूबर में सरकार को जीएसटी के रूप में ₹1.96 लाख करोड़ मिले, जो पिछले साल के मुकाबले 4.6% ज्यादा है। यह पिछले 5 महीनों में सबसे ज्यादा कलेक्शन है, लेकिन पिछले 52 महीनों में सबसे कम बढ़त भी है। जानकारों का कहना है कि ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि लोग थोड़ा कम खर्च कर रहे हैं और टैक्स के नियमों में बदलाव हो रहा है।
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वित्त मंत्रालय ने बताया है कि अक्टूबर 2025 में सरकार को जीएसटी के रूप में कुल ₹1.96 लाख करोड़ मिले। यह पिछले साल के मुकाबले 4.6% ज्यादा है।
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, इस साल में यह चौथी बार है जब जीएसटी कलेक्शन ₹1.95 लाख करोड़ से ज्यादा हुआ है। हालांकि, यह कोविड के बाद सबसे धीमी रफ्तार से बढ़ा है।
सीएनबीसी-टीवी18 ने इस मामले पर गहराई से बात की। विशेषज्ञों का कहना है कि 22 सितंबर से कुछ चीजों पर टैक्स कम कर दिया गया है, जिसका असर दिख रहा है। इसके अलावा, कुछ लोगों ने सामान की सप्लाई भी कम कर दी है, जिससे कलेक्शन कम हुआ है।
इकोनॉमिक टाइम्स ने बताया कि बाहर से आने वाले सामान पर टैक्स से सरकार को ₹50,884 करोड़ मिले, जो 12.84% की बढ़ोतरी है। लेकिन देश में बने सामान पर टैक्स से सिर्फ 2% की बढ़ोतरी हुई है, जिससे पता चलता है कि लोग थोड़ा कम चीजें खरीद रहे हैं।
फॉर्च्यून इंडिया और एसबीआई रिसर्च का कहना है कि जीएसटी के नए नियम आने के बाद टैक्स कलेक्शन में ज्यादा नुकसान होने की आशंका गलत साबित हुई है। ई-वे बिल के डेटा से पता चलता है कि कारोबार अभी भी अच्छा चल रहा है।
अड्डा247 ने भी बताया कि लगातार 10 महीनों से ₹1.8 लाख करोड़ से ज्यादा का कलेक्शन हो रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार को कितना टैक्स मिला और कितना रिफंड किया गया।
पिछले कुछ महीनों में सरकार ने कुछ चीजों पर टैक्स की दरें बदल दी हैं, जिससे कुछ समय के लिए कलेक्शन कम हो सकता है। लेकिन माना जा रहा है कि इससे लोग ज्यादा चीजें खरीदेंगे, जिससे लंबे समय में फायदा होगा।
डेलॉयट के विशेषज्ञों का मानना है कि नवंबर में स्थिति ज्यादा साफ होगी, जब टैक्स कटौती का पूरा असर दिखेगा और त्योहारों में लोगों की खरीदारी का डेटा भी सामने आएगा।
इस सबका असर यह होगा कि केंद्र और राज्य सरकारों को पैसे के मामले में संतुलन बनाए रखने में मदद मिलेगी। आरबीआई और आईएमएफ ने भी कहा है कि देश की अर्थव्यवस्था 6.8% और 6.6% की दर से बढ़ेगी, जिससे पता चलता है कि हालात सुधर रहे हैं।
हालांकि, अभी लोग थोड़ा कम चीजें खरीद रहे हैं, इसलिए सरकार को लोगों को चीजें खरीदने के लिए प्रोत्साहित करने और छोटे कारोबारियों को नियमों का पालन करने में मदद करने के लिए कदम उठाने पड़ सकते हैं।
निष्कर्ष
नवंबर से अप्रैल तक त्योहारों का सीजन रहेगा, जिसमें लोग खूब खरीदारी करते हैं। इसके अलावा, गाड़ियां, दवाइयां और टिकाऊ सामानों की बिक्री भी अच्छी रहेगी। टैक्स की दरों में बदलाव का असर भी धीरे-धीरे कम हो जाएगा, जिससे कलेक्शन और बेहतर हो सकता है। सरकार को नियमों को आसान बनाने और रिफंड जल्दी करने पर ध्यान देना होगा।
