चक्रवातीय प्रणाली से महाराष्ट्र में मूसलाधार बारिश, कई जिलों में रेड-ऑरेंज अलर्ट
IMD ने तटीय व मध्य महाराष्ट्र में भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी दी; पुणे में स्कूल आज बंद रहे, प्रशासन ने सतर्क रहने की अपील की।
मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि महाराष्ट्र के कई इलाकों में अगले एक-दो दिन (24 से 48 घंटे) में बहुत तेज बारिश हो सकती है। कोंकण, पश्चिमी घाट और मध्य महाराष्ट्र में रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किए गए हैं, जिसका मतलब है कि हालात गंभीर हो सकते हैं। खतरे को देखते हुए पुणे के स्कूल आज बंद कर दिए गए हैं। प्रशासन ने लोगों से कहा है कि वे सावधान रहें और जरूरी न हो तो घर से बाहर न निकलें।
मौसम विभाग (IMD) ने अपने ताजा बुलेटिन में कहा है कि राज्य के कई जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की आशंका है। इसका मतलब है कि कुछ जगहों पर तो बादल फटने जैसे हालात भी बन सकते हैं।
अलर्ट के स्तर को देखते हुए, जिलों के प्रशासन को कहा गया है कि वे अपनी तैयारी बढ़ा दें। खासकर उन इलाकों पर नजर रखें जहां पहले भी खतरा हो चुका है।
खतरा ये है कि कई निचले इलाकों में पानी भर सकता है, पहाड़ों के पास की सड़कों पर भूस्खलन हो सकता है और तेज हवाएं चल सकती हैं।
मछुआरों को चेतावनी दी गई है कि वे समुद्र में न जाएं और जो लोग समुद्र के किनारे रहते हैं, वे भी सावधानी बरतें।
ये सब कब और कहां होगा:
- तारीख: मंगलवार, 16 सितंबर 2025
- जगह: कोंकण (समुद्र के किनारे का इलाका), पश्चिमी घाट और मध्य महाराष्ट्र के कई जिले। पुणे और उसके आसपास के इलाकों में भी तेज बारिश होने की आशंका है।
- अलर्ट कब तक: अगले 24 से 48 घंटे तक। हालांकि, अगर हालात बिगड़ते हैं तो यह अवधि बढ़ भी सकती है। प्रशासन हालात पर लगातार नजर रख रहा है।
किसने क्या कहा:
- मौसम विभाग (IMD) का कहना है कि कई जगहों पर बहुत भारी बारिश हो सकती है। समुद्र और पहाड़ों के आस-पास के इलाकों में बहुत तेज बारिश होने की आशंका है।
- जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे बिना वजह घर से बाहर न निकलें, पानी भरे रास्तों से बचें और प्रशासन की सलाह को मानें।
- आपदा प्रबंधन (Disaster Management) की टीमों को अलर्ट कर दिया गया है। कंट्रोल रूम चालू हैं और मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं।
ये सब क्यों हो रहा है:
- अरब सागर में एक चक्रवात (Cyclone) बन रहा है और मॉनसून भी सक्रिय है। इस वजह से हवा में नमी बहुत ज्यादा है और तेज बारिश हो रही है।
- वैसे तो सितंबर में पश्चिमी घाट और कोंकण में तेज बारिश होना आम बात है, लेकिन पिछले कुछ सालों में मौसम में बदलाव की वजह से बहुत ज्यादा बारिश होने की घटनाएं बढ़ गई हैं, जिससे शहरों में बाढ़ और भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है।
- शहरों में सड़कें और नालियां भी इतनी अच्छी नहीं हैं कि वे भारी बारिश का पानी संभाल सकें, जिससे परेशानी और बढ़ जाती है।
इसका क्या असर होगा:
- ट्रैफिक: निचले इलाकों में पानी भरने से लोकल ट्रेनें और बसें लेट हो सकती हैं। पहाड़ों के पास की सड़कों पर फिसलन और भूस्खलन का खतरा है।
- आम जिंदगी: बिजली जा सकती है, स्कूल-कॉलेज बंद हो सकते हैं या उनके समय में बदलाव हो सकता है। जरूरी चीजें मिलने में भी दिक्कत हो सकती है।
- गांव और समुद्र के किनारे के इलाके: खेतों में पानी भर सकता है, नदियों और नालों में पानी बढ़ सकता है। मछुआरों का काम-धंधा भी ठप हो सकता है।
- प्रशासन की तैयारी: प्रशासन ने पंपिंग स्टेशन चालू कर दिए हैं, नालियों की सफाई कर दी है, खतरे वाली जगहों पर नजर रख रहे हैं और राहत टीमें तैनात कर दी हैं, ताकि नुकसान कम हो।
आखिर में:
अगले एक-दो दिन महाराष्ट्र के समुद्र और पहाड़ों के पास के इलाकों के लिए बहुत अहम हैं। लोगों को सलाह दी जाती है कि वे मौसम की खबरों पर नजर रखें, बिना वजह घर से बाहर न निकलें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। अगर बारिश जारी रहती है, तो अलर्ट की अवधि बढ़ाई जा सकती है और ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत होगी।

