पीएम मोदी ने बिहार में ₹36,000 करोड़ की परियोजनाएं लॉन्च, पूर्णिया के नए टर्मिनल का लोकार्पण
राज्यभर में सड़क, रेल, सिंचाई, स्वास्थ्य और हवाई कनेक्टिविटी से जुड़ी योजनाएं; सीमांचल को बेहतर हवाई सुविधा की उम्मीद
परिचय
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार को एक बड़ा तोहफ़ा दिया है। उन्होंने वहाँ 36,000 करोड़ रुपये से ज़्यादा की डेवलपमेंट योजनाओं की शुरुआत की है। इस दौरान, पूर्णिया हवाई अड्डे के नए टर्मिनल का भी उद्घाटन किया गया, जिसे दोबारा बनाया गया है। सरकार का कहना है कि इन सभी योजनाओं से लोगों का मिलना-जुलना आसान होगा, नौकरियां मिलेंगी और कारोबार भी बढ़ेगा।
मुख्य बातें
क्या-क्या हुआ (कुछ ज़रूरी बातें):
प्रधानमंत्री ने पूरे राज्य में कई तरह की योजनाओं की शुरुआत की या उन्हें लोगों को समर्पित किया। इनमें सड़कें, रेलवे लाइन, शहरों का ढाँचा, सिंचाई, पीने का पानी, अस्पताल और इंटरनेट जैसी चीज़ें शामिल हैं।
पूर्णिया हवाई अड्डे का टर्मिनल अब नया बन गया है, जिससे यात्रियों को ज़्यादा आराम मिलेगा। उम्मीद है कि इससे सीमांचल इलाके में हवाई जहाज़ से आना-जाना भी आसान हो जाएगा।
सरकारी जानकारी के हिसाब से, ज़्यादातर पैसा ट्रांसपोर्ट और शहरी सेवाओं को बेहतर बनाने पर खर्च किया जाएगा। इससे कारखाने और दूसरी तरह के कामकाज भी बढ़ेंगे।
कब और कहाँ हुआ:
ये कार्यक्रम मंगलवार, 16 सितंबर 2025 को हुआ।
मुख्य कार्यक्रम पूर्णिया में हुआ, लेकिन राज्य के दूसरे जिलों में भी लोग और अधिकारी वीडियो के ज़रिए जुड़े रहे।
किसने क्या कहा:
प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे बिहार का ढाँचा और मज़बूत होगा। उन्होंने यह भी कहा कि इन योजनाओं से लोगों को नौकरियां मिलेंगी और वे अपना कारोबार भी शुरू कर पाएँगे।
सरकारी अधिकारियों ने बताया कि नई सुविधाओं से यात्रा में कम समय लगेगा, इलाके आपस में ज़्यादा जुड़ेंगे और सामान लाने-ले जाने का खर्च भी कम होगा।
राज्य सरकार के लोगों ने कहा कि वे योजनाओं को समय पर पूरा करेंगे और स्थानीय युवाओं को नौकरी देने में ज़्यादा ध्यान देंगे।
पहले की बातें (कुछ पुरानी बातें):
काफ़ी समय से केंद्र और राज्य सरकारें पूर्वी भारत में सड़कें, रेलवे लाइन, हवाई अड्डे और शहरी सेवाओं को बेहतर बनाने पर ज़ोर दे रही हैं।
सीमांचल और उत्तर-पूर्वी बिहार में लोगों को आधुनिक सुविधाओं की ज़रूरत है, ताकि वहाँ कारखाने, खेती और अस्पतालों का काम ठीक से चल सके।
हवाई जहाज़ से आना-जाना आसान होने और हाईवे/रेलवे लाइन बनने से कारोबार, पर्यटन और आपदा से निपटने में भी मदद मिलती है।
असर :
- कनेक्टिविटी: नई सड़कों, रेलवे लाइन और हवाई अड्डे से यात्रा में कम समय लगेगा, जिससे कारोबार, पढ़ाई और अस्पतालों तक पहुँचना आसान होगा।
- रोजगार: लोगों को काम मिलेगा, दुकानें खुलेंगी और दूसरी सेवाएँ भी बढ़ेंगी।
- खेती और लॉजिस्टिक्स: कोल्ड-चेन और वेयरहाउस बनने से किसानों को अपनी फसल बेचने में आसानी होगी।
- क्षेत्रीय संतुलन: सीमांचल और कोसी जैसे पिछड़े इलाकों में भी विकास होगा।
- सामाजिक सेवाएँ: अस्पताल, पीने का पानी और शहरी सेवाएँ बेहतर होने से लोगों की ज़िंदगी आसान हो जाएगी।
निष्कर्ष
36,000 करोड़ रुपये से ज़्यादा की ये योजनाएँ बिहार को बेहतर बनाने का एक तरीका है। पूर्णिया में नया टर्मिनल बनने से सीमांचल इलाके को सीधा हवाई जहाज़ मिलने की उम्मीद है। आने वाले दिनों में, देखना होगा कि ये योजनाएँ कब तक पूरी होती हैं और लोगों को इनका फ़ायदा कैसे मिलता है।

