पटना शहर के पुराने इलाके, पटना सिटी में, तख़्त श्री हरिमंदिर साहिब है. ये सिखों के पाँच सबसे खास धार्मिक जगहों में से एक है. ये गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्मस्थान है, इसलिए दुनिया भर से लोग यहाँ आते हैं.
महाराजा रणजीत सिंह ने इसे 19वीं सदी में बनवाया था. इस गुरुद्वारे की बनावट बहुत सुंदर है, जिसमें सोने के कलश लगे हैं. यहाँ हमेशा शांति से कीर्तन होता रहता है और लोगों को मुफ्त में खाना खिलाया जाता है, जिससे यहाँ आने वाले लोगों को बहुत अच्छा लगता है और वे इसे कभी नहीं भूल पाते.
अगर आप पटना जंक्शन से आते हैं, तो लोकल गाड़ियों से यहाँ 15–25 मिनट में पहुँच सकते हैं. अगर आप हवाई जहाज से आ रहे हैं, तो पटना एयरपोर्ट से टैक्सी ले सकते हैं. पास का रेलवे स्टेशन पटना साहिब है, जो दिल्ली और हावड़ा के मेन लाइन पर है. यहाँ घूमने के लिए सबसे अच्छा समय सितंबर से अप्रैल तक होता है. यहाँ आने वाले लोगों को अपना सिर ढकना होता है, जूते बाहर उतारने होते हैं और ढंग के कपड़े पहनने होते हैं.
परिचय
तख़्त श्री हरिमंदिर साहिब (पटना साहिब) सिख धर्म के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. ये गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्मस्थान है, इसलिए पूरी दुनिया से लोग यहाँ उन्हें मानने आते हैं. गुरु नानक देव जी और गुरु तेग बहादुर जी भी यहाँ आए थे, जिससे इस जगह का महत्व और भी बढ़ गया है. इसकी शानदार इमारत, मधुर कीर्तन और मिलकर खाना खाने की परंपरा इसे एक बहुत ही खास जगह बनाते हैं, जहाँ आपको धर्म और संस्कृति दोनों का अनुभव मिलता है.
इतिहास और महत्व
गुरु गोबिंद सिंह जी 1666 में पटना में पैदा हुए थे. उन्होंने अपने बचपन के कुछ खास साल यहीं बिताए थे. उनकी याद में ही इस तख़्त को बनाया गया था. महाराजा रणजीत सिंह ने 19वीं सदी में गुरुद्वारे को बनवाने का आदेश दिया था, ताकि उस जगह को याद रखा जा सके जहाँ गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म हुआ था. 1934 में यहाँ भूकंप आया था, जिससे गुरुद्वारे को नुकसान हुआ था. इसलिए, 1948 से 1957 के बीच इसे फिर से बनाया गया. पटना नगर निगम के रिकॉर्ड बताते हैं कि ये गुरुद्वारा पटना साहिब स्टेशन के पास है और पटना सिटी का इलाका पुराने पाटलिपुत्र शहर का हिस्सा है.
यहाँ क्या-क्या देखें
मुख्य तख़्त श्री हरिमंदिर साहिब: यहाँ सोने के कलश लगे हैं, संगमरमर की नक्काशी है और बहुत सुंदर कारीगरी की गई है. मुख्य दरबार हॉल में गुरु ग्रंथ साहिब रखी हुई है, जहाँ लोग मत्था टेकते हैं.
प्राकाश अस्थान/जन्मस्थली परिसर: यहाँ वह जगह है जहाँ गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म हुआ था. यहाँ उनके बचपन से जुड़ी चीजें हैं और एक परिक्रमा पथ भी है.
संग्रहालय और पुरानी चीजें: यहाँ एक संग्रहालय है जिसमें सिख इतिहास और परंपराओं से जुड़ी चीजें रखी हैं.
गुरुद्वारा बाल लीला मैनी संगत: ये गुरुद्वारे गुरु गोबिंद सिंह जी के बचपन से जुड़ा है.
आसपास के गुरुद्वारे: पटना में कई और भी गुरुद्वारे हैं, जैसे गौ घाट और हैंडी साहिब.
शहर में घूमने की अन्य जगहें: आप गांधी घाट, हनुमान मंदिर और गोलघर भी जा सकते हैं.
घूमना और अनुभव
यहाँ हर सुबह और शाम को कीर्तन होता है. लोग शांति से गुरु ग्रंथ साहिब पढ़ते हैं और लंगर में खाना खाते हैं. यहाँ आने से आपको बहुत अच्छा लगेगा. यहाँ आने का सबसे अच्छा समय सितंबर से अप्रैल तक होता है. सर्दियों में मौसम अच्छा रहता है, इसलिए आप आराम से घूम सकते हैं. अगर आपको पुरानी इमारतें और संस्कृति पसंद है, तो आपको यहाँ तस्वीरें खींचने, परिक्रमा करने और आसपास के गुरुद्वारों और घाटों पर घूमने में बहुत मजा आएगा.
कैसे पहुँचे
हवाई मार्ग: जय प्रकाश नारायण एयरपोर्ट (PAT) से पटना साहिब तक टैक्सी से जाने में लगभग 15–25 मिनट लगते हैं.
रेल मार्ग: सबसे पास का रेलवे स्टेशन पटना साहिब है, जो हावड़ा–दिल्ली मेन लाइन पर है.
सड़क मार्ग: पटना जंक्शन और शहर के दूसरे हिस्सों से ऑटो-रिक्शा, टैक्सी और बसें पटना सिटी और गुरुद्वारे तक जाती हैं.
कहाँ ठहरें
तख़्त श्री हरिमंदिर साहिब सराय: यहाँ रहने के लिए कमरे हैं, जिन्हें आप ऑनलाइन बुक कर सकते हैं.
गुरुद्वारा बाल लीला मैनी संगत सराय: इस गुरुद्वारे में भी रहने की सुविधा है.
होटल: आसपास कई होटल भी हैं जहाँ आप ठहर सकते हैं.
स्थानीय खाना-पीना और संस्कृति
पटना का खाना बहुत मशहूर है. यहाँ लिट्टी-चोखा, सत्तू पराठा, खाजा, चना घुघनी और मालपुआ जरूर खाएं. ये सब आपको शहर की गलियों और दुकानों में आसानी से मिल जाएंगे. जब आप गुरुद्वारे में दर्शन करने जाएं तो अपना सिर ढक लें, जूते बाहर उतार दें और ढंग के कपड़े पहनें.
निष्कर्ष
पटना साहिब सिखों के लिए एक बहुत ही खास जगह है. यहाँ आकर आपको इतिहास, धर्म, सुंदर इमारतें और सेवा का भाव सब कुछ मिलेगा. अगर आप शांति और सुकून चाहते हैं, तो आपको यहाँ जरूर आना चाहिए.

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