ट्रंप का दवाओं पर बड़ा दांव: 100% तक लगने वाला है नया टैक्स

अमेरिका ने 1 अक्टूबर से ब्रांडेड और पेटेंट वाली दवाइयों पर 100% तक का नया टैक्स लगाने का ऐलान किया है। इससे भारत समेत दुनिया भर में दवाइयों का कारोबार प्रभावित हो सकता है। शुरुआती संकेतों में भारतीय बाजार में डर का माहौल है और निवेशक सावधान हो गए हैं।

मुख्य खबर:

  • अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा ऐलान किया है। अब अमेरिका में बाहर से आने वाली ब्रांडेड और पेटेंट वाली दवाएं महंगी हो जाएंगी, क्योंकि उन पर 100% तक का टैक्स लगने वाला है। यह नियम 1 अक्टूबर 2025 से लागू होगा। ट्रंप का कहना है कि ऐसा करने से अमेरिका में दवाइयों की कीमतें कम होंगी और देश में ही दवा बनाने वाली कंपनियों को फायदा होगा। लेकिन, इस फैसले से दुनिया भर में दवाओं का कारोबार करने वाली कंपनियों और दवाइयों की सप्लाई पर बुरा असर पड़ सकता है।
  • भारत, जो अमेरिका को सबसे ज्यादा दवाएं बेचता है, उसके लिए यह खबर अच्छी नहीं है। इस नए टैक्स से भारत से होने वाले दवाइयों के एक्सपोर्ट पर असर पड़ेगा, दवाइयों की कीमतें बदल सकती हैं और दवा बनाने के कॉन्ट्रैक्ट पर भी असर पड़ेगा।
  • भारतीय शेयर बाजार में भी इसका असर दिख रहा है। निवेशकों में डर का माहौल है। ट्रंप के इस फैसले और आईटी कंपनियों को लेकर चिंता के कारण सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट आई है। जानकारों का कहना है कि इस टैक्स का असर अलग-अलग कंपनियों पर अलग-अलग होगा। यह इस बात पर निर्भर करेगा कि कौन सी कंपनी अमेरिका को कितनी दवाएं बेचती है, उसके पास कौन-कौन सी दवाएं हैं और उसके पास दूसरे कौन-कौन से बाजार हैं। लंबे समय में, दुनिया भर की दवा कंपनियां दवाइयों की सप्लाई के लिए अलग-अलग रास्ते ढूंढ सकती हैं, अपने देश में ही दवाएं बनाने पर जोर दे सकती हैं और कम कीमत वाली दवाएं बनाने पर ध्यान दे सकती हैं। लेकिन, इससे दवाइयों की कीमतें बढ़ सकती हैं और नियमों का पालन करने का खर्च भी बढ़ सकता है।

असर और विश्लेषण:

  • भारत से दवाएं बेचने वाली कंपनियों को नुकसान हो सकता है, खासकर वे कंपनियां जो महंगी ब्रांडेड और पेटेंट वाली दवाएं बेचती हैं। उनके मुनाफे में कमी आ सकती है और उन्हें कम ऑर्डर मिल सकते हैं।
  • शेयर बाजार में बड़ी दवा और आईटी कंपनियों के शेयरों में गिरावट आ सकती है, जिससे बाजार में उतार-चढ़ाव बढ़ सकता है।
  • सरकार को दूसरे देशों के साथ मिलकर काम करने, घरेलू दवा कंपनियों को बढ़ावा देने और नए बाजार ढूंढने जैसे कदम उठाने पड़ सकते हैं।

आगे की राह:

आने वाले कुछ हफ्तों में दवा कंपनियां बता सकती हैं कि इस फैसले से उन पर क्या असर पड़ेगा और सरकारें मिलकर इस समस्या का समाधान ढूंढने की कोशिश कर सकती हैं।

Raviopedia

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