व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और संसद के नेताओं के बीच मीटिंग हुई, लेकिन कोई खास हल नहीं निकला. सीनेट के डेमोक्रेट्स एक छोटे बिल पर सोच विचार कर रहे हैं, जिससे 7 से 10 दिन के लिए काम चल जाए. वहीं, उपराष्ट्रपति जे.डी. वांस को लग रहा है कि कामकाज ठप हो सकता है. हाउस ने पहले ही एक 7 हफ्ते का बिल पास कर दिया था, पर उसे सीनेट ने नामंजूर कर दिया.
पूरी खबर:
- आज आधी रात को अमरीका में सरकारी कामकाज के लिए पैसा खत्म हो रहा है. ऐसे में कामकाज ठप होने का खतरा बढ़ गया है, क्योंकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलने के बाद भी कांग्रेस में कोई समझौता होता नहीं दिख रहा.
- सीनेट के डेमोक्रेट्स अब एक बहुत ही छोटे बिल पर विचार कर रहे हैं, जिससे कुछ दिनों के लिए सरकारी दफ्तरों का काम चलता रहे और बातचीत के लिए और समय मिल जाए. उपराष्ट्रपति जे.डी. वांस ने मीडिया से कहा कि हालात देखकर लग रहा है कि कामकाज ठप हो सकता है. हालांकि, व्हाइट हाउस का कहना है कि वह दोनों पार्टियों से बात कर रहा है.
- हाउस रिपब्लिकन ने 19 सितंबर को एक बिल पास किया था, जिससे सरकार 21 नवंबर तक चलती रहती. पर सीनेट ने उसे रिजेक्ट कर दिया, जिससे झगड़ा और बढ़ गया.
- पॉलिसी की बात करें तो सीनेट डेमोक्रेट्स चाहते हैं कि जो छोटा बिल बने, उसमें 'Affordable Care Act' से जुड़े नियम हों. जबकि रिपब्लिकन नेता चाहते हैं कि बिल एकदम साफ हो. इस वजह से हेल्थकेयर के खर्च और बॉर्डर की सुरक्षा जैसे मुद्दों पर बात अटकी हुई है.
- एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर कामकाज ठप हुआ तो शिक्षा विभाग, FDA के इंस्पेक्शन और कुछ तरह के इमिग्रेशन के काम में रुकावट आ सकती है. हालांकि, USCIS की कुछ सेवाएं जारी रह सकती हैं, जिनमें फीस लगती है.
इसका असर क्या होगा:
- गैर-ज़रूरी सेवाएं बंद हो जाएंगी.
- कर्मचारियों को छुट्टी पर भेजा जा सकता है.
- ग्रांट और कॉन्ट्रैक्ट मिलने में देरी हो सकती है.
- रिसर्च के लिए मिलने वाले पैसे का काम भी अटक सकता है, जिससे यूनिवर्सिटी और ठेकेदारों को इमरजेंसी प्लान बनाने पड़ सकते हैं.
ज़रूरी सेवाएं जैसे सोशल सिक्योरिटी और मेडिकेयर चलती रहेंगी, लेकिन कुछ सरकारी विभाग कम स्टाफ के साथ काम करेंगे.
ध्यान देने वाली बात है कि मार्च 2025 में एक बिल पास करके सरकार को 30 सितंबर तक चलाने का इंतजाम किया गया था. पर FY2026 के लिए कोई पक्की सहमति नहीं बन पाई और अब एक नई डेडलाइन सामने है.
सीनेट के सूत्रों का कहना है कि 7 से 10 दिन का बिल एक ऑप्शन है, पर राजनीतिक गणित और हेल्थ पॉलिसी की शर्तों ने मामले को मुश्किल बना दिया है.
आगे क्या हो सकता है:
अगर आज आधी रात तक कोई बिल पास नहीं हुआ, तो कल से कामकाज आंशिक रूप से ठप हो सकता है. इससे इमिग्रेशन, रिसर्च ग्रांट और इंस्पेक्शन जैसी सेवाओं पर तुरंत असर पड़ेगा. अगर छोटे बिल पर सहमति बन जाती है तो अगले हफ्ते तक बातचीत जारी रह सकती है, लेकिन हेल्थ पॉलिसी और खर्च की लिमिट पर समझौता होना ज़रूरी है, वरना अनिश्चितता बनी रहेगी.
