प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर के बीच हुई बातचीत में रक्षा और तकनीक के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी है। इसमें हल्के मल्टी-रोल मिसाइल सिस्टम की आपूर्ति और नौसैनिक इलेक्ट्रिक प्रणोदन के संयुक्त विकास जैसे मुद्दे शामिल हैं। भारत ने यूके में खालिस्तानी तत्वों की हरकतों पर अपनी चिंता व्यक्त की, और दोनों देशों ने हाल ही में हुए मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को संबंधों में एक नई शुरुआत के रूप में देखा।
विस्तृत रिपोर्ट:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज की अनिश्चित दुनिया को देखते हुए, भारत और यूके की दोस्ती वैश्विक स्थिरता और आर्थिक विकास के लिए बहुत जरूरी है। उन्होंने यह बात दोनों देशों के बीच हुई उच्च-स्तरीय वार्ता में कही, जिसमें रक्षा, व्यापार और तकनीक के क्षेत्र में सहयोग को और मजबूत करने पर सहमति बनी।
बातचीत के बाद, दोनों पक्ष भारतीय सेना के लिए यूके में बनी हल्के मल्टी-रोल मिसाइल (LMM/मार्टलेट क्लास) सिस्टम की आपूर्ति करने और भारतीय नौसेना के जहाजों के लिए मरीन इलेक्ट्रिक प्रणोदन सिस्टम को मिलकर विकसित करने के लिए एक सरकारी समझौते को अंतिम रूप देने पर सहमत हुए।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और यूके स्वाभाविक रूप से एक-दूसरे के साथ हैं क्योंकि दोनों देश लोकतंत्र, स्वतंत्रता और कानून के शासन जैसे मूल्यों को साझा करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों के रिश्ते प्रतिभा और तकनीक से आगे बढ़ेंगे।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री स्टारमर, अपने साथ 100 से अधिक CEO, उद्यमियों और विश्वविद्यालय के प्रमुखों का एक दल लेकर मुंबई पहुंचे। उन्होंने कहा कि जुलाई में हुए मुक्त व्यापार समझौते (FTA) से टैरिफ कम होंगे, बाजार तक पहुंच बढ़ेगी, रोजगार के अवसर पैदा होंगे और उपभोक्ताओं को फायदा होगा।
भारत ने यूके में कुछ खालिस्तानी समूहों की गतिविधियों पर अपनी चिंता व्यक्त की, जिन्हें भारत उग्रवाद और हिंसक अतिवाद को बढ़ावा देने के रूप में देखता है। भारत ने उम्मीद जताई कि यूके अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर होने वाले दुरुपयोग को रोकने के लिए कदम उठाएगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि मिसाइल की आपूर्ति और इलेक्ट्रिक प्रणोदन में सहयोग से भारतीय वायु सेना और नौसेना की ताकत बढ़ेगी। साथ ही, FTA से माध्यमिक और उच्च-तकनीकी क्षेत्रों में निवेश बढ़ेगा।
आगे की राह:
आने वाले हफ्तों में, नौसैनिक इलेक्ट्रिक प्रणोदन पर सरकारी समझौते का मसौदा तैयार होने की उम्मीद है। साथ ही, LMM की आपूर्ति कब तक होगी, यह भी स्पष्ट हो जाएगा। FTA को लागू करने के लिए कार्य-समूह स्तर की बैठकें भी जल्द शुरू होंगी।
