इज़राइल और हमास के बीच एक समझौते की खबर है, जिसमें अमेरिका ने मदद की है। इस समझौते के पहले भाग के तहत बंधकों और कैदियों की लिस्ट का आदान-प्रदान शुरू हो गया है। इज़राइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू और कई दूसरे नेताओं ने कहा है कि इसमें अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा हाथ है, जिससे राजनीतिक गलियारों में बहस छिड़ गई है।
काहिरा, 10 अक्टूबर - मिस्र ने इज़राइल और हमास के बीच युद्धविराम कराने में मध्यस्थता की है। इस समझौते के पहले चरण में यह तय हुआ है कि लोगों तक मानवीय मदद पहुंचाई जाएगी और बंधकों व कैदियों की अदला-बदली कैसे होगी, इस पर काम शुरू किया जाएगा।
कहा जा रहा है कि यह सब अमेरिका की कोशिशों से हुआ है, और इसे इलाके में शांति लाने के लिए एक जरूरी कदम माना जा रहा है। लोगों को उम्मीद है कि इससे हालात जल्दी सुधरेंगे।
इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और बाकी नेताओं का कहना है कि इस कामयाबी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा योगदान है, जिसके बाद दुनिया भर में इस बात पर चर्चा हो रही है।
जानकारों का मानना है कि अगर पहला चरण ठीक से पूरा हो जाता है, तो गाज़ा में मदद पहुंचाने के लिए रास्ते खुल जाएंगे और तनाव कम होगा। हालांकि, कुछ लोग अभी भी अड़ंगे डाल सकते हैं और भरोसे की कमी है, इसलिए लगातार बातचीत करते रहना जरूरी है।
आगे क्या होगा:
अगले दो-तीन दिनों में यह पता चल सकता है कि लिस्ट में दिए गए नाम सही हैं या नहीं, मदद कैसे पहुंचाई जाएगी, और युद्धविराम पर निगरानी कैसे रखी जाएगी। इसके बाद ही आगे की प्रक्रिया शुरू हो पाएगी और राजनीतिक तौर पर इसे मंजूरी मिल पाएगी।
