बच्चों की सेहत को ध्यान में रखते हुए, सरकारें और स्वास्थ्य विशेषज्ञ लगातार कोशिश कर रहे हैं कि उन्हें सुरक्षित रखा जाए। हाल ही में, तमिलनाडु सरकार ने 'कोल्ड्रिफ़' नाम की कफ सिरप पर रोक लगा दी है और इसे बाज़ार से वापस लेने का आदेश दिया है। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि कुछ बच्चों को इस सिरप से परेशानी हुई थी।
केंद्र सरकार की सलाह
केंद्र सरकार भी पहले से ही कह चुकी है कि 2 साल से छोटे बच्चों को कफ सिरप नहीं देनी चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि इन सिरप में ऐसे तत्व हो सकते हैं जो छोटे बच्चों के लिए ठीक नहीं हैं।
क्या करें अगर बच्चे को खांसी-जुकाम हो जाए?
अगर आपके बच्चे को खांसी-जुकाम हो गया है, तो सबसे अच्छा है कि आप डॉक्टर से सलाह लें। डॉक्टर आपको बताएंगे कि बच्चे के लिए क्या सही है। इसके अलावा, आप बच्चे को खूब पानी पिलाएं और घरेलू उपाय करें, जैसे कि भाप देना।
तमिलनाडु सरकार का फैसला
तमिलनाडु सरकार ने 'कोल्ड्रिफ़' सिरप पर रोक लगाने का फैसला इसलिए किया क्योंकि कुछ बच्चों की सेहत इस सिरप से खराब हो गई थी। सरकार ने यह भी कहा है कि इस सिरप को दुकानों से हटा दिया जाए।
विशेषज्ञों की राय
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों को खांसी-जुकाम होने पर डॉक्टर से सलाह लेना सबसे अच्छा है। वे यह भी कहते हैं कि बच्चों को खूब पानी पिलाना चाहिए और उन्हें आराम देना चाहिए।
माता-पिता के लिए सलाह
- कोई भी दवा देने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
- संदिग्ध दवाओं के बारे में अधिकारियों को बताएं।
- बच्चों को कफ सिरप देने से बचें, खासकर 2 साल से छोटे बच्चों को।
आगे क्या होगा?
अब दवा नियंत्रण अधिकारी सिरप के नमूने लेंगे और उनकी जांच करेंगे। इसके बाद ही पता चलेगा कि आगे क्या करना है। उम्मीद है कि केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर बच्चों के स्वास्थ्य के बारे में लोगों को जागरूक करेंगी।
