भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) की भर्ती में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के आरक्षण को लेकर सवाल उठ रहे हैं। कांग्रेस के एक सांसद ने इस बारे में प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर स्पष्टीकरण मांगा है।
विस्तृत जानकारी:
इंडियन एक्सप्रेस अखबार के पुराने अभिलेखागार के अनुसार, ICAR की एक भर्ती विज्ञापन में OBC के लिए आरक्षण का कोटा गायब था। इसी बात को लेकर विवाद शुरू हुआ है। सांसद का कहना है कि भर्ती विज्ञापन में OBC आरक्षण का उल्लेख न होने से संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन हो रहा है। उन्होंने केंद्र सरकार से इस मामले में जवाब मांगा है और जरूरी सुधार करने की गुजारिश की है।
मामला क्या है?
उच्च शिक्षा और कृषि अनुसंधान के क्षेत्र में भर्तियों में आरक्षण के नियमों का पालन ठीक से हो रहा है या नहीं, इस पर एक नया विवाद सामने आया है। कांग्रेस सांसद ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में आरोप लगाया है कि ICAR की भर्ती में OBC आरक्षण का कोटा नहीं दिया गया। इससे सार्वजनिक भर्तियों में पारदर्शिता और संवैधानिक नियमों के पालन को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
क्या होनी चाहिए मांग?
शिक्षा और करियर से जुड़े लोगों का कहना है कि भर्तियों के विज्ञापन, जानकारी देने वाली पुस्तिकाओं और चुने गए लोगों की लिस्ट में आरक्षण के नियम साफ तौर पर बताए जाने चाहिए, ताकि हर कोई उन्हें आसानी से समझ सके और जांच सके।
आगे क्या हो सकता है?
अगर जांच में कोई गड़बड़ी पाई जाती है, तो विज्ञापन को बदला जा सकता है, कट-ऑफ में बदलाव हो सकता है और दोबारा आवेदन करने का मौका दिया जा सकता है। यह भी हो सकता है कि ICAR भविष्य में आरक्षण के नियमों का पालन करने के लिए एक स्टैंडर्ड चेकलिस्ट का इस्तेमाल करे, ताकि कोई गलती न हो।
संक्षेप में:
ICAR भर्ती में OBC आरक्षण को लेकर उठे सवाल ने सार्वजनिक भर्ती प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और संवैधानिक नियमों के पालन पर बहस को और तेज कर दिया है। कांग्रेस सांसद ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इस मामले में स्पष्टीकरण और सुधार की मांग की है।
