आज राजधानी दिल्ली में आरएसएस शताब्दी समारोह की मुख्य श्रृंखला शुरू हो गई। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शिरकत की। आयोजन स्थल और उसके आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। कार्यक्रम को लेकर केंद्र और राज्य सरकार की एजेंसियां एक साथ काम करती दिखीं। वहीं, कई सामाजिक और सांस्कृतिक मंचों पर इसको लेकर चर्चाएं तेज़ हो गई हैं।
मुख्य खबर:
- आज सुबह राष्ट्रीय राजधानी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शताब्दी समारोह की मुख्य गतिविधियां शुरू हुईं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और पहले सत्र में हिस्सा लिया।
- यह आयोजन नई दिल्ली के एक मैदान में किया गया था। प्रशासन ने लोगों के आने-जाने के लिए रास्तों में बदलाव किए थे और पार्किंग की खास व्यवस्था की थी। सुरक्षा के भी खास इंतजाम किए गए थे।
- सरकारी जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में यह कार्यक्रम सांस्कृतिक कार्यक्रमों, चर्चाओं और समाज के लिए किए जा रहे कामों पर आधारित था। सरकार और कार्यक्रम के आयोजकों का कहना है कि यह लोगों को एक साथ लाने और देश को आगे बढ़ाने के विचारों को फैलाने का एक मौका है।
यह कार्यक्रम क्यों खास है?
आरएसएस का यह शताब्दी समारोह संगठन के सौ साल पूरे होने, इसके विचारों के विकास और समाज सेवा के कामों को दिखाने का एक मंच है। इसलिए, इस कार्यक्रम को लेकर राजनीतिक और सामाजिक बातें होना स्वाभाविक है। राष्ट्रीय स्तर पर इस तरह के बड़े आयोजनों का लोगों की राय और सरकारी नीतियों पर असर पड़ता है। इसलिए, सुरक्षा, यातायात और व्यवस्था को ठीक रखने पर खास ध्यान दिया गया।
किस पर क्या असर हुआ?
राजधानी में आने-जाने वाले लोगों, आसपास के कारोबारियों और कार्यक्रम में सेवा देने वाले स्वयंसेवकों पर इसका सीधा असर पड़ा। वहीं, सामाजिक और सांस्कृतिक संगठनों को अपने काम को दिखाने का मौका मिला। कुछ राज्यों में बैंकों के काम और छुट्टियों की वजह से लोगों की दिनचर्या थोड़ी बदली, लेकिन दिल्ली में सरकारी कामकाज सामान्य रूप से चलता रहा।
बयान:
कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए अधिकारियों ने बताया कि लोगों की भागीदारी, सुरक्षा और यातायात व्यवस्था से वे संतुष्ट हैं। उन्होंने आगे के कार्यक्रमों की जानकारी भी दी। सरकारी अधिकारियों ने बताया कि भीड़ को संभालने और आपातकालीन सेवाओं को तैयार रखने के लिए पूरी व्यवस्था की गई थी।
पृष्ठभूमि:
आरएसएस की शताब्दी के लिए पूरे साल अलग-अलग क्षेत्रों में सेवा और जागरूकता कार्यक्रम चलाने की योजना पहले से ही बनी हुई थी। दिल्ली में होने वाला कार्यक्रम भी उसी योजना का हिस्सा है। इस तरह के राष्ट्रीय आयोजनों में सुरक्षा बढ़ाई जाती है और रास्तों में बदलाव किए जाते हैं। इस बार भी ऐसा ही किया गया है।
असर:
राजनीति के नज़रिए से देखा जाए तो प्रधानमंत्री की मौजूदगी एक खास संदेश दे रही है। दिल्ली में होने वाले कार्यक्रम राष्ट्रीय स्तर पर लोगों की सोच को प्रभावित करते हैं और यह संकेत दे सकते हैं कि आने वाले समय में सरकार किन मुद्दों को ज्यादा महत्व देगी। शहर के प्रशासन के लिए यह कार्यक्रम भीड़ को संभालने, व्यवस्था बनाए रखने और अलग-अलग विभागों के बीच तालमेल बिठाने का एक इम्तिहान था। इसका सीधा असर लोगों के अनुभव और सुरक्षा पर पड़ता है।
आगे क्या होगा?
कार्यक्रम की आगे की बैठकों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की जानकारी दी जाएगी। सुरक्षा और यातायात से जुड़ी सलाहें हर दिन के हिसाब से अपडेट की जाएंगी। इसके साथ ही, राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर चल रहे सामाजिक कार्यों की जानकारी भी समय-समय पर दी जाएगी।
