गैलेक्सआई का 'मिशन दृष्टि': मल्टी-सेंसर अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट से आपदा प्रबंधन और इंडस्ट्री में आएगी क्रांति
भारत की स्पेस-टेक कंपनी गैलेक्सआई ने एक शानदार योजना बताई है। वो 2026 की शुरुआत में 'मिशन दृष्टि' के तहत दुनिया का पहला मल्टी-सेंसर अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट लॉन्च करने वाले हैं। इस सैटेलाइट में कई तरह के सेंसर होंगे, जो धरती की एकदम सटीक जानकारी देंगे, चाहे मौसम कैसा भी हो।
गैलेक्सआई का कहना है कि अलग-अलग सेंसर को एक साथ लाने से उन्हें बहुत अच्छी क्वालिटी की तस्वीरें मिलेंगी, वो भी जल्दी-जल्दी। इससे आपदा से जुड़े खतरे को कम करने, सड़कों और बिल्डिंगों की निगरानी करने, समुद्री किनारों की सुरक्षा करने और खेती और खनन जैसे कामों में तुरंत मदद मिलेगी।
इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि ये एक बड़ा कदम है। इससे धरती की जानकारी को और भी बेहतर तरीके से समझा जा सकेगा। लोगों को सही समय पर सही जानकारी मिल पाएगी। इससे इंडियन स्पेस इंडस्ट्री और तेजी से आगे बढ़ेगी। प्राइवेट कंपनियां आगे बढ़कर नए-नए तरीके खोज रही हैं, जिससे भारत दुनिया के साथ मुकाबला करने के लिए तैयार हो रहा है।
इस मिशन से जुड़े लोग पेलोड, ग्राउंड स्टेशन और दूसरी कंपनियों के साथ पार्टनरशिप पर ध्यान दे रहे हैं। जैसे-जैसे नियम और कानून बनेंगे, वैसे-वैसे इसका इस्तेमाल और भी ज्यादा बढ़ पाएगा।
भारत की स्पेस-टेक कंपनी गैलेक्सआई ने एक शानदार योजना बताई है। वो 2026 की शुरुआत में 'मिशन दृष्टि' के तहत दुनिया का पहला मल्टी-सेंसर अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट लॉन्च करने वाले हैं। इस सैटेलाइट में कई तरह के सेंसर होंगे, जो धरती की एकदम सटीक जानकारी देंगे, चाहे मौसम कैसा भी हो।
गैलेक्सआई का कहना है कि अलग-अलग सेंसर को एक साथ लाने से उन्हें बहुत अच्छी क्वालिटी की तस्वीरें मिलेंगी, वो भी जल्दी-जल्दी। इससे आपदा से जुड़े खतरे को कम करने, सड़कों और बिल्डिंगों की निगरानी करने, समुद्री किनारों की सुरक्षा करने और खेती और खनन जैसे कामों में तुरंत मदद मिलेगी।
इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि ये एक बड़ा कदम है। इससे धरती की जानकारी को और भी बेहतर तरीके से समझा जा सकेगा। लोगों को सही समय पर सही जानकारी मिल पाएगी। इससे इंडियन स्पेस इंडस्ट्री और तेजी से आगे बढ़ेगी। प्राइवेट कंपनियां आगे बढ़कर नए-नए तरीके खोज रही हैं, जिससे भारत दुनिया के साथ मुकाबला करने के लिए तैयार हो रहा है।
इस मिशन से जुड़े लोग पेलोड, ग्राउंड स्टेशन और दूसरी कंपनियों के साथ पार्टनरशिप पर ध्यान दे रहे हैं। जैसे-जैसे नियम और कानून बनेंगे, वैसे-वैसे इसका इस्तेमाल और भी ज्यादा बढ़ पाएगा।
