अमेरिका की मदद से गाज़ा में युद्धविराम हो गया है। इसके बाद इज़राइल और फ़िलिस्तीन दोनों तरफ़ के क़ैदियों और बंधकों को रिहा किया जा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने येरूशलम में कहा कि यह मध्य पूर्व में एक नई शुरुआत है।
मुख्य खबर:
गाज़ा में युद्धविराम होने के बाद बंधकों और क़ैदियों को इज़राइल और फ़िलिस्तीन की तरफ़ से रिहा किया जाने लगा। इससे लोगों को अपने परिवार से मिलने का मौक़ा मिला और बहुत ही भावुक पल आए।
यह समझौता क़तर, मिस्र और तुर्की की मदद से हुआ, जिसमें अमेरिका ने भी मध्यस्थता की। इसे इलाके में तनाव कम करने के लिए एक ज़रूरी कदम माना जा रहा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इज़राइली संसद में बोलते हुए कहा कि यह इस इलाके में एक नए दौर की शुरुआत है। उन्होंने आतंकवाद को ख़त्म करने की बात भी कही। उनके भाषण के दौरान कुछ लोगों ने विरोध भी किया, लेकिन उन्होंने इस पर सख़्त रवैया दिखाया और सुरक्षा व्यवस्था की तारीफ़ की।
अंतर्राष्ट्रीय मीडिया का कहना है कि यह दुनिया की राजनीति में एक बड़ा बदलाव है, जिसमें अमेरिका की साख और मध्यस्थता की भूमिका फिर से दिख रही है।
पिछले दो सालों में बंधक संकट और सैन्य अभियानों की वजह से लोगों की हालत ख़राब हो गई थी। लगातार कोशिशों के बावजूद कोई राजनीतिक हल नहीं निकल पा रहा था। यह ताज़ा समझौता कितना टिकाऊ होगा, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि सीमा का प्रबंधन, लोगों को मदद और पुनर्निर्माण के लिए क्या व्यवस्था की जाती है। मिस्र और क़तर ने इलाके की कूटनीति में अहम भूमिका निभाई है, जबकि दुनिया भर में शांति प्रयासों को समर्थन मिल रहा है।
असर:
जल्द ही हिंसा कम हो सकती है और राहत सामग्री ले जाने वाले वाहनों का सुरक्षित आना-जाना शुरू हो सकता है। इससे लोगों को फ़ौरन मदद मिल सकती है। लंबे समय तक शांति बनाए रखने के लिए एक राजनीतिक योजना, सुरक्षा का भरोसा और आर्थिक पुनर्निर्माण की ज़रूरत होगी, जिस पर आगे होने वाली बैठकों में बात होने की उम्मीद है।
निष्कर्ष:
आने वाले दिनों में शर्म अल-शेख जैसे मंचों पर शांति के लिए एक योजना पर बात हो सकती है, जिसमें क़ैदियों की अदला-बदली और सीमा पार से लोगों को मदद पहुँचाने पर सहमति बन सकती है। अगर इलाके और दुनिया के देश मिलकर गारंटी दें, तो समझौते को लागू करने में मदद मिल सकती है।
