सोशल मीडिया से कंटेंट हटाने की शक्ति अब सीमित, IT नियमों में पारदर्शिता पर ज़ोर

सरकार ने IT नियम, 2021 में बदलाव करते हुए सोशल मीडिया से कंटेंट हटाने का हक़ कुछ बड़े अधिकारियों तक ही सीमित कर दिया है। X (पहले ट्विटर) के साथ क़ानूनी लड़ाई के बाद सरकार ने यह कदम उठाया है, ताकि जवाबदेही तय की जा सके।

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केंद्र सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशा-निर्देश) नियम, 2021 में बदलाव किया है। इसके तहत सोशल मीडिया से कंटेंट हटाने का अधिकार अब कुछ चुने हुए बड़े अफसरों तक ही सीमित रहेगा। सरकार का कहना है कि इससे पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी।

मंत्रालय का कहना है कि बदलाव का मकसद शिकायतों का समाधान बेहतर करना और सरकारी आदेशों की जाँच-परख को सुधारना है। इससे मनमाने ढंग से कंटेंट हटाने से बचा जा सकेगा और किसकी क्या जिम्मेदारी है, यह भी साफ़ होगा। सरकार ने पिछले कुछ महीनों में X (पहले ट्विटर) के साथ कानूनी विवादों और कोर्ट में चुनौतियों के बाद यह फैसला लिया है। सरकार ने संकेत दिया था कि वह प्रक्रिया में सुधार करेगी और अधिकार को सीमित करेगी। अब इसे नियमों में शामिल कर लिया गया है।

जानकारों का मानना है कि अधिकार सीमित करने से फैसलों की क्वालिटी सुधरेगी, रिकॉर्ड रखने में आसानी होगी और अपील करने का मौका भी मिलेगा। इससे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और यूजर्स के अधिकारों के बीच संतुलन बनेगा। X के साथ विवाद के बाद इस मुद्दे पर काफ़ी बातें हुईं, जहाँ यह माँग उठी कि कंटेंट हटाने का सिस्टम पारदर्शी होना चाहिए और जवाबदेही तय होनी चाहिए।

IT नियम 2021 का मकसद यह है कि इंटरमीडियरी प्लेटफॉर्म पर यूजर्स सुरक्षित रहें, उनकी शिकायतों का समाधान हो, झूठी खबरों से निपटा जा सके और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर तुरंत कार्रवाई हो। अब डिजिटल प्लेटफॉर्म को कंटेंट हटाने के लिए बड़े अफसरों के वैध आदेश का इंतजार करना होगा। इससे ज़्यादा सख्ती की आशंका कम होगी और बोलने की आज़ादी की रक्षा हो सकेगी।

जानकारों का कहना है कि यह कदम अंतरराष्ट्रीय नियमों के मुताबिक है। दुनिया भर में कंटेंट को मॉडरेट करने में पारदर्शिता, रिपोर्टिंग और सीमित अधिकार जैसे नियमों की माँग बढ़ रही है। मंत्रालय ने कहा है कि नियमों को लागू करने की समीक्षा जारी रहेगी और प्लेटफॉर्म व अन्य लोगों से राय लेकर प्रक्रिया में आगे भी सुधार किया जा सकता है।

नियमों में बदलाव क्यों किया गया?

सरकार का कहना है कि वह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कंटेंट को लेकर ज्यादा जवाबदेही और पारदर्शिता लाना चाहती है। X (ट्विटर) के साथ विवाद के बाद यह कदम उठाया गया, जिसमें सरकार ने कंटेंट हटाने के आदेश दिए थे, लेकिन ट्विटर ने उनका पालन नहीं किया था।

नए नियमों से क्या बदलेगा?

अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को कंटेंट हटाने के लिए सरकार के बड़े अफसरों से मंजूरी लेनी होगी। इससे पहले, प्लेटफॉर्म अपने स्तर पर कंटेंट को हटा सकते थे।

इससे यूजर्स पर क्या असर होगा?

कुछ लोगों का मानना है कि नए नियमों से यूजर्स की बोलने की आज़ादी कम हो सकती है, क्योंकि सरकार के पास अब कंटेंट को हटाने का ज्यादा अधिकार होगा। वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि इससे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर गलत और भड़काऊ कंटेंट को रोकने में मदद मिलेगी।

आगे क्या होगा?

सरकार का कहना है कि वह नए नियमों को लागू करने के बाद उनकी समीक्षा करेगी और जरूरत पड़ने पर उनमें बदलाव भी कर सकती है।

यह देखना बाकी है कि नए नियम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और यूजर्स पर क्या असर डालते हैं। यह एक जटिल मुद्दा है, जिसमें आज़ादी और जवाबदेही के बीच संतुलन बनाना ज़रूरी है।


Raviopedia

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