भारत-मंगोलिया संबंध मजबूत, मंगोलिया के राष्ट्रपति की राजकीय यात्रा!

मंगोलिया के राष्ट्रपति महामहिम श्री खुरेलसुख उखना 13 से 16 अक्तूबर तक भारत की यात्रा पर हैं। उनके साथ एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी आया है। नई दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उनके सम्मान में राजकीय भोज देंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी कई मुद्दों पर बातचीत होगी।

मुख्य खबर:

मंगोलिया के राष्ट्रपति खुरेलसुख उखना आज से 16 अक्तूबर तक भारत की राजकीय यात्रा पर हैं। उनके साथ मंत्रियों, सांसदों, बड़े अधिकारियों और उद्योगपतियों का एक दल भी आया है। इस यात्रा से दोनों देशों के रिश्तों में और मज़बूती आएगी।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज शाम उनके सम्मान में एक शानदार भोज देंगी। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी अहम बैठक होगी। इस बैठक में दोनों नेता रक्षा, सुरक्षा, ऊर्जा, खनन, सूचना प्रौद्योगिकी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर बात करेंगे।

ख़बर है कि उपराष्ट्रपति, रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री भी मंगोलियाई राष्ट्रपति से मिलेंगे। इससे हमारे रणनीतिक रिश्ते और भी मजबूत होंगे। भारत और मंगोलिया के बीच 1955 से राजनयिक संबंध हैं। वक्त के साथ-साथ ये रिश्ते और भी गहरे होते गए हैं। हम एक-दूसरे को रणनीतिक साझेदार, आध्यात्मिक पड़ोसी और तीसरे पड़ोसी के तौर पर देखते हैं।

दोनों देशों के विचार काफी मिलते-जुलते हैं। हम बौद्ध धर्म को मानते हैं, लोकतंत्र में विश्वास रखते हैं और क्षेत्रीय स्थिरता चाहते हैं। इसी वजह से हम ऊर्जा सुरक्षा, खनिज संसाधन, आईटी, शिक्षा, स्वास्थ्य और कई दूसरे क्षेत्रों में मिलकर काम कर रहे हैं।

खासकर ऊर्जा और खनन के क्षेत्र में सहयोग की बहुत संभावनाएं हैं। मंगोलिया के पास प्राकृतिक संसाधनों का भंडार है, जबकि भारत के पास तकनीक और निवेश करने की क्षमता है। अगर हम मिलकर काम करें, तो दोनों देशों को फायदा हो सकता है। इसी तरह, डिजिटल और आईटी के क्षेत्र में भी सहयोग से अच्छे नतीजे मिल सकते हैं। स्टार्टअप, ई-गवर्नेंस और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में हम साथ मिलकर आगे बढ़ सकते हैं।

रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में भी सहयोग काफ़ी अहम है। हम प्रशिक्षण, सैन्य अभ्यास और क्षमता निर्माण पर ध्यान दे रहे हैं। इससे हमारी सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल होगा और एक-दूसरे पर भरोसा बढ़ेगा। यह इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भी हमारी भूमिका को मज़बूत करेगा।

शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी कई अवसर हैं। हम छात्रों और शिक्षकों का आदान-प्रदान कर सकते हैं, मिलकर रिसर्च कर सकते हैं, मेडिकल ट्रेनिंग और सार्वजनिक स्वास्थ्य परियोजनाओं पर काम कर सकते हैं। इससे दोनों देशों के लोगों के बीच संबंध और भी मजबूत होंगे।

नई दिल्ली में होने वाली बातचीत में क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा होगी। हम एक-दूसरे के हितों का ध्यान रखते हुए बहुपक्षीय मंचों पर भी सहयोग करेंगे। इस यात्रा का मकसद यही है कि अब तक जो कुछ भी हमने हासिल किया है, उसकी समीक्षा करें और अगले दस सालों के लिए एक रोडमैप तैयार करें। इससे व्यापार, निवेश और लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा मिलेगा।

आगे की राह:

यात्रा के आखिर में एक साझा बयान जारी किया जाएगा। साथ ही, कुछ नई योजनाओं और समझौतों पर भी साइन किए जा सकते हैं। इससे हमारी रणनीतिक साझेदारी को और गति मिलेगी। उम्मीद है कि ऊर्जा, खनन, डिजिटल और आईटी, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में कुछ बड़ी घोषणाएं होंगी।


Raviopedia

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