राष्ट्रीय एकता दिवस: स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर पीएम मोदी, पूरे देश में पटेल जयंती का उत्सव

सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर केवड़िया में श्रद्धांजलि अर्पित की गई। 'रन फॉर यूनिटी' और शपथ ग्रहण समारोह पूरे देश में आयोजित किए गए, जिसमें राष्ट्रीय एकता का संदेश प्रमुख था।

प्रधानमंत्री के गुजरात दौरे के साथ, राज्यों में एकता दिवस समारोह, सुरक्षा और प्रशासनिक एजेंसियों की भागीदारी, और सार्वजनिक कार्यक्रमों की एक विस्तृत श्रृंखला देखी गई।

मुख्य खबर:

केवड़िया, गुजरात में 31 अक्टूबर 2025 को सुबह स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परिसर से कार्यक्रमों की शुरुआत हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान, पूरे देश में ‘रन फॉर यूनिटी’ सहित शपथ और जन-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। यह आयोजन इसलिए खास था क्योंकि 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है, और 2025 में पटेल की 150वीं जयंती होने के कारण कार्यक्रमों का महत्व और भी बढ़ गया था।

एकता दिवस के कार्यक्रमों का असर पूरे देश में दिखाई दिया, खासकर स्कूलों, कॉलेजों, सरकारी कार्यालयों और नागरिक समाज संस्थाओं में, जहां युवाओं और सरकारी कर्मचारियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इन कार्यक्रमों के माध्यम से राष्ट्रीय एकता और प्रशासनिक एकीकरण के संदेश को बढ़ावा मिला।

राज्य और केंद्र स्तर के नेताओं ने सरदार पटेल की दूरदृष्टि, अखंड भारत के निर्माण में उनके योगदान, और प्रशासनिक क्षमता-आधारित राष्ट्रीय निर्माण की अवधारणा पर जोर दिया। गुजरात में राज्य-स्तरीय कार्यक्रमों का नेतृत्व शीर्ष स्तर के अधिकारियों ने किया, जिससे कार्यक्रमों का महत्व और भी बढ़ गया।

सरदार वल्लभभाई पटेल, जिन्हें 'लौह पुरुष' के नाम से भी जाना जाता है, ने रियासतों के विलय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और संघीय ढांचे की मजबूत नींव रखी। राष्ट्रीय एकता दिवस इसी ऐतिहासिक योगदान को याद करने और आधुनिक संदर्भों में इसका महत्व समझने का एक अवसर है। यह दिन हर साल व्यापक जनभागीदारी के साथ मनाया जाता है।

गुजरात में स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है और 21वीं सदी के भारत की सांस्कृतिक और राजनीतिक स्मृति का केंद्र है। इस वर्ष, पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर यहां विभिन्न सांस्कृतिक और देशभक्ति कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

विशेषज्ञों का मानना है कि एकता दिवस के कार्यक्रम नागरिक सहभागिता को बढ़ावा देते हैं और 'एकजुट भारत' की अवधारणा को मजबूत करते हैं। यह सामाजिक और सांस्कृतिक पूंजी को बढ़ाने के साथ-साथ शासन और प्रशासन की प्राथमिकताओं को आम जनता तक पहुंचाने का भी एक मौका है।

आने वाले हफ्तों में, राज्यों की प्रशासनिक इकाइयाँ 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' अभियान, युवा कार्यक्रम और एकता-आधारित प्रतियोगिताओं का आयोजन करेंगी, जिससे जयंती वर्ष में लोगों की भागीदारी बनी रहे।

Raviopedia

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