भारत अपनी डिजिटल मुद्रा (Digital Currency) शुरू करेगा: पीयूष गोयल का इशारा, RBI बैकिंग (Banking) पर ज़ोर

कतर (Qatar) यात्रा के दौरान, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि भारत जल्द ही भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के समर्थन वाली डिजिटल मुद्रा शुरू करेगा। डिजिटल अर्थव्यवस्था और सबको वित्तीय सेवाओं से जोड़ने के मामले में यह कदम बहुत ज़रूरी माना जा रहा है।

मुख्य खबर

मंत्री-स्तरीय गोलमेज सम्मेलन (Ministerial Roundtable Conference) में बोलते हुए गोयल ने कहा कि भारत बहुत जल्द RBI के समर्थन वाली डिजिटल मुद्रा की तरफ बढ़ेगा। यह काम नीति और तकनीक को मिलाकर किया जाएगा।

यह क्यों ज़रूरी है?

देश में बनी डिजिटल मुद्रा से डिजिटल पेमेंट (Digital Payment) के सिस्टम में पारदर्शिता आएगी, पैसे का पता लगाना आसान होगा और लागत भी कम होगी।

पिछली बातें

डेटा सुरक्षा नियमों और 2025 के डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट (Digital Personal Data Protection Act) के मसौदे पर चल रहे काम से पता चलता है कि डिजिटल वित्तीय ढांचे (Digital Financial Framework) में भरोसा बढ़ाने की कोशिश की जा रही है।

आगे क्या हो सकता है?

आने वाले महीनों में, हमें टेस्टिंग (Testing), रेगुलेटरी सैंडबॉक्स (Regulatory Sandbox) और अलग-अलग इस्तेमाल के मामलों में धीरे-धीरे विस्तार देखने को मिल सकता है।

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत जल्द ही RBI के समर्थन वाली डिजिटल मुद्रा लाएगा, जिससे डिजिटल पेमेंट के सिस्टम को और बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, DPDP नियम 2025 जैसे डेटा-गोपनीयता नियम (Data-Privacy Rules) भरोसा और जवाबदेही को बढ़ाएंगे।

लेख का विस्तार

भारत सरकार डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने और वित्तीय सिस्टम को और बेहतर बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में कहा कि भारत जल्द ही RBI के समर्थन वाली डिजिटल मुद्रा शुरू करेगा। इस घोषणा से देश में डिजिटल अर्थव्यवस्था को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

डिजिटल मुद्रा क्या है?

डिजिटल मुद्रा, पैसे का एक डिजिटल रूप है, जो कागज़ के नोटों या सिक्कों की तरह नहीं होती। यह कंप्यूटर या मोबाइल जैसे इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से इस्तेमाल की जाती है। इसे सरकार या केंद्रीय बैंक जारी कर सकते हैं, या यह प्राइवेट भी हो सकती है, जैसे कि क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency)।

RBI का समर्थन क्यों ज़रूरी है?

RBI के समर्थन का मतलब है कि यह डिजिटल मुद्रा RBI द्वारा नियंत्रित होगी। इससे लोगों का इस पर भरोसा बढ़ेगा और इसके सुरक्षित रहने की संभावना भी ज़्यादा होगी। RBI के नियमों के तहत, इस मुद्रा का इस्तेमाल करना और इसका लेन-देन करना आसान होगा।

भारत को इससे क्या फायदा होगा?

  • पारदर्शिता: डिजिटल मुद्रा से हर लेन-देन का रिकॉर्ड रखा जा सकता है, जिससे भ्रष्टाचार और काले धन को कम करने में मदद मिलेगी।
  • आसान लेन-देन: डिजिटल मुद्रा से पेमेंट करना बहुत आसान हो जाएगा, खासकर उन लोगों के लिए जो दूर-दराज के इलाकों में रहते हैं या जिनके पास बैंक अकाउंट (Bank Account) नहीं है।
  • कम लागत: कागज़ी मुद्रा छापने और उसे संभालने में बहुत खर्च होता है। डिजिटल मुद्रा से यह खर्च कम हो जाएगा।
  • वित्तीय समावेश: डिजिटल मुद्रा से ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को वित्तीय सेवाओं से जोड़ा जा सकेगा, जिससे देश की अर्थव्यवस्था और मजबूत होगी।

डेटा सुरक्षा का महत्व

डिजिटल मुद्रा के इस्तेमाल से डेटा सुरक्षा एक अहम मुद्दा है। सरकार डेटा सुरक्षा नियमों और डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट, 2025 के मसौदे पर काम कर रही है। इससे लोगों को भरोसा होगा कि उनका डेटा सुरक्षित है और उनकी निजता का सम्मान किया जाएगा।

आगे की राह

भारत सरकार इस डिजिटल मुद्रा को धीरे-धीरे शुरू करने की योजना बना रही है। पहले टेस्टिंग की जाएगी, फिर कुछ खास जगहों पर इसे इस्तेमाल किया जाएगा। इसके बाद, इसके इस्तेमाल को और बढ़ाया जाएगा। उम्मीद है कि यह डिजिटल मुद्रा भारत को डिजिटल अर्थव्यवस्था में एक नई ऊँचाई पर ले जाएगी।

Raviopedia

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