आज भारतीय शेयर बाजार में अच्छी तेजी देखने को मिल सकती है, क्योंकि RBI की मौद्रिक नीति समिति (MPC) आज नीतिगत ब्याज दरों पर फैसला लेने वाली है। गिफ्ट निफ्टी फ्यूचर्स में शुरुआती कारोबार में 150 अंकों की बढ़त देखी गई।
एशियाई बाजारों में जापान का निक्केई इंडेक्स थोड़ा गिरा, जबकि कोस्पी और हैंग सेंग में बढ़त रही। इसका मतलब है कि दुनिया भर के बाजारों से मिले-जुले संकेत मिल रहे हैं।
कल वॉल स्ट्रीट पर डाउ जोंस में थोड़ी गिरावट आई, लेकिन नास्डैक और एसएंडपी 500 में हल्की बढ़त हुई। दरअसल, निवेशकों को डर है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई टैरिफ नीति और सरकारी कामकाज ठप होने से बाजार में अस्थिरता आ सकती है।
यह क्यों मायने रखता है:
बाजार की चाल इस बात पर निर्भर करेगी कि RBI नीतिगत दरों को लेकर क्या फैसला लेता है। खासकर, सभी की निगाहें इस बात पर टिकी होंगी कि महंगाई और पैसे की उपलब्धता को लेकर RBI क्या कहता है।
दुनिया भर में, अमेरिका की टैरिफ नीति और शटडाउन जैसे खतरे उभरते बाजारों के लिए जोखिम बढ़ा सकते हैं और पूंजी के प्रवाह को प्रभावित कर सकते हैं।
किस पर होगा असर:
निवेशकों की नजर बैंकिंग, FMCG (फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स) और कैपिटल गुड्स सेक्टर के शेयरों पर रहेगी। साथ ही, नई लिस्टिंग और नए इश्यू भी आज के कारोबार में आकर्षण का केंद्र होंगे।
विदेशी बाजारों से मिलने वाले संकेत, डॉलर इंडेक्स की चाल, बॉन्ड यील्ड और कमोडिटी की कीमतें भी आज बाजार की दिशा तय करेंगी।
अपडेट:
ध्यान रखने योग्य स्टॉक्स की लिस्ट में कई बड़े और मिड-कैप कंपनियों के नाम हैं। वहीं, कुछ कंपनियां निवेश और विस्तार योजनाओं पर अपडेट दे सकती हैं।
ब्रोकरेज हाउसों ने डेरिवेटिव पोजीशन और अलग-अलग सेक्टरों में होने वाले बदलावों पर अपनी राय दी है।
पृष्ठभूमि:
तिमाही के अंत के बाद, नए महीने/तिमाही की शुरुआत में पोर्टफोलियो को फिर से व्यवस्थित किया जाता है और बाजार नए संकेतों पर प्रतिक्रिया देता है। RBI की नीति के सप्ताह में कारोबार की मात्रा और उतार-चढ़ाव आमतौर पर बढ़ जाते हैं।
वैश्विक स्तर पर, अमेरिकी नीतियों और शटडाउन का खतरा निवेशकों के जोखिम लेने या बचने के मूड को प्रभावित करता है।
विश्लेषण:
अगर RBI महंगाई के अनुमान और पैसे की उपलब्धता को लेकर संतुलित रवैया अपनाता है, तो बैंकिंग और ब्याज दरों के प्रति संवेदनशील शेयरों में स्थिरता आ सकती है। वरना, बाजार में थोड़ी अस्थिरता देखने को मिल सकती है।
वैश्विक जोखिम बढ़ने पर विदेशी निवेशकों की तरफ से होने वाले निवेश और मुद्रा में उतार-चढ़ाव भी देखने को मिल सकता है।
आगे की राह:
MPC के बयान, फैसलों में मतभेद और आगे के संकेतों पर बाजार तुरंत प्रतिक्रिया देगा, जिसके बाद खास सेक्टर से जुड़े विषय सामने आ सकते हैं।
अमेरिकी मोर्चे पर टैरिफ/शटडाउन से जुड़ी खबरें और आने वाले डेटा भी उभरते बाजारों की चाल तय करेंगे।
