त्योहारी सीज़न में, दो बड़ी फ़िल्में 'कांतारा चैप्टर 1' जिसमें ऋषभ शेट्टी हैं, और 'सनी संस्कारी की तुलसी कुमारी' जिसमें वरुण धवन हैं, 2 अक्टूबर को बॉक्स ऑफिस पर एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा करेंगी। इस महीने और भी कई फ़िल्में रिलीज़ होने वाली हैं, जैसे 'थम्मा' और 'गो गोआ गॉन 2'।
क्या है खबर:
अक्टूबर का महीना हिंदी फिल्म प्रेमियों के लिए बहुत खास होने वाला है। इस महीने 'कांतारा चैप्टर 1' और 'सनी संस्कारी की तुलसी कुमारी' जैसी बड़ी फ़िल्में रिलीज़ हो रही हैं। ये दोनों फ़िल्में 2 अक्टूबर को एक साथ रिलीज़ होंगी और बॉक्स ऑफिस पर ज़बरदस्त टक्कर देंगी।
'कांतारा चैप्टर 1' में ऋषभ शेट्टी एक बार फिर अपनी लोककथाओं और रहस्यों से भरी दुनिया को दर्शकों के सामने लाने वाले हैं। वहीं, 'सनी संस्कारी की तुलसी कुमारी' एक हल्की-फुल्की पारिवारिक-रोमांटिक कॉमेडी है, जिसे शशांक खेतान ने निर्देशित किया है। इस फ़िल्म में वरुण धवन दर्शकों को हंसाने और उनका मनोरंजन करने का वादा करते हैं।
इन दोनों फिल्मों के अलावा, आयुष्मान खुराना और रश्मिका मंदाना की 'थम्मा' और ज़ॉम्बी-कॉमेडी 'गो गोआ गॉन 2' भी इस महीने सिनेमाघरों में रिलीज़ होंगी।
यह क्यों ज़रूरी है:
त्योहारी सीज़न में अलग-अलग तरह की फ़िल्मों का एक साथ रिलीज़ होना यह दिखाता है कि बाज़ार में कितनी जगह है और दर्शक अलग-अलग तरह की फ़िल्में देखना चाहते हैं। इससे मल्टीप्लेक्स और सिंगल-स्क्रीन दोनों को फ़ायदा होता है। पिछली फ़िल्मों की लोकप्रियता और स्टार कास्ट का फ़िल्म के पहले वीकेंड के कलेक्शन पर बड़ा असर पड़ता है।
किस पर होगा असर:
इसका असर फ़िल्म वितरकों, सिनेमाघर मालिकों और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर पड़ेगा। दर्शकों के लिए त्योहारों की छुट्टियों में देखने के लिए कई फ़िल्में होंगी। अलग-अलग तरह की फ़िल्मों के एक साथ रिलीज़ होने से मार्केटिंग और शो के समय पर भी असर पड़ेगा।
क्या कह रहे हैं कलाकार:
कलाकारों का कहना है कि बॉक्स ऑफिस पर स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए। उनका यह भी मानना है कि अलग-अलग तरह की फ़िल्में एक साथ चल सकती हैं, क्योंकि त्योहारों के दौरान सिनेमाघरों में बहुत भीड़ होती है। रिलीज़ कैलेंडर से पता चलता है कि अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े में भी कई बड़ी फ़िल्में रिलीज़ होंगी।
आगे क्या होगा:
पहले वीकेंड के आंकड़े यह तय करेंगे कि ये फ़िल्में पूरे महीने कैसा प्रदर्शन करती हैं। फ़िल्मों के बारे में लोगों की राय और समीक्षाओं का असर दूसरे हफ्ते से ज़्यादा दिखाई देगा। दिवाली के करीब आते ही फ़िल्मों का प्रमोशन और शहरों में घूमना-फिरना बढ़ सकता है।
