वॉशिंगटन में राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि चीन के सामान पर 100% टैरिफ लगाना ‘ज़्यादा दिन तक नहीं चल सकता’. उन्होंने ये भी बताया कि वो अगले दो हफ़्तों में राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलेंगे. खबर ये भी है कि ट्रेज़री सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट और चीन के उप-प्रधानमंत्री हे लिफेंग आपस में बात कर रहे हैं.
मुख्य खबर:
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि चीन से आने वाले सामान पर 100% टैक्स लगाने का जो प्लान है, वो ‘ज़्यादा दिन तक नहीं चल सकता’. लेकिन उन्होंने ये भी कहा कि चीन जिस तरह से ‘रेयर अर्थ’ के एक्सपोर्ट को कंट्रोल कर रहा है, उससे तुरंत कुछ कड़े कदम उठाने ज़रूरी हो गए हैं.
ट्रंप ने बताया कि वो अगले दो हफ़्तों में साउथ कोरिया में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलेंगे. उन्होंने कहा कि हमें एक ऐसा समझौता चाहिए जो दोनों के लिए ठीक हो.
मामले से जुड़ी एक और खबर है. अमेरिकी ट्रेज़री सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट ने कहा कि वो अपने चीनी साथी हे लिफेंग से बात करेंगे. शायद अगले हफ्ते मलेशिया में दोनों आमने-सामने बैठकर बात भी कर सकते हैं. इससे उम्मीद है कि तनाव कम हो सकता है.
शुरुआत में ग्लोबल मार्केट थोड़ा डरा हुआ था, लेकिन ट्रंप के नरम रवैये और शिखर वार्ता की खबरों से थोड़ी राहत मिली. हालांकि, अभी भी कुछ पक्का नहीं है.
पहले क्या हुआ था:
पिछले हफ्ते 100% एक्स्ट्रा टैक्स लगाने की बात हुई थी. साथ ही, 1 नवंबर से ‘क्रिटिकल सॉफ्टवेयर’ के एक्सपोर्ट पर भी कुछ नए नियम लगने वाले थे. ऐसा माना जा रहा था कि ये सब चीन की रेयर अर्थ पॉलिसी के जवाब में किया जा रहा है. जापान टाइम्स और कुछ दूसरे इंटरनेशनल मीडिया ने इसे ‘टैरिफ पर पीछे हटने का इशारा’ बताया है. लेकिन ये बातचीत का क्या नतीजा निकलेगा, ये आने वाली मीटिंग्स पर डिपेंड करेगा.
क्या असर होगा:
पॉलिसी में बदलाव होने से ग्लोबल सप्लाई चेन, टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री और कमोडिटी मार्केट पर असर पड़ता है. 100% टैक्स जैसे कदम लगाने से व्यापार महंगा हो जाता है और महंगाई बढ़ने का खतरा भी रहता है. अगर ट्रंप और शी की मुलाकात से कोई ‘सॉल्यूशन’ निकलता है या आगे बढ़ने का रास्ता दिखता है, तो एशिया में सामान बनाने वाली कंपनियों और अमेरिका के कस्टमर्स दोनों को राहत मिल सकती है.
आगे क्या होगा:
अगले 10-14 दिनों में बड़े लेवल पर बातचीत हो सकती है और शायद शिखर बैठक भी हो जाए. इससे ये साफ हो जाएगा कि आगे क्या होने वाला है. खासकर टैक्स में छूट, रेयर अर्थ और एक्सपोर्ट कंट्रोल पर अगर कोई प्रोग्रेस होती है तो अच्छा रहेगा. फिलहाल, शेयर बाजार खबरों के हिसाब से रिएक्ट करेगा, इसलिए पॉलिसी से जुड़े किसी भी इशारे पर तुरंत रिएक्शन देखने को मिल सकता है.
