वॉल स्ट्रीट मिला-जुला, एशिया में सुधार; अमेरिका-चीन तनाव बरकरार

मंगलवार को वॉल स्ट्रीट में बैंकों के नतीजों का मौसम था, फेडरल रिजर्व (फेड) की तरफ से कुछ बातें सुनने को मिलीं, और अमेरिका-चीन के बीच ट्रेड को लेकर तनाव भी बना हुआ था। इन सब वजहों से बाजार मिला-जुला रहा। दूसरी तरफ, एशियाई बाजार तीन दिनों से गिर रहे थे, लेकिन अब उनमें थोड़ा सुधार दिख रहा है। फेड की तरफ से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद से थोड़ा सहारा मिला, लेकिन ट्रेड को लेकर जो टेंशन है, उसकी वजह से ज्यादा तेजी नहीं आई।

मुख्य खबर:

अमेरिका के शेयर बाजार में मंगलवार को अलग-अलग ट्रेंड देखने को मिला। 500 और नैस्डैक थोड़े नीचे गए, जबकि डाउ जोंस में थोड़ी बढ़त हुई। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि बैंकों के नतीजे आ रहे थे, फेड के चेयरमैन ने कुछ बयान दिए थे, और अमेरिका-चीन के बीच ट्रेड को लेकर भी तनाव चल रहा था।

एशियाई शेयर बाजार, जो पिछले तीन दिनों से गिर रहे थे, बुधवार की सुबह थोड़े सुधरे। इसकी वजह ये थी कि फेड शायद ब्याज दरें कम कर दे, इस उम्मीद से बाजार को थोड़ा सहारा मिला और रिस्क लेने की क्षमता में भी थोड़ा सुधार हुआ।

खबरों के मुताबिक, अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड को लेकर फिर से टेंशन बढ़ने के संकेत मिले हैं, जिससे बाजार में तेजी धीमी पड़ गई है। निवेशक थोड़ा सतर्क रवैया अपना रहे हैं और हर दिन बाजार में उतार-चढ़ाव बना हुआ है।

दुनिया भर के बाजारों की बात करें तो, अलग-अलग कंपनियों के नतीजे मिले-जुले आ रहे हैं। इस वजह से लोग वैल्यू वाले शेयरों के मुकाबले ग्रोथ वाले शेयरों में पैसा लगा रहे हैं और डिफेंसिव सेक्टरों में भी डिमांड बनी हुई है।

वहीं, दुनिया की पॉलिटिक्स की बात करें तो, पश्चिमी एशिया में शांति बनाए रखने की कोशिशें जारी हैं। इससे बाजार में रिस्क थोड़ा कम हुआ है, लेकिन फिर भी निवेशकों में डर बना हुआ है। एशियाई बाजारों में सुबह थोड़ी तेजी देखने को मिली, लेकिन आगे बाजार कैसा रहेगा, ये खबरों पर डिपेंड करेगा।

कुल मिलाकर, डॉलर की कीमत, बॉन्ड यील्ड और तेल की कीमतें ये सब चीजें मिलकर तय करेंगी कि आने वाले दिनों में दुनिया भर के शेयर बाजारों और उभरते बाजारों में कैसा माहौल रहेगा।

आगे की राह:

निवेशक अब फेड के अधिकारियों के अगले भाषणों का इंतजार कर रहे हैं। इसके अलावा, वे ये भी देखेंगे कि अलग-अलग देशों की इकोनॉमी कैसा परफॉर्म कर रही है और अमेरिका-चीन के बीच बातचीत में क्या हो रहा है। इन सब चीजों से पता चलेगा कि Q4 में निवेशकों का मूड कैसा रहेगा। एशियाई बाजारों में जो थोड़ी-बहुत तेजी आई है, वो टिकेगी या नहीं, ये कंपनियों के नतीजों और दुनिया की पॉलिटिक्स पर डिपेंड करेगा।

Raviopedia

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