इजराइल ने गाजा में फिर से सैन्य कार्रवाई करने का इशारा दिया है। मानवीय संकट और सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं, जिससे हमास पर और दबाव बढ़ रहा है।
मुख्य खबर:
17 अक्टूबर, 2025 को इजराइल ने क्षेत्रीय स्थिति पर बात करते हुए कहा कि गाजा में सैन्य कार्रवाई फिर से शुरू हो सकती है। इजराइल का कहना है कि मानवीय और सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियों के कारण हमास पर दबाव बना रहेगा।
खबरों के अनुसार, इजराइल ने यह चेतावनी बंधकों के मामले और सीमा पर हुई कुछ घटनाओं को ध्यान में रखते हुए दी है। इजराइल इन मुद्दों पर गंभीर है और चाहता है कि हमास जिम्मेदारी से काम ले।
वहीं, एक अलग मामले में व्हाइट हाउस ने साफ किया कि वे वेनेजुएला के राष्ट्रपति मादुरो को अभी भी अवैध नेता मानते हैं। यह अमेरिका और लैटिन अमेरिका के संबंधों के लिए बहुत जरूरी है। अमेरिका का यह रुख वेनेजुएला में लोकतंत्र को लेकर उसकी प्रतिबद्धता को दिखाता है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की वाशिंगटन डीसी पहुंचे हैं। वे यहां अमेरिकी राष्ट्रपति से मिलेंगे और सुरक्षा में मदद को लेकर बात करेंगे। यूक्रेन को इस समय अमेरिका से समर्थन की बहुत ज़रूरत है, ताकि वह अपनी सुरक्षा को मजबूत कर सके।
एशिया-प्रशांत क्षेत्र में पापुआ, इंडोनेशिया में 6.7 तीव्रता का भूकंप आया। इसके बाद इलाके में आपदा प्रबंधन की टीम सक्रिय हो गई है। भूकंप से हुए नुकसान का पता लगाया जा रहा है और लोगों को मदद पहुंचाई जा रही है।
मध्य पूर्व में युद्धविराम की कोशिशें जारी हैं और बंधकों का मामला भी उलझा हुआ है। ऐसे में दुनिया की बड़ी ताकतों का रोल क्षेत्रीय स्थिरता के लिए बहुत जरूरी है। सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि ये देश इस मामले में क्या भूमिका निभाते हैं।
इस पूरे घटनाक्रम का असर एनर्जी के बाजार और मानवीय मदद पर भी पड़ सकता है। समुद्री रास्तों और सीमा चौकियों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है, ताकि किसी भी तरह की मुश्किल से बचा जा सके।
आगे क्या हो सकता है:
आने वाले दिनों में दुनिया की नज़रें गाजा पर इजराइल की हरकतों पर रहेंगी कि वह सैन्य कार्रवाई करता है या कूटनीति से काम लेता है। इसके साथ ही, अमेरिका और यूक्रेन की बातचीत का नतीजा भी यूरोप की सुरक्षा पर असर डालेगा।
