अमेरिकी राष्ट्रपति का बयान- चीन से संबंध सुधारने की कोशिश जारी है, लेकिन 1 नवंबर से भारी टैरिफ लागू होंगे। माना जा रहा है कि इसका असर सप्लाई चेन, महंगाई और निवेश पर पड़ेगा।
मुख्य खबर:
अमेरिका ने चीन से आने वाले सामान पर 155% तक टैरिफ लगा दिया है। इससे दुनिया भर के व्यापार पर असर पड़ सकता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि वो चीन के साथ अच्छे रिश्ते चाहते हैं, लेकिन 1 नवंबर से टैरिफ में कोई बदलाव नहीं होगा। उनका कहना है कि इससे खास उद्योगों को बचाने और व्यापार में बराबरी लाने में मदद मिलेगी।
इस फैसले से अमेरिका में सामान महंगा हो सकता है और चीन से निर्यात करने वालों को मुश्किल हो सकती है।
जानकारों का मानना है कि इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीनरी, और रोजमर्रा की चीजों के दाम बढ़ सकते हैं, जिससे महंगाई को काबू में रखना मुश्किल हो जाएगा।
कंपनियां अब दूसरे देशों से सामान खरीदने पर ध्यान दे सकती हैं, जिससे दक्षिण-पूर्व एशिया और भारत में निवेश बढ़ सकता है।
राजनीतिक नज़रिए से देखें तो, इस नीति का मकसद घरेलू उद्योगों को बचाना, बौद्धिक संपदा की रक्षा करना और देश की सुरक्षा को प्राथमिकता देना है। हालांकि, इससे दूसरे देशों के साथ रिश्ते खराब हो सकते हैं।
लंबे समय में, टैरिफ कितने समय तक रहेंगे और उनमें क्या बदलाव होंगे, इस पर निर्भर करेगा कि कंपनियां अपनी सप्लाई चेन में कितना निवेश करती हैं।
आगे की राह:
आने वाले दिनों में, उम्मीद है कि अमेरिकी सरकार कुछ खास क्षेत्रों के लिए छूट और नियमों में बदलाव कर सकती है।
दुनिया भर के बाज़ार, महंगाई के आंकड़े और कंपनियों के निर्देश बताएंगे कि टैरिफ का अर्थव्यवस्था पर क्या असर हो रहा है।
