NDA ने चुनावी घोषणा पत्र जारी किया, तेजस्वी यादव ने बताया झूठा वादा। तूफान 'मोंथा' के कारण बारिश के बीच रैलियों पर सबकी नज़र, चुनाव आयोग भी सख्त।
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बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर माहौल गरमा गया है। NDA ने अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी करते हुए राज्य में 1 करोड़ नौकरियाँ देने का वादा किया है। लेकिन, RJD नेता तेजस्वी यादव ने इसे तुरंत 'जुमला' करार दे दिया और सवाल उठाए कि ये वादा कैसे पूरा होगा।
विपक्ष ने कहा कि पहले भी जब NDA ने नौकरियाँ देने की बात कही थी, तो उसे नामुमकिन बताया गया था। अब, उन्हें यह बताना होगा कि वे ये नौकरियाँ कहाँ से लाएँगे और कैसे देंगे। उन्हें पूरी योजना बतानी चाहिए।
दूसरी तरफ, चुनाव आयोग भी पूरी तरह से मुस्तैद है। आयोग ने बताया कि चुनाव से पहले उन्होंने भारी मात्रा में नकद, सोना-चाँदी, शराब और नशीले पदार्थ जब्त किए हैं। इससे पता चलता है कि आयोग चुनाव को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष कराने के लिए कितना गंभीर है।
चुनाव कार्यक्रम के अनुसार, पहले दौर का मतदान 6 नवंबर को और दूसरे दौर का मतदान 11 नवंबर को होगा। सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है और चुनाव आयोग के नियमों का पालन कराने पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है।
मौसम भी एक चुनौती बना हुआ है। 'मोंथा' तूफान के कारण लगातार बारिश हो रही है, लेकिन इसके बावजूद राजनीतिक दलों की रैलियाँ जारी हैं।
आज कई बड़े नेताओं की जनसभाएँ होनी हैं। प्रधानमंत्री भी बिहार आ रहे हैं। केंद्रीय नेताओं के रोड शो और विपक्षी नेताओं की रैलियों में भी भारी भीड़ उमड़ने की उम्मीद है। सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
राज्य में रोजगार, किसानी, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे मुद्दे सबसे ज्यादा चर्चा में हैं। हर कोई इन्हीं मुद्दों पर बात कर रहा है।
राजनीति के जानकारों का मानना है कि NDA का रोजगार पर ध्यान देना युवाओं को लुभाने की कोशिश है। लेकिन, लोग यह भी देखेंगे कि क्या NDA अपने वादे को पूरा कर पाएगी और क्या उनके पास इसके लिए पर्याप्त पैसा है।
आगे क्या होगा:
अगले कुछ दिनों में, दोनों चरणों के मतदान से पहले, राजनीतिक दल और भी ज्यादा वादे करेंगे, नए समीकरण बनेंगे और उम्मीदवार अपनी पूरी ताकत लगा देंगे। चुनाव आयोग भी अपनी कार्रवाई जारी रखेगा। बारिश और मौसम भी चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं।
