- पहले दौर में रिकॉर्ड तोड़ मतदान के बाद बिहार की राजनीति गरमाई, दोनों गठबंधन अपनी जीत के दावे कर रहे हैं.
- अब 11 नवंबर को दूसरा दौर है, और 14 नवंबर को नतीजे आएंगे. प्रशासन पूरी तरह से तैयार है.
मुख्य खबर:
बिहार में विधानसभा चुनाव का पहला चरण पूरा हो गया है. 121 सीटों पर लोगों ने बढ़-चढ़कर वोट डाले, करीब 64.66% मतदान हुआ, जो कि आजकल के चुनावों में सबसे ज़्यादा है. चुनाव आयोग के हिसाब से, पहला दौर 6 नवंबर को खत्म हो गया, दूसरा 11 नवंबर को है, और वोटों की गिनती 14 नवंबर को होगी.
इतनी ज़्यादा वोटिंग होने से अब राजनीतिक माहौल बदल गया है. जो पार्टियां सरकार में हैं, उनका कहना है कि लोगों को उनके काम पर भरोसा है, इसलिए इतनी वोटिंग हुई. वहीं, विपक्ष का कहना है कि लोग बदलाव चाहते हैं.
अलग-अलग पार्टियों के नेताओं ने भी अपनी-अपनी बातें कही हैं. केंद्र सरकार के मंत्रियों और एनडीए के नेताओं को लग रहा है कि उन्हें बहुत ज़्यादा समर्थन मिलेगा. वहीं, महागठबंधन और नई पार्टियों का कहना है कि लोगों ने उन्हें इसलिए वोट दिया है, क्योंकि वो नौकरी और समाज में बराबरी की बात कर रहे हैं.
प्रशासन ने दूसरे दौर के लिए पूरी तैयारी कर ली है. सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को ठीक से रखा जा रहा है, और जिन बूथों पर गड़बड़ी होने की आशंका है, उन पर खास नज़र रखी जा रही है, ताकि शांति से वोटिंग हो सके. पहले दौर की वोटिंग के बाद, चुनाव के नियमों को तोड़ने वालों पर भी नज़र रखी जा रही है, और अधिकारियों का कहना है कि अगर कोई शिकायत आती है, तो तुरंत कार्रवाई की जाएगी.
जानकारों का कहना है कि इतनी ज़्यादा वोटिंग होने से गांवों और युवाओं की भूमिका काफी अहम हो सकती है. इससे सीटों के नतीजे बदल भी सकते हैं. लोगों के लिए नौकरी, शिक्षा, स्वास्थ्य और ज़रूरी सेवाएं सबसे बड़े मुद्दे हैं. सभी पार्टियां इन मुद्दों पर अलग-अलग वादे करके लोगों को अपनी ओर खींचने की कोशिश कर रही हैं.
असर और विश्लेषण:
रिकॉर्ड तोड़ मतदान से पता चलता है कि लोगों ने सरकार और विपक्ष दोनों को अपना संदेश दे दिया है. अब देखना यह है कि किस इलाके में किस पार्टी की पकड़ ज़्यादा है, क्योंकि उसी से सीटों का गणित तय होगा. दूसरे दौर की वोटिंग से पहले रैलियां, घोषणाएं और बहसें होंगी, जिनसे आखिरी समय में वोट करने वालों का मन बदल सकता है.
आगे की राह:
अगले चार दिनों में चुनाव प्रचार और तेज़ होगा, और 11 नवंबर को वोटिंग के बाद सबकी निगाहें 14 नवंबर पर टिकी रहेंगी, जब वोटों की गिनती होगी.
