बिहार में पहले चरण की वोटिंग में लोगों ने जमकर हिस्सा लिया, 64.69% वोट पड़े। अब दूसरे चरण में 122 सीटों के लिए 11 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। चुनाव प्रचार 9 नवंबर की शाम को बंद हो जाएगा। चुनाव आयोग ने सुरक्षा और वोट डालने में लोगों को कोई परेशानी न हो, इसके लिए ज़रूरी हिदायतें जारी की हैं।
मुख्य ख़बर:
बिहार में विधानसभा चुनाव का पहला दौर पूरा हो गया है। इस बार लोगों ने बढ़-चढ़कर वोट डाले, जिसकी वजह से 64.69% का रिकॉर्ड बना है। चुनाव आयोग का कहना है कि ये लोकतंत्र का त्योहार है। अब सबकी निगाहें दूसरे दौर पर टिकी हैं, जिसमें 20 जिलों की 122 सीटों के लिए 11 नवंबर को वोटिंग होगी। 9 नवंबर की शाम 6 बजे चुनाव प्रचार खत्म हो जाएगा, इसलिए सभी पार्टियां ज़ोर-शोर से प्रचार में लगी हैं। चुनाव आयोग ने ये भी कहा है कि वोटिंग के दौरान सुरक्षा का पूरा इंतज़ाम किया जाएगा और लोगों को वोट डालने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए।
चुनाव आयोग के मुताबिक, बिहार की 243 सीटों के लिए दो चरणों में वोटिंग हो रही है। पहला चरण 6 नवंबर को था और दूसरा 11 नवंबर को होगा। वोटों की गिनती 14 नवंबर को होगी, जिसके बाद पता चलेगा कि बिहार में किसकी सरकार बनेगी।
क्या हुआ:
पहले दौर में इतनी ज़्यादा वोटिंग होने से सभी राजनीतिक पार्टियां हैरान हैं और अपनी रणनीति को बदलने में लगी हैं। दूसरे दौर में सीमांचल, मगध, शाहाबाद और चंपारण जैसे इलाकों में वोट डाले जाएंगे, जो बहुत अहम माने जाते हैं।
क्यों हुआ:
जानकारों का कहना है कि ज़्यादा वोटिंग होने की वजह ये है कि लोग अब जागरूक हो गए हैं और शांति से वोट डाल रहे हैं। साथ ही, इस बार चुनाव में कुछ खास मुद्दे उठाए गए हैं, जिन पर लोग ध्यान दे रहे हैं। हालांकि, इसका सियासी मतलब क्या है, इस बारे में सबकी राय अलग-अलग है।
किस पर होगा असर:
ज़्यादा वोटिंग होने से उन सीटों पर असर पड़ेगा जहां मुकाबला कड़ा है। साथ ही, जो नए वोटर हैं, उनकी भी अहम भूमिका रहेगी। दूसरे दौर में 3.70 करोड़ से ज़्यादा लोग वोट डालने वाले हैं, इसलिए ये दौर बहुत ज़रूरी है।
बयान और संस्थाओं की राय:
चुनाव आयोग ने कहा है कि दूसरे दौर के लिए सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए हैं, ताकि सब कुछ ठीक से हो और लोग बिना डर के वोट डाल सकें। इसके लिए सभी जिलों को ज़रूरी निर्देश भेज दिए गए हैं। राजनीतिक पार्टियां भी दूसरे दौर के लिए जमकर प्रचार कर रही हैं, खासकर उन इलाकों में जहां पिछली बार मुकाबला कांटे का था।
पिछला रिकॉर्ड और जानकारी:
बिहार में 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में वोटिंग होनी है। इस बार चुनाव में लोगों की ज़रूरतें, जैसे नौकरी, विकास, पढ़ाई-लिखाई, सेहत और कानून व्यवस्था जैसे मुद्दे उठाए जा रहे हैं। पहले दौर में वोटिंग हो चुकी है और दूसरे दौर में ज़्यादा जिलों और सीटों पर वोटिंग होनी है। इससे पता चलेगा कि बिहार में किसकी सरकार बनेगी।
असर और विश्लेषण:
आमतौर पर, ज़्यादा वोटिंग होने का मतलब ये होता है कि लोग सरकार से खुश नहीं हैं और बदलाव चाहते हैं। लेकिन, कई बार ऐसा नहीं होता और चुनाव के नतीजे कुछ और ही निकलते हैं। इसलिए, दूसरे दौर की वोटिंग से ही पता चलेगा कि बिहार में क्या होने वाला है। 14 नवंबर को वोटों की गिनती होगी, जिससे पता चलेगा कि लोगों ने किसे चुना है और आगे बिहार किस दिशा में जाएगा।
आखिरी बात:
9 नवंबर की शाम को चुनाव प्रचार बंद हो जाएगा। इसके बाद प्रशासन की ये ज़िम्मेदारी होगी कि 11 नवंबर को शांति से और ईमानदारी से वोटिंग हो, जिसमें सभी लोग हिस्सा ले सकें। चुनाव आयोग भी लोगों को कोई परेशानी न हो और सुरक्षा बनी रहे, इस पर ध्यान रखेगा। 14 नवंबर को वोटों की गिनती होगी, जिसके बाद पता चल जाएगा कि नई सरकार किसकी बनेगी।
