पश्चिमी केन्या में भारी बारिश आफ़त बनकर टूटी, ज़मीन खिसकने से 21 लोगों की दर्दनाक मौत, 30 से ज़्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं। मुश्किल मौसम के बावजूद राहत और बचाव टीमें पूरी ताकत से मलबा हटाने और लोगों को सुरक्षित निकालने में जुटी हैं।
मुख्य खबर:
केन्या के अंदरूनी मामलों के मंत्री ने बताया कि लगातार हो रही भारी बारिश की वजह से ज़मीन खिसकने की घटना हुई, जिसमें कम से कम 21 लोगों की जान चली गई, और 30 से ज़्यादा लोग अभी भी लापता हैं। मुसीबत की इस घड़ी में, स्थानीय प्रशासन और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसियां एक साथ मिलकर राहत कार्यों में लगी हुई हैं।
हालात बहुत मुश्किल हैं, क्योंकि घटनास्थल तक पहुंचना आसान नहीं है, लगातार बारिश हो रही है, और पहाड़ी ढलानों के खिसकने का डर बना हुआ है। इन मुश्किलों के बावजूद, बचाव दल अपनी जान हथेली पर रखकर काम कर रहे हैं। लोगों को फ़ौरन मदद मिल सके, इसलिए अस्थायी शेल्टर और मेडिकल सहायता केंद्र बनाए गए हैं।
पिछला मंज़र ये है कि पूर्वी अफ्रीका में हर साल भारी बारिश की घटनाएं बढ़ रही हैं, जिससे मिट्टी का कटाव भी बढ़ रहा है। इस वजह से, जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए निवेश और शुरुआती चेतावनी सिस्टम पर दुनिया भर में बातचीत तेज़ हो गई है।
इसका असर ये हो सकता है कि केन्या सरकार जोखिम वाले इलाकों का पता लगाने, पहाड़ी बस्तियों को दूसरी जगह बसाने, और बारिश से होने वाली आपदाओं के बारे में लोगों को पहले से चेतावनी देने के लिए बेहतर सिस्टम बनाने की दिशा में काम कर सकती है।
आगे की राह:
जैसे-जैसे मौसम सुधरेगा, लापता लोगों की तलाश और नुकसान का आकलन भी तेज़ी से किया जाएगा। साथ ही, इस बात पर भी ज़ोर दिया जाएगा कि पहाड़ी इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए स्थायी इंतज़ाम किए जाएं, और इस मुद्दे पर राष्ट्रीय स्तर पर बहस तेज़ होने की उम्मीद है।
