श्री वेंकटेश्वर मंदिर, काशीबुग्गा में एकादशी के दिन भीड़ को संभालने में लापरवाही के कारण एक दुखद घटना घटी। भगदड़ में 9 लोगों की जान चली गई और कई लोग घायल हो गए। राज्य सरकार ने इस मामले में लापरवाही बरतने वालों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है और प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था की जाँच शुरू कर दी है।
विस्तृत ख़बर:
आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम् जिले के काशीबुग्गा में 2 नवंबर, 2025 को सुबह से दोपहर के बीच यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी। एकादशी के अवसर पर मंदिर में भारी भीड़ थी। प्रवेश और निकास द्वार संकरे होने और रेलिंग टूटने के कारण भगदड़ मच गई। इस हादसे में 9 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए।
स्थानीय प्रशासन ने शुरुआती जाँच में पाया कि भीड़ को नियंत्रित करने, बैरिकेड लगाने और आपातकालीन निकास की उचित व्यवस्था करने में कमियाँ थीं। प्रशासन अब इस घटना के लिए ज़िम्मेदार लोगों की पहचान करने में जुटा है।
इस घटना को लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप भी शुरू हो गए हैं। मुख्यमंत्री और विपक्षी नेताओं ने मंदिर प्रबंधन और सुरक्षा एजेंसियों से जवाब माँगा है। सरकार ने पीड़ित परिवारों को मुआवज़ा देने और तत्काल राहत प्रदान करने की घोषणा की है।
यह घटना धार्मिक आयोजनों में भीड़ प्रबंधन की चुनौतियों को उजागर करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का सख्ती से पालन करना ज़रूरी है।
राज्य सरकार अब भीड़भाड़ वाले तीर्थस्थलों में डिजिटल कतार प्रबंधन, लाइव फ़ुटफ़ॉल ट्रैकिंग और आपातकालीन ड्रिल को अनिवार्य करने पर विचार कर रही है, ताकि व्यस्त समय में सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित की जा सके।
आगे की राह:
इस घटना की मजिस्ट्रियल जाँच के साथ-साथ तकनीकी ऑडिट और एसओपी को अपडेट करने की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी। उम्मीद है कि भविष्य में त्योहारों के दौरान भीड़ प्रबंधन के लिए अनिवार्य जाँच सूची लागू की जाएगी।
