दिल्ली सरकार ने एक नई योजना शुरू की है जिसका नाम है 'पिंक सहेली स्मार्ट कार्ड'। इस कार्ड के ज़रिए, दिल्ली में रहने वाली महिलाएं और ट्रांसजेंडर लोग डीटीसी (DTC) और क्लस्टर बसों में बिना किसी पैसे के यात्रा कर सकेंगे। सरकार का कहना है कि इस योजना से महिलाओं की सुरक्षा और आज़ादी बढ़ेगी, और उन्हें नौकरी ढूंढने में भी मदद मिलेगी।
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दिल्ली सरकार ने इतवार के दिन एक बहुत ही अच्छी योजना शुरू की। इस योजना का नाम है 'पिंक सहेली स्मार्ट कार्ड'। इस कार्ड के ज़रिए, महिलाएं और ट्रांसजेंडर समुदाय के लोग डीटीसी (DTC) और क्लस्टर बसों में मुफ़्त में यात्रा कर सकते हैं, वो भी बिना किसी परेशानी के।
सरकार का कहना है कि इस योजना को शुरू करने का मकसद है कि सभी लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल कर सकें, महिलाएं सुरक्षित रहें और उन्हें इधर-उधर जाने में कोई दिक्कत न हो। इससे महिलाओं और ट्रांसजेंडरों को शिक्षा हासिल करने, इलाज कराने और नौकरी ढूंढने में आसानी होगी।
सूत्रों से पता चला है कि इस स्मार्ट कार्ड में एक ऐसा सिस्टम होगा जिससे पता चल सकेगा कि कौन यात्रा कर रहा है और कहां तक कर रहा है। इससे सरकार को यह जानने में मदद मिलेगी कि योजना सही तरीके से काम कर रही है या नहीं।
राजनीति के जानकारों का मानना है कि सरकार ने यह कदम उठाकर महिलाओं और ट्रांसजेंडर समुदाय को खुश करने की कोशिश की है। साथ ही, यह भी दिखाया है कि सरकार शहरी ट्रांसपोर्ट को लेकर कितनी गंभीर है।
इस योजना की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि कार्ड कितने लोगों को मिलते हैं, लोगों की पहचान कैसे की जाती है और बसों की सर्विस कितनी अच्छी है। इसके अलावा, बसों में भीड़ को कंट्रोल करना और लोगों को सुरक्षित रखना भी ज़रूरी होगा।
पहले भी कई राज्यों में महिलाओं के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट में छूट दी गई है या मुफ़्त यात्रा की सुविधा दी गई है। लेकिन, इसका समाज और अर्थव्यवस्था पर कैसा असर पड़ा है, इसके बारे में अलग-अलग राय हैं। दिल्ली में पहले जो अनुभव हुए हैं, उनसे पता चला है कि बसों को ठीक से चलाना, महिला बस मार्शल की नियुक्ति करना, सीसीटीवी कैमरे लगाना और पैनिक बटन जैसी सुरक्षा सुविधाएं ज़रूरी हैं।
इस योजना से शहर में रहने वाले गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को फ़ायदा होगा, क्योंकि उन्हें ट्रांसपोर्ट पर कम पैसे खर्च करने पड़ेंगे। इससे उनके घर का बजट सुधरेगा और ज़्यादा महिलाएं काम करने के लिए बाहर निकल पाएंगी। लेकिन, सरकार को यह भी ध्यान रखना होगा कि डीटीसी (DTC) को नुकसान न हो और उसकी आर्थिक स्थिति ठीक रहे। इसके लिए सरकार को डीटीसी (DTC) को पैसे देने होंगे और बसों की सर्विस को बेहतर बनाना होगा।
शुरुआत में, यह योजना कुछ इलाकों में ही शुरू की जाएगी और देखा जाएगा कि यह कैसे काम करती है। लोगों से राय ली जाएगी और उसके हिसाब से सर्विस और सुरक्षा में सुधार किया जाएगा। अगर यह योजना सफल होती है, तो इसे दूसरे शहरों में भी शुरू किया जा सकता है।
