भीमबांध हॉट स्प्रिंग्स, मुंगेर: प्रकृति का अद्भुत खजाना

बिहार के मुंगेर जिले में खड़गपुर की पहाड़ियों की शांत गोद में छुपा है भीमबांध हॉट स्प्रिंग्स। यहां साल भर 52–65°C तापमान वाले कुदरती गर्म पानी के झरने हैं। यह जगह अपनी भूगर्भीय ऊर्जा के लिए भी मशहूर है। भीमबांध वन्यजीव अभयारण्य का हिस्सा होने के कारण यहां हरे-भरे पहाड़, झरने और कई तरह के पक्षी देखने को मिलते हैं। ट्रेकिंग और कैंपिंग के शौकीन लोगों के लिए यह जगह किसी जन्नत से कम नहीं है। महाभारत की कहानियों के मुताबिक, पांडव भीम ने यहां एक बांध बनाया था, जिससे इस जगह का नाम भीमबांध पड़ा। इस वजह से यह जगह धार्मिक और सांस्कृतिक तौर पर भी बहुत खास है। यहां पहुंचने के लिए सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन जमुई (लगभग 20 कि.मी.) और हवाई अड्डा पटना (लगभग 200 कि.मी.) है। सड़क के रास्ते मुंगेर-बैरियारपुर-हवेली खड़गपुर होकर यहां पहुंचा जा सकता है। घूमने के लिए सबसे अच्छा समय सितंबर से अप्रैल तक है। यहां खाने-पीने की चीजें कम मिलती हैं, इसलिए अपना खाना साथ लेकर जाएं तो बेहतर रहेगा।

परिचय

भीमबांध हॉट स्प्रिंग्स बिहार के मुंगेर जिले के दक्षिण-पश्चिम में खड़गपुर पहाड़ियों के बीच बसा हुआ है। यह जगह अपने कुदरती गर्म पानी के कुंडों और खूबसूरत जंगल-पहाड़ों के नजारों के लिए जाना जाता है। यह इलाका 681.99 वर्ग किलोमीटर में फैले भीमबांध वन्यजीव अभयारण्य का हिस्सा है। यहां के गर्म पानी के झरनों को भूगर्भीय ऊर्जा के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। गंगा नदी के दक्षिणी किनारे और छोटानागपुर के उत्तरी किनारे पर बसा होने के कारण, यहां अलग-अलग तरह के पेड़-पौधे और जानवर पाए जाते हैं। शांत वातावरण होने के कारण यह जगह प्रकृति प्रेमियों को अपनी ओर खींचती है।

इतिहास और धार्मिक मान्यताएं

स्थानीय लोगों का मानना है कि महाभारत के समय में जब पांडव वनवास में थे, तब भीम ने यहां दो झरनों को जोड़ने के लिए एक बांध बनाया था। इसी वजह से इस जगह का नाम ‘भीमबांध’ पड़ा। बिहार टूरिज्म भी इस कहानी का जिक्र करता है और बताता है कि यह जगह अपने गर्म पानी के झरनों के लिए लंबे समय से मशहूर है। यहां सीताकुंड और ऋषिकुंड जैसे गर्म पानी के कुंड भी हैं, जो अपनी धार्मिक मान्यताओं और सांस्कृतिक महत्व के लिए जाने जाते हैं।

क्या-क्या है यहां देखने लायक

  • भीमबांध हॉट स्प्रिंग्स: यहां के पानी का तापमान साल भर लगभग 52–65°C रहता है। माना जाता है कि यहां से हर सेकंड 0.84–1.12 क्यूमेक पानी निकलता है। इस वजह से यह बिहार के खास भू-तापीय स्थलों में से एक है।
  • सीताकुंड और ऋषिकुंड: ये कुंड पहाड़ियों और घाटियों में बसे हुए हैं। ये अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के साथ-साथ प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी जाने जाते हैं।
  • झरना और पहाड़ी नज़ारे: यह झरना तीन तरफ से पहाड़ियों से घिरा हुआ है, जो इसे फोटो खींचने और प्रकृति को करीब से देखने के लिए एक शानदार जगह बनाता है।
  • खड़गपुर झील, रमेश्वर कुंड, हा-हा पंचकुमारी: अभयारण्य के अंदर या आस-पास मौजूद ये जगहें एक दिन की यात्रा के लिए बढ़िया हैं।
  • वन्यजीव और पक्षी: यहां तेंदुआ, स्लॉथ भालू, सांभर और कई तरह के पक्षी पाए जाते हैं, जो इसे जैव विविधता के मामले में धनी बनाते हैं।

घूमने का अनुभव

यहां घूमने के लिए सबसे अच्छा समय सितंबर से अप्रैल तक होता है, क्योंकि इस दौरान मौसम बहुत सुहावना रहता है और आप ट्रेकिंग और फोटोग्राफी का आनंद ले सकते हैं। अभयारण्य में कई ट्रेकिंग रास्ते हैं और कैंपिंग के भी मौके मिलते हैं। यहां के पहाड़ और झरने आपके अनुभव को और भी यादगार बना देंगे। त्योहारों और नए साल के मौके पर यहां काफी भीड़ होती है। यहां पर्यटकों के लिए सुविधाएं अभी थोड़ी कम हैं, इसलिए अपना खाना-पानी साथ लेकर जाएं और आने-जाने के लिए टैक्सी पहले से बुक कर लें।

कैसे पहुंचे

  • रेल मार्ग: सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन जमुई है, जो भीमबांध से लगभग 20 कि.मी. दूर है। इसके अलावा, जमालपुर-भागलपुर सेक्शन पर बैरियारपुर स्टेशन भी पास में है। यहां से NH-80 होते हुए हवेली खड़गपुर और फिर भीमबांध पहुंचा जा सकता है।
  • सड़क मार्ग: मुंगेर और भागलपुर से सड़क के रास्ते यहां पहुंचा जा सकता है। सबसे अच्छा रास्ता है - बैरियारपुर–गालिमपुर–खड़गपुर–गंगटा–भीमबांध–जमुई।
  • हवाई मार्ग: सबसे नजदीकी हवाई अड्डा पटना है, जो भीमबांध/अभयारण्य से लगभग 200 कि.मी. दूर है। पटना से मुंगेर की दूरी लगभग 175 कि.मी. है, जिसे आप सड़क या रेल के जरिए तय कर सकते हैं।

कहां ठहरें

यहां कुछ सरकारी गेस्ट हाउस हैं, लेकिन पर्यटकों के लिए सुविधाएं अभी कम हैं, इसलिए पहले से बुकिंग करना और जरूरी चीजें साथ रखना बेहतर होगा। मुंगेर, जमुई और हवेली खड़गपुर में ठहरने और खाने-पीने के बेहतर विकल्प मिल सकते हैं।

स्थानीय खान-पान और संस्कृति

यहां खाने-पीने की चीजें कम मिलती हैं, इसलिए अपना स्नैक्स और खाना साथ ले जाना अच्छा रहेगा। सीताकुंड, ऋषिकुंड और महाभारत से जुड़ी ‘भीमबांध’ की कहानियां यहां की संस्कृति और धर्म का हिस्सा हैं। त्योहारों के समय यहां काफी चहल-पहल रहती है, लेकिन भीड़ और सुविधाओं की कमी को ध्यान में रखकर अपनी योजना बनाएं।

निष्कर्ष

खड़गपुर की पहाड़ियों में 52–65°C तापमान वाले कुदरती गर्म पानी के झरने, खूबसूरत पहाड़ और झरने, और अभयारण्य में अलग-अलग तरह के पेड़-पौधे और जानवर—ये सब मिलकर भीमबांध को बिहार का एक अनोखा और यादगार पर्यटन स्थल बनाते हैं। जमुई स्टेशन और पटना हवाई अड्डे से आसानी से पहुंचा जा सकता है। घूमने के लिए सबसे अच्छा समय सितंबर से अप्रैल तक है। ट्रेकिंग और फोटोग्राफी के शौकीन लोगों के लिए यह एक शानदार जगह है।

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