बिहार: CM आज 1,300 शहरी परियोजनाएं लॉन्च, छह जिलों को सौगात

आज बिहार के मुख्यमंत्री राज्य के छह जिलों में एक साथ 1,300 शहरी विकास योजनाओं की शुरुआत करेंगे। इन योजनाओं में पानी की सप्लाई, सड़कों और नालियों को ठीक करना, स्ट्रीट लाइटें लगाना, कचरा प्रबंधन और शहरों में स्वास्थ्य और सफाई को बेहतर बनाने पर ध्यान दिया जाएगा। सरकार का कहना है कि इससे शहरों में जरूरी चीजें जल्दी सुधरेंगी और लोगों को नौकरी के मौके भी मिलेंगे। ये कार्यक्रम अलग-अलग चरणों में पूरे दिन चलेंगे।

क्यों किया जा रहा है ऐसा:

पिछले कुछ सालों से राज्य सरकार शहरों में जरूरी चीजों को सुधारने पर जोर दे रही है, ताकि छोटे और मझोले शहरों में अच्छी सुविधाएं मिल सकें और लोगों को शहर छोड़कर दूसरी जगह न जाना पड़े।

अक्सर देखा गया है कि शहरों में जो काम चल रहे होते हैं, वे बहुत धीरे-धीरे होते हैं और उनकी ठीक से देखभाल भी नहीं होती, जिससे लोग नाराज होते हैं। ऐसे में एक साथ इतनी सारी योजनाओं की शुरुआत सरकार की छवि को सुधारने का एक तरीका है।

राज्य में शहर तेजी से बढ़ रहे हैं, आबादी बढ़ रही है और लोगों के काम-धंधे भी बढ़ रहे हैं, इसलिए पानी की निकासी, कचरा प्रबंधन और यातायात जैसी चीजों को सुधारना बहुत जरूरी हो गया है।

मुख्यमंत्री जी का कहना:

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि शहरों का विकास उनकी सरकार के लिए सबसे जरूरी है। इन योजनाओं से लोगों को जल्दी ही अच्छी सुविधाएं मिलेंगी और राज्य की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।

शहरी विकास विभाग के एक बड़े अधिकारी ने बताया कि योजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए निगरानी रखी जाएगी और हर तीन महीने में जांच की जाएगी, ताकि काम अच्छा हो और सब कुछ ठीक से हो।

पार्टी के नेताओं का मानना:

पार्टी के नेताओं का कहना है कि इससे शहरों में रहने वाले मध्यम वर्ग, नौकरी करने वाले लोग और युवाओं की उम्मीदें पूरी होंगी, साथ ही राज्य में निवेश करने वालों का भरोसा भी बढ़ेगा।

विपक्ष का कहना:

विपक्ष का कहना है कि यह सिर्फ एक दिखावा है। उन्होंने कहा कि योजनाओं को शुरू करने से ज्यादा जरूरी है कि उन्हें समय पर और अच्छी तरह से पूरा किया जाए। विपक्ष ने यह भी मांग की कि टेंडर, लागत और समय सीमा जैसी जानकारी लोगों को आसानी से मिलनी चाहिए।

लोगों की राय:

कुछ लोगों ने इसका स्वागत किया है और कहा है कि स्ट्रीट लाइटें और पानी की निकासी जैसी चीजें जल्दी सुधरने से सुरक्षा और स्वास्थ्य बेहतर होगा। लेकिन उन्होंने यह भी पूछा कि इनकी देखभाल कैसे की जाएगी और क्या इनकी वारंटी होगी।

कारोबारियों और ठेकेदार संगठनों का कहना है कि इन योजनाओं से निर्माण से जुड़े रोजगार बढ़ेंगे और स्थानीय कारोबार भी बढ़ेगा, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि भुगतान समय पर हो और परमिशन आसानी से मिल जाए।

विशेषज्ञों का मानना:

बिहार की राजनीति में हमेशा विकास और जनकल्याण की बात होती है। ऐसे में शहरों के लिए इतनी सारी योजनाओं की घोषणा सरकार की विकास की छवि को मजबूत करती है। शहरों में रहने वाले लोग, खासकर नए मध्यम वर्ग, युवा और बाहर से आकर बसे परिवार, इन चीजों पर ध्यान देते हैं।

यह भी ध्यान रखा गया है कि योजनाओं को छह जिलों में बराबर बांटा जाए, ताकि किसी को यह न लगे कि उनके साथ भेदभाव हो रहा है और गठबंधन की राजनीति में सबको बराबर का हिस्सा मिल रहा है।

जाति के हिसाब से देखें तो शहरों में रहने वाले OBC/EBC, दलित और अल्पसंख्यक समुदायों को पीने के पानी, पक्की सड़कों और सफाई जैसी चीजों से सीधा फायदा होगा, जिससे उनके वोट देने के तरीके पर असर पड़ सकता है।

विपक्ष के लिए यह एक चुनौती होगी कि वह सरकार पर देरी, खराब काम और भ्रष्टाचार जैसे आरोप लगाए और उन्हें साबित भी करे। अगर योजनाएं समय पर पूरी हो जाती हैं, तो सरकार को इसका राजनीतिक फायदा मिल सकता है। लेकिन अगर कोई बड़ी गड़बड़ होती है या बाढ़ जैसी कोई समस्या आती है, तो इसका उल्टा भी हो सकता है।

निष्कर्ष:

1,300 शहरी योजनाओं की एक साथ शुरुआत सरकार की प्राथमिकता और राजनीतिक संदेश दोनों को दिखाती है। आगे की राजनीति इस बात पर निर्भर करेगी कि काम कितनी जल्दी होता है, सब कुछ कितनी ईमानदारी से होता है और लोगों को कितना फायदा मिलता है।

Raviopedia

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