GST बदलाव पर BJP अभियान; CM नीतीश ने PM को धन्यवाद कहा

जीएसटी दरों में बदलाव के बाद बीजेपी का प्रचार अभियान तेज़, सीएम नीतीश ने पीएम को सराहा

पटना/नई दिल्ली, मंगलवार: वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों में हाल ही में हुए बदलावों के बाद, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बिहार सहित कई राज्यों में लोगों तक पहुंचने का अभियान शुरू कर दिया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इन बदलावों को सही समय पर लिया गया फैसला बताते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य इन बदलावों के फायदे, नियमों का पालन करने में आसानी और कारोबारी समुदाय को जानकारी देना है। वहीं, विपक्षी दलों का कहना है कि यह सब आने वाले चुनावों की तैयारी है।

मामले की पृष्ठभूमि

जीएसटी परिषद ने कुछ समय पहले कुछ फैसले लिए थे, जिसके बाद जीएसटी की दरों और नियमों में कुछ बदलाव किए गए। इन बदलावों का असर राज्यों के राजस्व, छोटे व्यापारियों और चीज़ों की कीमतों पर पड़ सकता है। बिहार जैसे राज्यों के लिए, जहाँ लोग चीज़ों का खूब इस्तेमाल करते हैं, जीएसटी संग्रह और मुआवज़े का मामला हमेशा से ही राजनीतिक बहस का हिस्सा रहा है। ऐसे में, बीजेपी का यह अभियान इन बदलावों के बारे में लोगों को सही जानकारी देने और इसके फायदों को समझाने की कोशिश है। अभी बिहार में जेडीयू और बीजेपी मिलकर सरकार चला रहे हैं। ऐसे में, सीएम नीतीश कुमार का प्रधानमंत्री को धन्यवाद देना दिखाता है कि दोनों पार्टियाँ एक साथ मिलकर काम कर रही हैं और नीतियों पर एकमत हैं।

किसने क्या कहा

  • बीजेपी के स्थानीय नेताओं का कहना है कि इस अभियान का मकसद कारोबारियों, छोटे उद्योगों और आम लोगों को इन बदलावों के बारे में सही जानकारी देना और उनकी गलतफहमियों को दूर करना है।
  • मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जीएसटी में जो सुधार किए गए हैं, वे राज्यों और उद्योगों की जरूरतों को ध्यान में रखकर किए गए हैं। इससे बिहार की अर्थव्यवस्था को सहारा मिलेगा और यहाँ निवेश करने का माहौल बनेगा।
  • केंद्र सरकार के अनुसार, ये बदलाव टैक्स सिस्टम को आसान और बेहतर बनाने की दिशा में उठाए गए कदम हैं, जिससे नियमों का पालन करने में कम खर्च आएगा।
  • जानकारों का मानना है कि इन बदलावों का तुरंत असर तो कुछ खास क्षेत्रों में ही दिखेगा, लेकिन इससे कारोबारियों का भरोसा ज़रूर बढ़ेगा।

लोगों की प्रतिक्रिया

  • विपक्षी पार्टियों (आरजेडी, कांग्रेस और वाम दल) का कहना है कि सरकार चुनाव जीतने के लिए यह सब कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को यह बताना चाहिए कि इन बदलावों से आम लोगों को चीज़ों की कीमतों में कितनी राहत मिलेगी।
  • व्यापार संगठनों ने थोड़ा समर्थन दिखाया है। उन्होंने कहा कि सरकार को स्पष्टीकरण जारी करके इनवॉइसिंग के नियमों और इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के बारे में जल्द से जल्द जानकारी देनी चाहिए।
  • सरकार में शामिल पार्टियों का कहना है कि यह एक अच्छा कदम है, खासकर शहरी व्यापारियों और युवा कारोबारियों के लिए।
  • आम लोगों की राय मिली-जुली है। कुछ लोगों को उम्मीद है कि चीज़ें आसान होंगी, तो कुछ लोग कीमतों में कमी आने का इंतजार कर रहे हैं।

विश्लेषण

  • बिहार की राजनीति पर असर: बीजेपी का यह अभियान शहरों और कस्बों में व्यापारियों के बीच अपनी पैठ मजबूत करने की कोशिश है। वहीं, सीएम नीतीश का समर्थन दिखाता है कि एनडीए नीतियाँ बनाने में एकजुट है। इससे एक तरफ शासन की बात होगी, तो दूसरी तरफ विपक्ष महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दे उठाएगा।
  • चुनावी गणित: अगर कारोबारी समुदाय और कुशल पेशेवरों को यह संदेश पसंद आता है, तो एनडीए को इसका फायदा मिल सकता है। विपक्ष इसके जवाब में लोगों के लिए योजनाएँ, राशन वितरण प्रणाली (पीडीएस) और किसानों के लिए राहत पैकेज जैसी चीज़ों पर ध्यान दे सकता है।
  • जाति की राजनीति: व्यापारी, कारीगर और शहरी मध्यम वर्ग इस मुद्दे से सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं। आरजेडी का यादव-मुस्लिम समीकरण और कांग्रेस का शहरी-अल्पसंख्यक वोट उतना प्रभावित नहीं होगा, लेकिन विपक्ष को अपनी रणनीति बदलनी पड़ सकती है। अगर एनडीए दलितों और पिछड़े वर्गों को सीधे लाभ दिखा पाता है, तो उसे समाज के एक बड़े हिस्से का समर्थन मिल सकता है।
  • मुद्दों का संतुलन: अगर इन बदलावों का असर जल्दी ही कीमतों में कमी के रूप में नहीं दिखा, तो विपक्ष घोषणा बनाम ज़मीन का सवाल उठाएगा। इसके उलट, अगर व्यापारियों को लगता है कि नियमों का पालन करना आसान हो गया है और रिफंड/आईटीसी में सुधार हुआ है, तो बीजेपी के अभियान को लोगों का समर्थन मिलेगा।

निष्कर्ष

बीजेपी का लोगों तक पहुंचना और सीएम नीतीश का धन्यवाद कहना, जीएसटी में बदलावों के बारे में सरकार के समर्थन में माहौल बनाने की कोशिश है। आने वाले हफ्तों में यह देखना होगा कि कीमतें कम होती हैं या नहीं, नियमों का पालन करना कितना आसान होता है और व्यापारी समुदाय इस पर कैसी प्रतिक्रिया देता है। इसी से पता चलेगा कि यह पहल चुनावों में कितना असर डालती है।

Raviopedia

तेज़ रफ्तार जिंदगी में सही और भरोसेमंद खबर जरूरी है। हम राजनीति, देश-विदेश, अर्थव्यवस्था, अपराध, खेती-किसानी, बिजनेस, टेक्नोलॉजी और शिक्षा से जुड़ी खबरें गहराई से पेश करते हैं। खेल, बॉलीवुड, हॉलीवुड, ओटीटी और टीवी की हलचल भी आप तक पहुंचाते हैं। हमारी खासियत है जमीनी सच्चाई, ग्राउंड रिपोर्ट, एक्सप्लेनर, संपादकीय और इंटरव्यू। साथ ही सेहत, धर्म, राशिफल, फैशन, यात्रा, संस्कृति और पर्यावरण पर भी खास कंटेंट मिलता है।

Post a Comment

Previous Post Next Post