बाराबर गुफाएँ: मौर्यकालीन शिल्प और आजीविक धरोहर

बिहार के जहानाबाद जिले में मौजूद बाराबर गुफाएँ, भारत के सबसे पुराने चट्टानों को काटकर बनाई गई गुफाओं में से हैं। इनका निर्माण मौर्य काल में, लगभग तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में हुआ था। इन गुफाओं की दीवारों पर सम्राट अशोक और उनके पोते दशरथ के शिलालेख आज भी देखे जा सकते हैं।
लोमस ऋषि गुफा का घुमावदार 'चैत्य-तोरण' भारतीय वास्तुकला का सबसे पुराना नमूना है। गुफा के अंदर की ग्रेनाइट की सतहों पर की गई 'मौर्यन पॉलिश' और यहाँ गूंजने वाली आवाज आज भी लोगों को आश्चर्यचकित करती है। बाराबर पहाड़ी पर चार गुफाएँ हैं, और यहाँ से लगभग 1.6 किलोमीटर दूर नागार्जुनी पहाड़ी पर तीन गुफाएँ भी हैं, जिन्हें देखना न भूलें।
ये गुफाएँ गया शहर से लगभग 24 किलोमीटर उत्तर और पटना से लगभग 80 किलोमीटर दूर हैं। अगर आप ट्रेन से आ रहे हैं, तो पटना-गया लाइन पर स्थित 'बराबर हॉल्ट' स्टेशन पर उतर सकते हैं। इसके अलावा, गया जंक्शन और जहानाबाद स्टेशन से भी यहाँ के लिए ट्रेनें मिल जाती हैं। इन गुफाओं को देखने के लिए सबसे अच्छा समय सितंबर से लेकर अप्रैल तक होता है।

एक झलक

बाराबर पहाड़ी और नागार्जुनी पहाड़ी की सात गुफाएँ मौर्य काल की वास्तुकला का बेहतरीन उदाहरण हैं। इनकी सतह दर्पण की तरह चमकदार है और यहाँ की आवाज गूंजती है, जो एक अलग ही तरह का अनुभव कराती है। लोमस ऋषि गुफा के प्रवेश द्वार पर बना 'चैत्य-तोरण' भारतीय वास्तुकला पर एक गहरी छाप छोड़ता है, जो इसकी सांस्कृतिक और कलात्मकता को दर्शाता है।

इतिहास और महत्व

सम्राट अशोक ने बाराबर की कुछ गुफाएँ आजीविक संप्रदाय के तपस्वियों को दान कर दी थीं। उनके पोते दशरथ ने नागार्जुनी पहाड़ी पर तीन गुफाएँ आजीविकों के लिए बनवाई थीं। इन गुफाओं पर तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व के शिलालेख हैं। लोमस ऋषि गुफा का तोरण और अन्य संरचनाएँ बाद में बौद्ध गुफाओं के लिए प्रेरणा बनीं। यहाँ पर बौद्ध और हिंदू धर्म से जुड़ी चीजें भी मिली हैं।

क्या देखें

  • लोमस ऋषि गुफा: यहाँ पर घुमावदार 'चैत्य-तोरण' है, जो सबसे पुराना है। इसके अंदर एक आयताकार कमरा और एक गोल गुंबद जैसा कक्ष है।
  • सुदामा गुफा: यहाँ पर अशोक का शिलालेख है, सतह दर्पण की तरह चमकदार है, और आवाज गूंजती है। इसमें एक आयताकार मंडप और एक गोल कमरा है।
  • करण चौपर: उत्तरी ढलान पर एक आयताकार कमरा है। दरवाजे के पास अशोक के शासनकाल के 19वें वर्ष का शिलालेख है।
  • विश्वकर्मा गुफा: यहाँ तक पहुँचने के लिए 'अशोक की सीढ़ियाँ' बनी हुई हैं। इसमें एक आयताकार बरामदा और एक अधूरा गोल कमरा है।
  • नागार्जुनी गुफाएँ: गोपिका, वडथिका, वापियका गुफाएँ बाराबर से लगभग 1.6 किलोमीटर दूर हैं। यहाँ पर दशरथ मौर्य के शिलालेख भी हैं।
  • गूंज और पॉलिश: गुफाओं के अंदर ग्रेनाइट की सतहों पर 'मौर्यन पॉलिश' की गई है, जिससे आवाज गूंजती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहाँ गूंज बहुत देर तक सुनाई देती है।

घूमने का अनुभव

बाराबर में चट्टानों पर चढ़ने के रास्ते हैं। यहाँ की चट्टानें और प्राकृतिक दृश्य फोटोग्राफी और घूमने के लिए बहुत अच्छे हैं। यहाँ घूमने का सबसे अच्छा समय सितंबर से अप्रैल तक होता है, क्योंकि इस दौरान मौसम अच्छा रहता है और गुफाओं की पॉलिश और गूंज को आराम से महसूस किया जा सकता है। यह जगह ऐतिहासिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है, इसलिए यहाँ घूमना बहुत ही अच्छा अनुभव होता है।

कैसे पहुँचे

  • हवाई मार्ग: सबसे नज़दीकी हवाई अड्डा गया है। पटना का जयप्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा यहाँ से लगभग 80 किलोमीटर दूर है।
  • रेल मार्ग: पटना-गया लाइन पर 'बराबर हॉल्ट' स्टेशन है। गया जंक्शन और जहानाबाद स्टेशन से भी यहाँ के लिए ट्रेनें मिल जाती हैं।
  • सड़क मार्ग: यह जगह NH-83 (पटना-गया रोड) और स्थानीय सड़कों से जुड़ी हुई है। यह गया से लगभग 24 किलोमीटर उत्तर में है और यहाँ टैक्सी या ऑटो से पहुँचा जा सकता है।

कहाँ ठहरें

बोधगया में कई होटल और गेस्टहाउस हैं, जहाँ आप आराम से ठहर सकते हैं। गया शहर में भी अलग-अलग तरह के होटल और गेस्टहाउस मिल जाएंगे। जहानाबाद में भी कुछ होटल हैं, लेकिन यहाँ बुकिंग पहले से कराना बेहतर होगा।

खानपान और संस्कृति

यहाँ के मगध क्षेत्र का 'तिलकुट' ज़रूर खाएँ, जो गया में बहुत मशहूर है। 'लिट्टी-चोखा' बिहार का प्रसिद्ध व्यंजन है, जो सत्तू, घी और भर्ता के साथ परोसा जाता है। इस क्षेत्र में कई स्थानीय त्यौहार भी मनाए जाते हैं, जिनमें 'वनावर महोत्सव' प्रमुख है।

निष्कर्ष

अगर आप प्राचीन भारतीय वास्तुकला, अशोक के शिलालेख, आजीविक परंपरा और 'चैत्य-तोरण' के बारे में जानना चाहते हैं, तो बाराबर गुफाएँ आपके लिए एक शानदार जगह हैं। यहाँ की चमकदार पॉलिश, अनूठी गूंज, सुंदर प्रवेश द्वार और आसान पहुँच इसे इतिहास प्रेमियों, शोधकर्ताओं और पर्यटकों के लिए एक खास जगह बनाती है।

Raviopedia

तेज़ रफ्तार जिंदगी में सही और भरोसेमंद खबर जरूरी है। हम राजनीति, देश-विदेश, अर्थव्यवस्था, अपराध, खेती-किसानी, बिजनेस, टेक्नोलॉजी और शिक्षा से जुड़ी खबरें गहराई से पेश करते हैं। खेल, बॉलीवुड, हॉलीवुड, ओटीटी और टीवी की हलचल भी आप तक पहुंचाते हैं। हमारी खासियत है जमीनी सच्चाई, ग्राउंड रिपोर्ट, एक्सप्लेनर, संपादकीय और इंटरव्यू। साथ ही सेहत, धर्म, राशिफल, फैशन, यात्रा, संस्कृति और पर्यावरण पर भी खास कंटेंट मिलता है।

Post a Comment

Previous Post Next Post