भारत में ड्रोन टेक्नोलॉजी: नियम, अवसर और भविष्य

ड्रोन, जिन्हें अनमैन्ड एरियल सिस्टम भी कहते हैं, आजकल तेजी से पॉपुलर हो रहे हैं। चाहे सर्वे करना हो, खेती हो, सामान पहुँचाना हो, सुरक्षा हो या मीडिया, हर जगह इनका इस्तेमाल बढ़ रहा है। इससे काम जल्दी हो रहा है और नए-नए काम भी सामने आ रहे हैं।

भारत सरकार ने 2021 में Drone Rules, 2021 लाकर ड्रोन के इस्तेमाल को लेकर नियम साफ कर दिए। साथ ही, देश में ही ड्रोन बनाने को बढ़ावा देने के लिए PLI योजना शुरू की और महिलाओं के लिए नमो ड्रोन दीदी जैसी योजनाएँ भी चलाईं, ताकि वे ड्रोन उड़ाकर पैसे कमा सकें।

आजकल क्या हो रहा है:

Drone Rules, 2021 आने के बाद भारत में ड्रोन उड़ाना आसान हो गया है। अब डिजिटल स्काई इकोसिस्टम, एयरस्पेस मैप (जिसमें उड़ान भरने के लिए ग्रीन, येलो और रेड जोन बने हैं), UIN (ड्रोन का पहचान नंबर) और पायलट ट्रेनिंग जैसी चीजें आसान हो गई हैं, जिससे ड्रोन इंडस्ट्री को सब कुछ साफ-साफ समझ में आ रहा है।

सरकार ने 2022 में ड्रोन बाहर से मंगाने पर रोक लगा दी, ताकि भारत में ही ड्रोन बनें। हाँ, ड्रोन के पार्ट्स आप बाहर से मंगा सकते हैं। इससे मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिल रहा है।

दुनिया भर में देखें तो अमेरिका में FAA के Part 107 नियम हैं, जिनके हिसाब से ड्रोन उड़ाए जाते हैं। वहीं, यूरोप में EASA ने नियम बनाए हैं, जिनमें रिस्क के हिसाब से कैटेगरी बनाई गई हैं: Open, Specific और Certified।

टेक्नोलॉजी की बात:

एक आम ड्रोन में ये चीजें होती हैं:

  • एयरफ्रेम (ड्रोन का ढांचा)
  • मोटर और प्रोपेलर (पंखे)
  • फ्लाइट कंट्रोलर (उड़ान को कंट्रोल करने वाला)
  • सेंसर (IMU, बैरोमीटर, GNSS)
  • कैमरा
  • कम्युनिकेशन लिंक (बातचीत के लिए)

इनसे ड्रोन सही रास्ते पर चलता है, हवा में स्थिर रहता है और डेटा भेजता है।

ड्रोन को ज्यादातर अपनी आँखों के सामने ही उड़ाना होता है (जैसे FAA Part 107 में VLOS)। भारत में डिजिटल स्काई पर NPNT, एयरस्पेस जोन और पायलट ट्रेनिंग जैसी चीजें हैं, जिनसे यह पक्का किया जाता है कि सब कुछ नियमों के हिसाब से हो रहा है।

मल्टीरोटर, फिक्स्ड-विंग और VTOL जैसे ड्रोन अलग-अलग कामों के लिए इस्तेमाल होते हैं। उड़ान का समय, वजन उठाने की क्षमता और मिशन के हिसाब से ड्रोन को चुना जाता है।

फायदे:

  • खेती में स्प्रे करने, सर्वे करने और खाद डालने में ड्रोन से लागत कम होती है और पैदावार बढ़ती है। नमो ड्रोन दीदी योजना से महिलाएँ ड्रोन उड़ाकर पैसे कमा रही हैं, जिससे गाँव में कमाई के नए मौके बन रहे हैं।
  • सरकार और इंडस्ट्री में ड्रोन से मैपिंग, रेलवे की सुरक्षा, जमीन का सर्वे, निरीक्षण और आपदा-प्रबंधन जैसे काम जल्दी, सुरक्षित और सही तरीके से हो रहे हैं।
  • मीडिया, शिक्षा और स्टार्टअप में ड्रोन से सस्ते में हवाई तस्वीरें मिल रही हैं, STEM की ट्रेनिंग हो रही है और नए बिजनेस शुरू हो रहे हैं।

चुनौतियाँ:

  • साइबर-सिक्योरिटी, जामिंग/स्पूफिंग, प्राइवेसी और डेटा-प्रोटेक्शन जैसे रिस्क से बचने के लिए जरूरी है कि नियमों का सख्ती से पालन हो, सॉफ्टवेयर सुरक्षित हो और ऑपरेशन के नियम सही हों।
  • बैटरी जल्दी खत्म हो जाना, मौसम का असर, वजन उठाने की लिमिट और शोर जैसी चीजें मिशन को डिजाइन करने और पैसे के मामले में असर डालती हैं।
  • NPNT, UIN, एयरस्पेस जोन और ट्रेनिंग का पालन करना जरूरी है। नियमों को तोड़ने पर जुर्माना लग सकता है और बाहर से ड्रोन मंगाने पर भी पाबंदी है।

भारत में भविष्य:

सरकार ने ड्रोन और उसके पार्ट्स बनाने के लिए 30 सितंबर 2021 को PLI योजना शुरू की है, जिससे देश में ही ड्रोन बनाने वाली कंपनियों को फायदा होगा और निवेश बढ़ेगा।

नमो ड्रोन दीदी योजना के जरिए 2025 तक हजारों SHGs को ड्रोन, ट्रेनिंग और सब्सिडी देकर खेती से जुड़ी सर्विस देने का नेटवर्क बनाया जा रहा है, जिससे रोजगार और बिजनेस के मौके बढ़ेंगे।

बाहर से ड्रोन मंगाने पर रोक लगने से भारत में ही ड्रोन के पार्ट्स बनने लगे हैं, जिससे यहाँ ड्रोन डिजाइन करने, टेस्ट करने और बनाने का काम तेजी से आगे बढ़ेगा।

एक्सपर्ट की राय:

भारत ने Drone Rules, 2021 को आसान बनाया है, देश में ड्रोन बनाने के लिए PLI योजना चलाई है और बाहर से ड्रोन मंगाने पर रोक लगाई है। इससे लगता है कि सरकार चाहती है कि ड्रोन को पूरी तरह से भारत में ही बनाया जाए।

दुनिया में अमेरिका नियमों के हिसाब से ड्रोन उड़ाने (Part 107) पर ध्यान देता है, जबकि यूरोप रिस्क के हिसाब से कैटेगरी बनाता है। भारत का डिजिटल स्काई/NPNT मॉडल ड्रोन पर नजर रखने और परमिशन के हिसाब से उड़ान भरने के लिए ठीक लगता है।

आखिर में:

ड्रोन टेक्नोलॉजी भारत में तेजी से बढ़ रही है, क्योंकि सरकार ने नियमों में बदलाव किए हैं, योजनाएँ चलाई हैं और ट्रेनिंग दी जा रही है। इससे समाज और इंडस्ट्री दोनों को फायदा हो रहा है।

आगे का रास्ता यह है कि नियमों का पालन हो, सुरक्षा और प्राइवेसी बनी रहे, भारत में ही ड्रोन के पार्ट्स बनें और ऑपरेटर अच्छी तरह से ट्रेंड हों, ताकि भारत में नियमों का पालन करते हुए नए-नए तरीके खोजे जा सकें और ड्रोन का इस्तेमाल बढ़ सके।


Raviopedia

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