AI का भविष्य: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के अवसर और खतरे

AI का भविष्य: अवसर, खतरे और भारत की रणनीति

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का भविष्य रोमांचक भी है और चिंताजनक भी। जनरेटिव AI, तेज़ कंप्यूटिंग और बेहतर नीतियों की वजह से AI हमारे समाज, अर्थव्यवस्था और शासन में गहराई से पैठ बना रहा है। भारत सरकार भी सुरक्षित और भरोसेमंद AI को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठा रही है, जैसे कि IndiaAI Mission और DPDP कानून। दुनिया भर में भी EU AI Act और अमेरिकी एग्जीक्यूटिव ऑर्डर जैसे प्रयास हो रहे हैं।

AI का भविष्य

परिचय

आजकल AI सिर्फ़ एक टेक्नोलॉजी नहीं है, बल्कि ये उत्पादन, नए विचारों और नीति बनाने का एक अहम हिस्सा बन गया है। जनरेटिव AI ने तो कमाल ही कर दिया है। इससे हम टेक्स्ट, इमेज और डेटा से चलने वाले फैसले बहुत आसानी से ले पा रहे हैं। इसकी मदद से बिजनेस के कामकाज को बेहतर बनाया जा सकता है, डेटा से ज़रूरी जानकारी जल्दी निकाली जा सकती है और नए तरह के उद्योग भी शुरू हो रहे हैं। लेकिन इसके साथ ही कुछ चिंताएं भी हैं, जैसे कि डेटा की सुरक्षा, प्राइवेसी और भेदभाव।

आज का नज़ारा

भारत ने 2024 में IndiaAI Mission को हरी झंडी दिखा दी है। इसके लिए 10,371.92 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। इसका मकसद है कि कंप्यूटिंग, डेटासेट, स्किलिंग और स्टार्टअप को सपोर्ट करके एक अच्छा AI इकोसिस्टम बनाया जाए। सरकार का अनुमान है कि 2025 तक देश में GPU क्षमता बढ़ जाएगी और AI फैक्ट्री/डेटा प्लेटफॉर्म जैसे काम तेज़ी से होंगे। इससे हमारे देश में नए आइडिया और उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। दुनिया की बात करें तो EU AI Act 1 अगस्त 2024 से लागू हो गया है। ये 2026 तक पूरी तरह से लागू हो जाएगा और इसमें रिस्क के हिसाब से नियम बनाए गए हैं। वहीं, अमेरिका ने 2023 में सुरक्षित, सिक्योर, एंड ट्रस्टवर्दी AI पर एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर जारी किया था।

टेक्नोलॉजी की जानकारी

AI का मेन आधार मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग है। ये बड़े डेटासेट पर ट्रेंड किए गए मॉडल्स का इस्तेमाल करके पैटर्न पहचानना, भाषा समझना और विज़ुअल समझना जैसे काम करते हैं। 2024 में जनरेटिव AI (टेक्स्ट, इमेज, ऑडियो-वीडियो बनाना) सबसे ज़्यादा चर्चा में है। इसके अलावा, एंटरप्राइज़ में ऑन-डिवाइस/एज AI, ऑटोमेशन और AI एजेंट्स का इस्तेमाल भी बढ़ रहा है। इंडस्ट्री और रिसर्च में बड़े फाउंडेशन/मल्टीमॉडल मॉडल्स की ओर रुझान बढ़ा है, जिससे विकास की गति तेज़ हुई है।

AI Adoption Index India

फायदे

समाज और शासन: हेल्थ, शिक्षा और कल्याण सेवाओं में डेटा से सही फैसले लेने में मदद मिलती है। चैटबॉट/असिस्टेंट और भविष्यवाणी के आधार पर प्लानिंग करने से सर्विस बेहतर होती है।

बिजनेस: वर्कफ़्लो ऑटोमेशन, कस्टमर सर्विस, बिक्री-मार्केटिंग, साइबर सुरक्षा और IT ऑप्स में काम करने की स्पीड बढ़ती है और लागत कम होती है।

शिक्षा और स्किलिंग: पर्सनलाइज्ड लर्निंग, कंटेंट बनाना और एडमिशन जैसे कामों को ऑटोमेट करने से शिक्षा के नतीजे बेहतर होते हैं और रिसर्च का काम तेज़ी से होता है।

भारत में अपनाने का स्तर: NASSCOM AI एडाप्शन इंडेक्स 2.0 के अनुसार 2024 में एंटरप्राइज़ AI का स्कोर 2.47 रहा और 87% कंपनियां मिड-स्टेज पर हैं।

चुनौतियाँ

साइबर सिक्योरिटी और गलत इस्तेमाल: डीपफेक, ज़रूरी इंफ्रास्ट्रक्चर को खतरा और IP चोरी जैसे मुद्दों पर अमेरिकी एग्जीक्यूटिव ऑर्डर ने कड़े कदम उठाने की बात कही है।

प्राइवेसी और डेटा गवर्नेंस: भारत का DPDP Act 2023 डिजिटल पर्सनल डेटा को प्रोसेस करने के लिए नियम और अधिकार तय करता है।

तकनीकी सीमाएँ और भेदभाव: पारदर्शिता, भेदभाव और सुरक्षा टेस्टिंग जैसे रिस्क को EU AI Act में रिस्क के हिसाब से नियमों, पारदर्शिता और हाई-रिस्क सिस्टम्स के लिए सख्त नियमों के ज़रिए दूर किया जाता है।

भारत में भविष्य

भारत सरकार की IndiaAI Mission AI for All के सपने को पूरा करने के लिए कंप्यूटिंग एक्सेस, डेटासेट क्वालिटी, इंडिजिनस AI, टैलेंट, स्टार्टअप कैपिटल और एथिकल AI जैसे पहलुओं पर काम कर रही है। DPDP Act 2023 डेटा की सुरक्षा के लिए कानूनी आधार देता है और नासकॉम जैसे उद्योग निकायों का मानना है कि भारत में एंटरप्राइज़ AI को अपनाने का चलन लगातार बढ़ रहा है। 2025 तक राष्ट्रीय GPU क्षमता, AI फैक्ट्री/डेटासेट प्लेटफ़ॉर्म और स्किलिंग जैसी पहलें AI में नए आइडिया लाने के लिए एक अच्छा माहौल बनाएंगी।

दुनिया से तुलना

यूरोप ने EU AI Act से एक ऐसा सिस्टम बनाया है जिसमें रिस्क के हिसाब से नियम बनाए गए हैं। ये 2024 से लागू हो गया है और 2026 तक पूरी तरह से लागू हो जाएगा। अमेरिका ने 2023 के एग्जीक्यूटिव ऑर्डर के ज़रिए सुरक्षा, प्राइवेसी, सिविल राइट्स, कंटेंट वॉटरमार्किंग और सरकारी खरीद/इस्तेमाल के लिए स्टैंडर्ड तय किए हैं। दुनिया भर में R&D और डिप्लॉयमेंट में इंडस्ट्री का रोल बढ़ा है और बड़े मॉडल्स/जेनरेटिव AI पर ध्यान ज़्यादा दिया जा रहा है, जैसा कि 2024 AI इंडेक्स रिपोर्ट में बताया गया है।

AI सुरक्षा और गोपनीयता

एक्सपर्ट की राय

AI इंडेक्स 2024 से पता चलता है कि AI की टेक्नोलॉजी में तरक्की अब इंडस्ट्री की वजह से हो रही है, जबकि पॉलिसी और नियम बनाने का काम भी तेज़ी से हो रहा है। यानी नए आइडिया और नियम दोनों साथ-साथ बढ़ रहे हैं। भारत का तरीका (GPU/फैक्ट्री जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर, डेटा प्लेटफॉर्म, स्किलिंग और DPDP जैसे कानून) स्केल, सुरक्षा और सबको साथ लेकर चलने में बैलेंस बना सकता है। आने वाले समय में जिम्मेदार AI को अपनाने, टेस्टिंग/ऑडिटिंग और अलग-अलग सेक्टर के लिए स्टैंडर्ड बनाने पर ध्यान देने से मुकाबला करने की क्षमता बढ़ेगी और लोगों का भरोसा बना रहेगा।

निष्कर्ष

AI का भविष्य बहुत अच्छा है, बस हमें ये ध्यान रखना होगा कि सुरक्षा, पारदर्शिता और प्राइवेसी के नियमों के साथ नए आइडिया को बढ़ावा दिया जाए और इसका इस्तेमाल लोगों के फायदे के लिए किया जाए। भारत की IndiaAI Mission, DPDP Act और उद्योग-शिक्षा की पार्टनरशिप मिलकर एक ऐसा AI इकोसिस्टम बना रही हैं जो सबको साथ लेकर चले, सुरक्षित हो और विकास को बढ़ावा दे।


Raviopedia

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