मेटावर्स और वर्चुअल रियलिटी का भविष्य | टेक ट्रेंड्स

मेटावर्स और वर्चुअल रियलिटी का भविष्य तेजी से बदल रहा है। 2025 तक, मिक्स रियलिटी हेडसेट, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और कम दाम वाले डिवाइस आने से इसकी डिमांड बढ़ सकती है। भारत सरकार की DPDP एक्ट और MeitY-Meta के XR स्टार्टअप प्रोग्राम जैसी योजनाओं से इस क्षेत्र को सहारा मिल रहा है। वहीं, Apple Vision Pro के दुनिया भर में फैलने से लोग इसे तेजी से अपना रहे हैं।

परिचय:

मेटावर्स एक ऐसा जाल है जो 3D डिजिटल दुनिया को आपस में जोड़ता है। इसमें वर्चुअल रियलिटी (VR), ऑगमेंटेड रियलिटी (AR) और मिक्स रियलिटी (MR) जैसी तकनीकें कमाल करती हैं। बाजार के जानकारों का कहना है कि 2025 में सस्ते डिवाइस और नई तकनीकों के आने से हेडसेट की बिक्री में लगभग 41.4% की बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे कंटेंट और इस्तेमाल करने के तरीके में और तेजी आएगी।

आजकल का माहौल:

दुनिया भर में 2024 की दूसरी तिमाही में AR/VR हेडसेट की बिक्री थोड़ी कम हुई, लेकिन अनुमान है कि 2025 में यह फिर से रफ्तार पकड़ेगी। मिक्स रियलिटी डिवाइस इसमें सबसे आगे रहेंगी। Apple Vision Pro अब चीन, जापान, सिंगापुर, यूरोप और यूके जैसे नए बाजारों में भी मिलने लगा है, जो दिखाता है कि लोग इस तकनीक को पसंद कर रहे हैं।

भारत में, Digital Personal Data Protection Act 2023 धीरे-धीरे लागू हो रहा है। इससे डेटा को सुरक्षित रखने और लोगों के अधिकारों को सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी, जिससे इमर्सिव सेवाओं पर लोगों का भरोसा बढ़ेगा। इसके साथ ही, MeitY-Meta का XR स्टार्टअप प्रोग्राम भारतीय स्टार्टअप्स को आर्थिक मदद, सलाह और संपर्क देकर मेटावर्स के बुनियादी ढांचे और कंटेंट को बेहतर बनाने में मदद कर रहा है।

टेक्नोलॉजी की जानकारी:

मेटावर्स टेक्नोलॉजी XR पर टिका है। VR में आप पूरी तरह से एक अलग दुनिया में चले जाते हैं, AR में आपको अपने आसपास की दुनिया में ही डिजिटल चीजें दिखाई देती हैं, जबकि MR में दोनों का मिश्रण होता है। इन सबका मकसद आपको ऐसा महसूस कराना है कि आप सच में वहीं मौजूद हैं। Meta Quest 3 और Apple Vision Pro जैसे नए MR डिवाइस अब और भी बेहतर हो गए हैं, और आने वाले समय में सस्ते और AI से चलने वाले स्मार्ट ग्लास भी आने वाले हैं जो इस्तेमाल करने में आसान होंगे।

फायदे:

बिजनेस और उद्योगों में इमर्सिव टूल्स से डिजाइन, प्रोटोटाइप बनाना, दूर से ही मिलकर काम करना और ट्रेनिंग देना आसान हो गया है। इससे काम करने की क्षमता बढ़ती है। शिक्षा, फिटनेस और मनोरंजन में भी इसका इस्तेमाल बढ़ रहा है। शिक्षा और कौशल विकास में इंटरेक्टिव तरीके से सीखने और वर्चुअल लैब से पढ़ाई को और बेहतर बनाया जा सकता है। Vision Pro जैसे प्लेटफॉर्म काम करने, मिलकर काम करने और मनोरंजन करने के नए तरीके दे रहे हैं, जिससे कंटेंट की दुनिया बढ़ रही है।

चुनौतियाँ:

प्राइवेसी और डेटा सुरक्षा सबसे बड़ी चिंता हैं। DPDP एक्ट में सहमति, बच्चों के डेटा की सुरक्षा और नियमों का उल्लंघन होने पर सूचना देने जैसी बातें शामिल हैं, जिनका पालन मेटावर्स सेवाओं के लिए जरूरी होगा। तकनीकी रूप से, कीमत, बैटरी लाइफ और ऑप्टिक्स जैसी चीजें AR/VR को बढ़ने से रोकती हैं, लेकिन उम्मीद है कि 2025 में सस्ते डिवाइस आने से ये दिक्कतें कम हो जाएंगी।

भारत में भविष्य:

सरकार और उद्योगों की साझेदारी से XR स्टार्टअप प्रोग्राम जैसी कोशिशों से भारत के स्टार्टअप्स को मदद मिल रही है। इससे मेटावर्स कंटेंट और टूल्स में सुधार हो सकता है। DPDP एक्ट से नियमों को समझने में आसानी होगी और हेल्थ, शिक्षा, पर्यटन और सरकारी सेवाओं में इमर्सिव ऐप्स का सुरक्षित इस्तेमाल किया जा सकेगा। जैसे-जैसे कीमतें कम होंगी और MR डिवाइस आम होती जाएंगी, 2025 के बाद भारतीय बाजार में इनके इस्तेमाल की रफ्तार बढ़ने की उम्मीद है।

दुनिया से तुलना:

दक्षिण कोरिया ने डिजिटल न्यू डील 2.0 के तहत पूरे देश के लिए मेटावर्स रणनीति अपनाई है। इसमें प्लेटफॉर्म इकोसिस्टम, प्रतिभा, कंपनियों को बढ़ावा देना और कानूनी नियम बनाना शामिल है। चीन ने 2022-2026 के एक्शन प्लान में VR/AR/MR टेक्नोलॉजी और सप्लाई चेन को मजबूत करने का लक्ष्य रखा है, जिससे उद्योगों और लोगों के लिए बड़े पैमाने पर ऐप्स बनाए जा सकें। अमेरिका/यूरोप में प्रीमियम MR (Vision Pro) देशों में फैल रहा है और डेवलपर इकोसिस्टम बढ़ रहा है, जिससे कंटेंट और टूल्स को बढ़ावा मिल रहा है।

विशेषज्ञों की राय:

IDC के अनुसार, 2025 में बाजार में किफायती हेडसेट और नई तकनीकों से तेजी आएगी, और MR डिवाइस 2028 तक सबसे ज्यादा बिकने वाले डिवाइस बन सकते हैं। जानकारों का मानना है कि AI और कम दाम वाले स्मार्ट ग्लास की मांग बढ़ेगी, जिससे लोग इसे और ज्यादा अपनाएंगे।

निष्कर्ष:

कुल मिलाकर, 2025 मेटावर्स और VR/MR के लिए एक अच्छा साल हो सकता है। कम दाम वाले हार्डवेयर, AI और नए इस्तेमाल के तरीके बाजार को आगे बढ़ाएंगे। भारत में DPDP एक्ट जैसे नियमों और MeitY-Meta XR स्टार्टअप प्रोग्राम के समर्थन से इनोवेशन और सुरक्षित अपनाने के लिए अच्छा माहौल बन रहा है।

Raviopedia

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